बांसवाड़ा में 150 भवन जर्जर, कलेक्टर ने गिराने के लिए मांगे प्रस्ताव, अधिकारियों ने नहीं दिए
समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित कुशलगढ़ कस्बे के राजकीय अंबेडकर बालक छात्रावास भवन नाकारा घोषित हाेने के छह साल बाद भी नहीं गिराया गया। नतीजतन जर्जर भवन के ढहने से तीन बच्चों की माैत हाे गई। इसके अलावा भी जिले में कई हादसे हुए हैं। इसी काे देखते हुए जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह ने नाकारा घोषित जर्जर भवनाें काे गिराने का आदेश जारी किया। लेकिन अब तक उन्हें गिराने की काेई कार्रवाई
नहीं हुई। कलेक्टर ने एेसे भवनाें काे गिराने के लिए तीन सदस्यी कमेटी गठित की है। जिसमें कलेक्टर प्रतिनिधि के रूप में संबंधित क्षेत्र के एसडीएम, पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण या अधिशासी अभियंता तथा जिस विभाग का भवन है, उसके जिलाधिकारी शामिल किए हैं। विभाग के अधिकारी कलेक्टर काे नाकारा व ध्वस्त करने लायक भवनाें काे बताते हुए गिराने की अनुमति लेंगे। विभाग चाहे ताे कमेटी के अन्य मेंबर्स की उपस्थिति में
अपने स्तर भी इस भवन काे गिरवा सकता हैं। इसके अलावा पीडब्ल्यूडी के जरिए 30 लाख रुपए तक के खर्च की सीमा तक भवन काे गिरवा सकता है। कलेक्टर ने पिछले दिनाें इस अाशय का पत्र सभी विभागों के जिलाधिकारियों काे भिजवा दिया। इसके बाद गत दिनाें हुई जिलाधिकारियों की बैठक में भी यह बात दोहराते हुए विभागों से प्रस्ताव मांगे, लेकिन दुर्भाग्य से इक्का-दुक्का मामले काे छाेड़ कर किसी भी विभाग ने अपने नाकारा भवनाें काे गिराने के प्रस्ताव कलेक्टर काे नहीं िभजवाए। यदि समय रहते प्रस्ताव मिल जाए ताे बारिश के दाैरान ढहने लायक स्थिति में अा चुके एेसे भवनाें काे गिरा कर किसी भी संभावित हादसे काे टाला जा सकेगा।