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डिस्कॉम की हेल्प डेस्क को मदद की जररूरत: 8 करोड़ के टेंडर के बाद भी उपभोक्ता को नहीं मिल रही सुविधा

Banswara
डिस्कॉम की हेल्प डेस्क को मदद की जररूरत: 8 करोड़ के टेंडर के बाद भी उपभोक्ता को नहीं मिल रही सुविधा
@HelloBanswara - Banswara -

अजमेर डिस्कॉम के 11 जिलों में खोली गई 189 हेल्प डेस्क को ही हेल्प की जरूरत है। डिस्कॉम की ओर से पिछले साल किया यह नवाचार एक साल भी सुचारू रूप से नहीं चल पाया। कंज्यूमर के लिए शुरू की गई यह सुविधा फ्लॉप शो साबित हो रही हैं। कहीं पर ताले लगे है तो कहीं पर व्यवस्थाएं सुचारू नहीं है। इस बात को डिस्कॉम के अधिकारी भी मानते हैं। जबकि इसके लिए डिस्कॉम ने एक निजी कंपनी को 8 करोड़ 27 लाख रुपए का टेंडर जारी किया। डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक एनएस निर्वाण ने 21 जून 2022 को मदार स्थित उपखंड कार्यालय से इन 189 हेल्प डेस्क का उद्घाटन किया।

इस दौरान हेल्प डेस्क के माध्यम से कंज्यूमर की समस्याओं के समाधान का दावा किया। खास बात यह रही कि डिस्कॉम मुख्यालय के मदार सहायक अभियंता कार्यालय के हेल्प डेस्क पर भी ताले लगे हैं। बताया जाता है कि भुगतान समय पर नहीं होने के कारण ठेकेदार कंपनी ने कईं जगह पर इसका संचालन बंद कर दिया है।

डिस्कॉम ने इसकी शुरुआत तो कर दी, लेकिन ठेकेदार कंपनी की ओर से शर्तों के मुताबिक इंतजाम नहीं किए। कईं जगहों से लगातार शिकायतें भी मिल रही थी। सहायक अभियंताओं ने भी उच्च अधिकारियों को इसकी शिकायतें की। इसके लिए ठेकेदार कंपनी साईफ्यूचर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड नोएडा को नोटिस भी दिए जाते रहे। इसके बावजूद कोई सुधार नहीं हुआ। वर्तमान में कईं जगह पर इसका संचालन बंद है।

बांसवाड़ा में 8 सहित कुल 189 हेल्प डेस्क की स्थापना की : अजमेर सिटी सर्किल और जिला सर्किल में 20, भीलवाड़ा सर्किल में 18, उदयपुर सर्किल में 24, राजसमंद सर्किल में 13, चित्तौड़गढ़ सर्किल में 15, प्रतापगढ़ सर्किल में 7, डूंगरपुर सर्किल में 8, नागौर सर्किल में 28, बांसवाड़ा सर्किल में 8, झुंझुनूं सर्किल में 19, सीकर सर्किल में 27 तथा आईटी सेल कार्यालय में 2 हेल्प डेस्क सहित कुल 189 हेल्प डेस्क की स्थापना की गई थी।

शर्तों के अनुसार काम नहीं किया, फर्म का भुगतान रोका है कार्रवाई करेंगे-एसई : इस संबंध में अधीक्षण अभियंता (आईटी) वीके संचेती ने माना कि कईं जगह हेल्प डेस्क बंद पड़ी है। उन्होंने कहा कि ठेकेदार कंपनी ने शर्तों के अनुरूप व्यवस्थाएं नहीं की और प्रॉपर इंतजाम नहीं किए। लगातार शिकायतें मिल रही थी। इसको लेकर फर्म को भुगतान भी रोक दिया है। आगे भी फर्म के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है।

हेल्प डेस्क को इस तरह से करना था काम : उपभोक्ता हेल्पडेस्क पर अपनी शिकायतों एवं अनुरोधों के पंजीकरण के लिए सीधे संपर्क कर सकते हैं। हेल्पडेस्क के कर्मचारी सिस्टम में पूर्व-निर्धारित प्रारूप में अपनी शिकायतें दर्ज करेंगे। इसके लिए हेल्पडेस्क एजेंट द्वारा उपभोक्ताओं को सभी प्रकार की सहायता की जाएगी। उपभोक्ताओं द्वारा अनुरोध एवं शिकायतें दर्ज की जाती हैं और आवेदन में स्थिति को अपडेट करेगा। शिकायत दर्ज करने के तुरंत बाद एजेंट शिकायतकर्ताओं को पंजीकरण संख्या प्रदान एवं सूचित करेगा।

हेल्पडेस्क एसएमएस या अन्य माध्यम से ट्रैक रिकॉर्ड के साथ उपभोक्ता शिकायतों के समाधान के लिए जल्दी कार्रवाई के लिए संबंधित उप-मंडलों और उपभोक्ताओं के बीच समन्वय करेगा। संबंधित अधिकारियों, जेईएन, एईएन, एक्सईएन को समग्र स्थिति और वृद्धि के बारे में रिपोर्ट करना। हेल्पडेस्क के एजेंटों को मोबाइल ऎप टेलीफोन के माध्यम से डिस्कॉम, सीसीसी और उपभोक्ताओं को एप से कॉल करना और प्राप्त करना होगा। शिकायत के समाधान के बाद हेल्पडेस्क एजेंट शिकायत के समाधान में लगने वाले कुल समय को अपडेट और रिकॉर्ड करेगा।

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