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7 साल में 11 बार शिकायत, अब भी जांच नहीं: निर्माण कामों में घोटालों की फाइल कमेटी से आगे नहीं बढ़ी

Banswara
7 साल में 11 बार शिकायत, अब भी जांच नहीं: निर्माण कामों में घोटालों की फाइल कमेटी से आगे नहीं बढ़ी
@HelloBanswara - Banswara -

बांसवाड़ा में ग्राम पंचायत स्तर पर नए निर्माण कामों में हुए कथित घोटालों को लेकर सात साल में भी जांच पूरी नहीं हुई है। करोड़ों के इस गबन को लेकर ग्रामीणों की ओर से सबूत के तौर पर कागज भी मुहैया कराए गए। 2016 से 2019 के बीच करीब 10 बार प्रशासनिक अमले और जिम्मेदारों को शिकायत की गई लेकिन सभी प्रयास बेनतीजा रहे।

हालांकि भ्रष्टाचार के विरोध में खड़े ग्रामीणों ने इतने के बावजूद हिम्मत नहीं हारी। वह आज भी सच के साथ खड़े होकर लड़ाई लड़ रहे हैं। ग्रामीणों ने डकारकुंडी ग्राम पंचायत में हुए घोटालों से जुड़ी पुरानी शिकायत अबकी बार जिला प्रमुख रेशम मालवीया से की है। कलेक्टर, मुख्य कार्रवाई अधिकारी, बीडीओ के बाद इस बार उन्होंने जिला प्रमुख पर विश्वास जताया है। उम्मीद जताई कि जो काम पहले नहीं हुआ। अब हो जाएगा।


ये था पूरा मामला
दरअसल, ग्रामीणों की ओर से ग्राम पंचायत डकारकुंडी में साल 2015 से 2019 के बीच स्वीकृत 35 निर्माण कामों के गड़बड़ियों की शिकायत हुई थी। इसमें 15 CC सड़कें, 19 ग्रेवल सड़कों और एक पुल निर्माण के लिए 3 करोड़ 42 लाख रुपए स्वीकृत हुए थे। इसके दो करोड़ 90 लाख 26 हजार रुपए से अधिक राशि खर्च भी हो चुकी है। मामले में शिकायत कर्ता ग्रामीणों का आरोप है कि ये काम धरातल पर हुए ही नहीं हैं। इन कामों में फर्जीवाड़ा कर भुगतान उठा लिया गया है।

ACB में भी शिकायत
ग्रामीणों का आरोप है कि भ्रष्टाचार से जुड़े मामले की वह ACB में भी शिकायत कर चुके हैं। लेकिन, आज तक मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों का आरोप है कि उन्होंने सबसे पहली बार 11 नवंबर 2016 को इस भ्रष्टाचार की शिकायत की थी। इसके बाद 21 और 24 नवंबर, 6 फरवरी 2017, 31 मई, 30 अक्टूबर 2017, 6 फरवरी 2018, 8 मार्च 2018, 6 मई 2019 और 29 नवंबर 2022 को प्रशासनिक अधिकारियों के साथ जनप्रतिनिधियों को शिकायत कर चुके हैं। लेकिन, आज दिन तक मामले में सुनवाई नहीं हुई है।

शिकायत देकर जिला परिषद कार्यालय से बाहर निकले शिकायत कर्ता।
शिकायत देकर जिला परिषद कार्यालय से बाहर निकले शिकायत कर्ता।

संभागीय आयुक्त के आदेश रद्दी में
ग्रामीणों ने बताया कि मार्च 2017 में उदयपुर के संभागीय आयुक्त ने जिला परिषद के तत्कालीन मुख्य कार्यकारी अधिकारी को जांच करवाकर तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने को कहा था। इसके बाद कई सीईओ बदल गए, लेकिन जांच वहीं की वहीं अटकी है। इसी तरह 3 मार्च 2017 को ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के उप शाासन सचिव ने भी सीईओ को जांच के निर्देश दिए थे। इसके बाद विभागीय जांच केवल जांच कमेटी बनने तक रह गई। आगे इन आदेशों पर कोई अमल नहीं हुआ।

मिली है शिकायत, जांच करवाएंगे
इधर, जिला प्रमुख रेशम मालवीया ने कहा कि ग्रामीणों की ओर से उनको भी शिकायत की गई है। विधि सम्मत जो भी कार्रवाई है। पूरी कराएंगे।

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