अशोक गहलाेत बोले रमीला के सहयोग को भूल नहीं सकता; उन्होंने सरकार बचाई, जाे मांगेगी वाे स्वीकार करूंगा, मेरा वादा है
मुख्यमंत्री अशाेक गहलाेत शुक्रवार काे कुशलगढ़ के पाेटलिया गांव में प्रशासन गांवाें के संग अभियान में पहुंचे। इससे पहले उन्होंने त्रिपुरा सुंदरी मां के दर्शन किए और वहीं लंच भी किया। 878 दिनाें के लंबे इंतजार के बाद पहुंचे सीएम से इस बार कई घाेषणाओं की उम्मीद थी, लेकिन कुशलगढ़ विधानसभा में दाे अंग्रेजी मीडियम स्कूल की घाेषणा से ही संताेष करना पड़ा।
सीएम गहलाेत और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गाेविंदसिंह डाेटासरा ने कुशलगढ़ विधायक रमीला खड़िया की मांग पर बड़ी सरवा और पाली छाेटी में अंग्रेजी माध्यम स्कूल खाेलने की घाेषणा की। सीएम ने चनावला, पाेटलिया व मुवाला से महुड़ा फला पाड़ला पुल का शिलान्यास भी किया। 24 मिनट के अपने भाषण में सीएम ने कुशलगढ़ विधायक की तारीफों के पुल बांधे, गांधी-नेहरु परिवार का बखान किया और माेदी सरकार पर महंगाई काे लेकर निशाना साधा।
सीएम ने कहा- रमीला खड़िया कुशलगढ़ के विकास के लिए समर्पित हैं। हर काम के लिए झगड़ती हैं। ये भी कहूं ताे संकोच नहीं है कि जब हमारी सरकार में क्राइसिस आया था, सरकार गिराने की साजिश की थी बीजेपी ने, उस वक्त सरकार का साथ देने में रमीला की बड़ी भूमिका थी। इसे हम कैसे भूल सकते हैं। इसलिए समझ लीजिए कि मैं आपकाे क्या कहना चाहता हूं। रमीला ने लंबा-चाैड़ा ज्ञापन दिया है। जिले मेंं मेडिकल काॅलेज खुल रहा है। औद्याेगिक क्षेत्र का विकास हाे रहा है, टेंडर भी हाे गए हैं।
सज्जनगढ़ में काॅलेज खुल गया है। पाेटलिया, महूवा और चनावला का पुल बनेगा। सीएम ने कहा-2 महीने बाद बजट आएगा। इसलिए सब मांगे ताे अभी पूरी हाे नहीं पाएंगी, लेकिन रमीला मांगेगी, उन मांगाें काे मैं स्वीकार करूंगा, ये मैं वादा करता हूं। इस दाैरान प्रदेशाध्यक्ष गाेविंदसिंह डाेटासरा, परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास, प्रभारी मंत्री राजेंद्रसिंह यादव, टीएडी मंत्री अर्जुनसिंह बामनिया, बागीदाैरा विधायक महेंद्रजीतसिंह मालवीया आदि मौजूद थे।
सीएम के नए मंत्रिमंडल में कुशलगढ़ ? रमीला को भरोसे की झप्पी, मालवीया से गुफ्तगु और बामनिया ने मांगा आशीर्वाद
इस तस्वीर के कई राजनीतिक मायने हैं, क्योंकि-मंत्रिमंडल का विस्तार कभी भी हो सकता है। फोटो में विधायक मालवीया सीएम गहलोत से बातचीत कर रहे हैं। जिसे तीसरी सीट पर बैठे मंत्री बामनिया गौर से देख रहे थे। दोनों ही नेताओं में राजनीतिक खींचतान किसी से नहीं छिपी है।
दोनों ही बड़े नेता हैं और मंत्रिमंडल में जगह बनाने के लिए दोनों के बीच होड़ है। मंत्रिमंडल में एक नेता अपनी जगह कायम रखने और दूसरा फिर से जगह पाने की जद्दोजहद में है। ऐसे में मंच पर मौका मिलते ही सभी नेता सीएम गहलोत के करीब आकर अपनी बात करते दिखाई दिए।
वहीं जब मुख्यमंत्री सभास्थल पर पहुंचे तब सभी नेताओं ने कच्चे धागे की माला से उनका स्वागत किया और मंत्री बामनिया ने उनके धोक लगकर आशीर्वाद लिया।सीएम के आते ही विधायक रमीला ने गले लगाते हुए अभिवादन किया तो वहीं सीएम ने भी सरकार बचाने के लिए रमीला को संकटमोचक बताया। जिसके बाद रमीला के भी मंत्रिमंडल में जगह पाने की चर्चाओं ने तुल पकड़ लिया।
