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छात्रवृति में 97.78 लाख का घोटाला, विभाग की चार्जशीट, फिर भी रोकड़िया 3 साल से बने बैठे हैं सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष

Banswara
छात्रवृति में 97.78 लाख का घोटाला, विभाग की चार्जशीट, फिर भी रोकड़िया 3 साल से बने बैठे हैं सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष
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राहुल गांधी की टिप्पणी पर चर्चा में रोकड़िया, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने की बर्खास्त करने की मांग


वित्तीय सलाहकार लिख रहे हैं, रिकवरी के लिए
बांसवाड़ा बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) अध्यक्ष दिलीप रोकड़िया इन दिनों राहुल गांधी के वीडियो और विवादित टिप्पणी को लेकर चर्चा में हैं, जिसको लेकर विरोध प्रदर्शन भी हो रहा है। भास्कर की पड़ताल में सामने आया है कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग में जिला अधिकारी के पद पर रहते हुए दिलीप रोकड़िया ने छात्रवृत्ति में 9778 लाख का अनियमितता बरतते हुए भुगतान कर दिया, जिसको लेकर विभाग की जांच के बाद रोकड़िया को जांच चार्जशीट तक थमा दी गई। साथ ही 97.78 लाख की रेकवरी को लेकर वित्तीय सलाहकार सतीश चंद्र गोयल बार-बार लिख रहा है, लेकिन अभी तक रिकवरी नहीं हो सकी है। रोकड़िया के 2007 से लेकर 2010 के कार्यकाल का मामला है। साथ ही विभाग ने 17 जुलाई-2022 को फिर स्किकी के फिर से जिले के अधिकारियों को लिखा है। यह स्किवरी बाकायदा रोकड़िया के नामजद है। उसके अलावा 2019 से लेकर नवंबर 2022 तक सहयोग एवं पालनहार योजना में भी फर्जी भुगतान में भी रोकड़िया अधिकारी रहे थे। लेकिन अब सवाल खड़ा हो रहा है कि जिनके कार्यकाल में 97.78 लासखबों रुपए का भ्रष्टाचार हुआ है, जिनको चार्जशीट तक मिल गई है, सस्कार ने पेंशन तक रोक रखी है, फिर भी रोकड़िया को बाल कल्याण समिति अध्यक्ष का राजनीतिक लाभ क्यों दिया गया।

० 97.78 लाख का विभाग के पास रिकॉर्ड तक नहीं : छात्रवृत्ति में कल के चलते तात्कालीन अधिकारी दिलीप रोकड़िया की सेवानिवृत्त होने के 3 साल बाद भी पेंशन बंद है। सरकार ने पेंशन के साथ ही पीएफ सहित अन्य सुविधाओं पर रोक लगा रखी है। खास बात यह है कि सरकार ने जिला बाल कल्याण समिति से 97.78 लाख की छात्रवृत्ति का रिकॉर्ड मांगा, लेकिन उसके बाद में विभाग ने यह कहते हुए मना कर दिया कि रसीदें ज्यादा होने के चलते फोटो कॉपी उपलब्ध करवा पाना संभव नहीं हैं, इसलिए इसे निरस्त किया जाए, लेकिन विभाग ने निरस्त नहीं की और रिकवरी के लिए लिख रहे हैं। खास बात यह है कि विभाग के पास 97.78 लाख का रिकॉर्ड तक नहीं हैं। साथ ही अभी सीएजी की ऑडिट भी पेंडिंग हैं।

# ऑडिट पेर बना हुआ है। अभी असल हुआ नहीं हैं। लेकिन रिकवरी तो निकली हुई है। हमारे पास अकाउंटेंट नहीं हैं; इस वजह से रिकवरी का मामला पडिंग चल रहा है। मेरे आने के बाद अभी तक अकाउंटेंट नहीं आया है। -हेमंगी निनामा, सहायक निदेशक, समाज कल्याण विभाग

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