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लुधियाना की कंपनियों ने धागा भेजने के नाम पर 1.47 करोड़ ठगे, पॉलिसी के नाम की वसूली

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लुधियाना की कंपनियों ने धागा भेजने के नाम पर 1.47 करोड़ ठगे, पॉलिसी के नाम की वसूली
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लुधियाना की कंपनियों ने धागा व्यापारी के साथ 1.47 करोड़ रुपए की ठगी की है। आरोपियों ने उन्हें कंपनी की पॉलिसी का हवाला दिया था। वहीं दूसरी कंपनियों से भी संपर्क कराया था। इसको लेकर श्रीजी ट्रेडिंग कंपनी के प्रोपराइटर की ओर से धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज व षड्यंत्र रचने की धाराओं में कोर्ट के आदेश पर रिपोर्ट दर्ज की गई है।

खांदू कॉलोनी निवासी जनमेश की ओर से दर्ज रिपोर्ट के मुताबिक भापोर रोड नया गांव में श्रीजी ट्रेडिंग एवं बाहुबली ट्रेडिंग कंपनी के वह प्रोपराइटर हैं। 2021 के मई-जून में उनकी फर्म पर लुधियाना के 586 दुग्री रोड बसंत एवेन्यु नियर वाटर टेंक निवासी लक्ष्य शर्मा और उसके पिता नीलकंठ शर्मा आए। दोनों ने कहा कि उनकी पशुपति इन कॉरर्पोशन के नाम से धागा फैक्ट्री है। वह दूसरी फैक्ट्रियों से माल खरीदते हैं। पीड़ित ने बातचीत कर साथ में कामकाज करना शुरू कर दिया। लगभग 4 माह तक उनसे लेनदेन भी सही चला। एक दिन आरोपियों ने फोन पर बात की और अगर माल चाहिए तो वह लोग उनकी फर्म से माल खरीदेंगे, ऐसा नहीं होने पर वह अपने साथ दूसरी कंपनियों से माल नहीं भिजवाएंगे। इसके बाद से आरोपी माल भेजने के बाद अधिक रकम का बिल भेजने लगे। इस तरह आरोपियों के पास कुल 1,12,94,287 रुपए पहुंच गए। पीड़ित ने रुपए के बदले माल मांगा तो टाल मटाले करने लगे। इसके बाद फर्जी बिल बनाकर भेजने लगे। विरोध पर बिल को कैंसिल करने की बात कह दी। आरोपियों से एडवांस में गई रकम देने को कहा तो कहने लगे कि वह दूसरी फैक्ट्री से माल दिलवा देंगे। इसके बाद फेबयान नामक कंपनी से माल दिलाने के लिए कहा।

आरोपियों ने अवि वंश टेक्सटाइल्स प्राइवेट लिमिटेड डेरा बस्ती लुधियाना के सीईओ जतिन खंडेलवाल से संपर्क कराया। इसके बाद जतिन के साथ ही कंपनी के आरोपी मालिक अनिल संपर्क मेंं रहे। उनके कहने पर 60 लाख रुपए जिन्होंने 22-23 लाख का माल भेजा। इसके बाद दोबारा 60 लाख लिए और 25 लाख का माल भेजा।

इस तरह आरोपी लक्ष्य शर्मा, नीलकंठ शर्मा, जतिन खंडेलवाल और अनिल ने 1.12 करोड़ रुपए और जतिन खंडेलवाल व अनिल ने अपनी कंपनी से 35 लाख रुपए का माल नहीं भेजा। इस मामले में कई बार शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। आरोपियों ने फोन उठाना बंद कर दिया आैर बाद में व्यापारियों ने मीटिंग कर इकरारनामा भी उनके पक्ष में लिखवा दिया। इसके बाद भी आरोपियों ने रुपए और माल में से कुछ भी नहीं दिया। अब पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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