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आक्रामक होते पैंथर ; 46 दिन में 7 बार आबादी क्षेत्र में घुसे, 7 इंसानों को जख्मी किया, चार मवेशियों को बनाया शिकार

Banswara
आक्रामक होते पैंथर ; 46 दिन में 7 बार आबादी क्षेत्र में घुसे, 7 इंसानों को जख्मी किया, चार मवेशियों को बनाया शिकार
@HelloBanswara - Banswara -

सागवान बाहुल्य बांसवाड़ा संभाग के जंगल गर्मी बढ़ते ही सूखने लगे हैं। इसके चलते शिकार और पानी की तलाश में वनों से बाहर निकल रहे पैंथर और वन्यजीवों की इंसानों से झड़प बढ़ गई है। बीते 46 दिनों में बांसवाड़ा, डूंगरपुर और प्रतापगढ़ में पैंथर के आबादी इलाकों में घुसपैठ कर हमले की 7 घटनाएं हो चुकी हैं। इनमें 7 इंसान जख्मी तक हो चुके हैं, जबकि 4 मवेशियों को अपना शिकार बनाया है।

एक मामले में पैंथर को भी ग्रामीणों के गुस्से का शिकार भी होना पड़ा और उसे मार डाला गया। उल्लेखनीय है कि वन्यजीव गणना में बांसवाड़ा में सालभर में 74 और डूंगरपुर में 69 पैंथर नगर आए थे।।

कई बार पैंथर के आबादी इलाके में घुस आने पर टैंक्युलाइज करने के लिए विशेषज्ञों की कमी के चलते बाहर से टीम के आने का इंतजार करना पड़ता हैं। इस दौरान पैंथर के आक्रामक हो कर हमले की आशंका बढ़ जाती है। बांसवाड़ा-डूंगरपुर व प्रतापगढ़ के वन क्षेत्रों में 100 से भी अधिक पैंथर का बसेरा है। ऐसे में गर्मियों में लगातार बढ़ रहे हमलों ने वन सीमा से सटी बस्तीयों के ग्रामीणों की चिंता बढ़ा रही है। -2 फरवरी: अंबापुरा के रूपारेल में खेत में काम कर रहे बुजुर्ग पर वन्यजीव ने हमला कर जख्मी कर दिया।

गुस्साए ग्रामीणों ने पत्थरों से मार डाला। घायल बुजुर्ग ने वन्यजीव सियार होने की आशंका जताई थी। - 8 फरवरी : माहीडैम मार्ग पर लक्ष्मणगढ़ झरी गांव में मादा पैंथर घायल हालत में मिली। उसे रेस्क्यू कर उदयपुर ले जाया जा रहा था कि रास्ते में उसकी मौत हो गई। पैंथर के पैर में घाव था और कीड़े पड़ गए थे। - 10 फरवरी: आंतरी के उपला घरा नोकना गांव में पैंथर आबादी में घुस आया।

दो मवेशियों पर हमला किया। बीच बचाव में आए तीन ग्रामीणों पर भी हमला घायल कर दिया। रेस्क्यू टीम 6 घंटे बाद पहुंची तब तक ग्रामीणों ने पैंथर को मार डाला। - 10 मार्च: वन नाका झाडोली के उल्टन गांव में पैंथर ने दहशत मचा रखी थी। यहां पैंथर रात में गांव में घुसपैठ कर दो मवेशियों का शिकार कर डाला। बाद में वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू कर आरामपुरा वनक्षेत्र में छोड़ा। - 12 मार्च : भूंगड़ा गांव में मवेशी चरा रही किशोरी रवीना पर पैंथर ने हमला कर दिया।

युवती लहूलुहान हो गई। बाद में जख्मी हालत में उसे एमजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। - 13 मार्च: महुड़ी फला वसुआ गांव में पैंथर घुस आया। घर के बाहर काम कर रहे एक ही परिवार के 5 लोगों पर हमला कर जख्मी कर दिया। उदयपुर से आई वन विभाग की टीम ने खासी मशक्कत के बाद पैंथर पर काबू पाया। - 17 मार्च : डूंगरपुर के गोवाड़ी में भीखा भाई नहर की सफाई के दौरान पैंथर एकाएक कर्मिकों के सामने आ गया।

हालाकि ट्रैक्टर और दूसरे मशीनों की आवाज के चलते पैंथर वहां से भाग गया।

^डूंगरपुर में पैंथर हमले बढ़े। यह सही है कि जंगलों में पीने के प्राकृतिक स्त्रोत सूख चुके है। विभाग की ओर से पैंथर प्रभावित वनक्षेत्रों में हौज खोदकर ट्रैंकरों से पानी डलवाएंगे, ताकि वन्यजीवों का आबादी की ओर रुख रोका जा सके। -रंगास्वामी, उपवन संरक्षक डूंगरपुर

^हमारे यहां जंगलों के किनारे खेत हैं। इन दिनों गेहूं की फसल कट रही है। वन्यजीवों के आबादी इलाकों तक पहुंचने की यह सबसे बड़ी वजह है। क्योंकि, खेत में गेहूं और मक्के की फसल होने से नमी होती है।

जिस वजह से वन्यजीव जंगल से निकल वहां दुबके रहते हैं। दूसरी वजह है सागवान के जंगल। सागवान गर्मी बढ़ते ही सूख जाते हैं। इससे शिकार मुश्किल हो जाता है। तीसरी वजह है पानी की कमी। प्राकृति स्त्रोत इन दिनों लगभग पूरी तरह सूख चुके होते है। डूंगरपुर में तो स्थिति और भी गंभीर हो जाती है। हमने आंतरी वनक्षेत्र में गर्मियों में हौज खोदकर टैंकर से पानी डलवाया था, जिससे काफी हद तक वन्यजीवों का मूवमेंट आबदी इलाकों की ओर से रोकने में मदद मिल सकती है। ^बांसवाड़ा में माही नहर और माही बैक वाटर होने से स्थिति उलट है, हालांकि कुछ वनक्षेत्रों में पेयजल का संकट है। यहां डूंगरपुर की अपेक्षा वन्यजीवों के हमलों के मामले कम हैं। -जिगनेश शर्मा, उपवन संरक्षक बांसवाड़ा -3 फरवरी : लिलवासा पंचयत के जसपुरा झापका के जंगल में 3 फरवरी को भीषण आग लग गई। कुछ ही देर में जंगल ने एक बड़े इलाके को अपनी चपेट में ले लिया।

झाड़ियां और घास जलकर राख हो गई। - 29 फरवरी: शहर से सटी मंदारेश्वर पहाड़ी आधी रात धधक उठी। आग इतनी भीषण थी कि लपेटे शहर में दूर तक दिखाई देने लगी। ढाई घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। सज्जनसिंह राठौड़, सेवानिवृत्त, क्षेत्रीय वन अधिकारी एक माह पहले नोकना में पैंथर को मार डाला था।

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