रोचक...पोस्टर में पायलट की फोटो नहीं थी, सभा खत्म होते ही डीजे पर बजा ‘पायलट जिंदाबाद’
मुख्यमंत्री के भाषण खत्म होने के साथ कार्यक्रम का भी समापन हो गया, लेकिन सभी नेता मंच से उतरकर रवाना हो गए। इस दौरान डीजे पर सचिन पायलट का गाना बज गया। जिसमें सचिन पायलट जिंदाबाद, पायलट जिंदाबाद था। मुख्यमंत्री अशाेक गहलाेत ने 24 मिनट का भाषण दिया। जिसमें राज्यमंत्री अर्जुनसिंह बामनिया का सिर्फ एक बार जिक्र किया वाे भी मंच पर माैजूद लाेगाें के नाम लेने के दाैरान। वहीं बागीदाैरा विधायक महेंद्रजीतसिंह मालवीया का मुख्यमंत्री ने सबके साथ नाम लेने के अलावा 3 अन्य बार बीच बीच में नाम लिया।
घोषणा : आदिवासियाें के विकास के लिए महाराष्ट्र की तर्ज पर प्रदेश में नया पैटर्न लाएंगे
आदिवासियाें के विकास के बारे में पूछे जाने पर सीएम ने कहा कि इसके बाद में आदिवासी ही बता सकते है। सरकार अपने स्तर पर प्रयास करती है। टीएसपी अलग से बना रखा है। इसके अलावा आदिवासी क्षेत्राें के विकास के लिए महाराष्ट्र पैटर्न की तरह नया पैटर्न ला रहे है।
जिससे आदिवासी इलाकाें का विशेष ध्यान रखा जाएगा। इस दाैरान शिक्षा मंत्री गाेविंदसिंह डाेटासरा, परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास, प्रभारी मंत्री राजेंद्रसिंह यादव, टीएडी मंत्री अर्जुनसिंह बामनिया, बागीदाैरा विधायक महेंद्रजीतसिंह मालवीया, कुशलगढ़ विधायक रमीला खड़िया माैजूद रही।
महाराष्ट्र पैटर्न के अनुसार प्रदेश में जितनी प्रतिशत आबादी जनजाति वर्ग की है, उसी के अनुपात में स्टेट के बजट में
जनजाति वर्ग के विकास के लिए अलग से बजट निर्धारित किया जाता है। ताकि आदिवासी इलाकाें के लाेगाें के उत्थान और विकास में काम आ सके। राजस्थान में वर्तमान में जनसंख्या के अनुपात में बजट नहीं है। अभी नाेशनल बजट दिया जा रहा है। महाराष्ट्र पैटर्न की दूसरी खासियत है कि स्टेट में जनजाति के लिए बना विभाग पूरी तरह से अलग है।
जिसमें एक अलग से कैडर बना हुआ है। जहां काम करने वाले सभी अधिकारी और कर्मचारी जनजाति डिपाटमेंट के अधीन हाेते हैं। वर्तमान में राजस्थान में जनजाति विभाग की बात करें ताे ये विभाग काम ताे कर रहा है, लेकिन यहां काम करने वाले ज्यादातर कार्मिक दूसरे विभागाें से प्रतिनियुक्ति पर काम कर रहे हैं।
बांसवाड़ा को क्या मिला?
1. पावर प्लांट लगा रहे हैं - सीएम ने कहा-बिजली के लिए पावर प्लांट लगा रहे हैं। साेलर प्लांट लगा रहे हैं। हमारा इरादा था बांसवाड़ा में लगाने का, इसलिए आपके रतलाम से डूंगरपुर रेल का हमने फैसला किया था, लेकिन सरकार बदलने से काम रूक गया। अभी तक हमारी लड़ाई जारी है। केंद्र सरकार काे हम कहते रहते हैं कि यह पिछड़ा हुआ क्षेत्र है। आदिवासी इलाका है इसलिए यहां रेल का रास्ता बनना चाहिए।
2. अंग्रेजी माध्यम स्कूल खुलने से बंद हुए निजी स्कूल - प्राइवेट स्कूल बंद हाे रहे हैं कई जगह। जाे फीस लेते हैं 50 हजार 1 लाख। दाे साल में 123 काॅलेज खोले हैं। हमनें घाेषणा कर रखी है कि जिस स्कूल में 500 से अधिक छात्राएं हाेंगी वहां गर्ल्स काॅलेज खाेल दी जाएगी। नरेगा में एक समय था, जब ये आपके मालवीया जी प्रमुख थे, अभी उनकी पत्नी प्रमुख हैं।