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जिस रहते 10 करोड़ का घोटाला, उसमें शामिल टीएडी मंत्री की डिजायर पर बने थे स्वच्छ परियोजना प्रबंधक

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जिस रहते 10 करोड़ का घोटाला, उसमें शामिल टीएडी मंत्री की डिजायर पर बने थे स्वच्छ परियोजना प्रबंधक
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टीएडी छात्रावासों में फर्नीचर खरीद में घोटाला साबित होने के बाद सिर्फ फर्म पर कार्रवाई, अफसरों को बचाया

|| विज्र्यपाल डूडी 
टीएडी विभाग में फर्नीचर खाद में हुए में हुए 10 करोड़ के घोटाले में सबूत होने के बावजूद अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होने के मामले में अब नया मोड़ आया है। इंवेस्टिगेशन में सामने आया कि स्वच्छ परियोजना के प्रबंधक और जांच कमेटी के सदस्य राजेश जैन की निगरानी के बावजूद यह पूरा घोटाला हुआ है। इसमें खास बात यह है कि जैन को टीएडी मंत्री अर्जुन बामनिया की अनुशंसा पर लगाया गया था। इसी वजह से अभी तक एक भी अधिकारी पर कार्रवाई नहीं की गई है। जबकि जांच में सबूत मिलने के बाद राज्यपाल ने भी कार्रवाई के लिए आदेश जारी किया था।
विभाग ने केवल ठेका फर्म के खिलाफ कार्रवाई कर अफसरों को बचा लिया। जबकि समिति के सभी सदस्यों की निगरानी में पूरी खरीद प्रक्रिया हुई थी। स्वच्छता परियोजना के प्रबंधक राजेश जैन की निगरानी में घोटाला तो हुआ ही, साथ ही क्रय समिति की मॉनिटरिंग का जिम्मा भी उनके ही पास था। मंत्री बामनिया पर जैन को बवचाने का आरोप इसलिए भी लगा रहा है क्योंकि, उन्हीं की सिफारिश पर कंम्प्यूटर प्रोग्रामर की पोस्ट पर लगे राजेश जैन को प्रबंधक का जिम्मा दिया था। मंत्री मामनिया ने टीएडी आयुक्त एवं पदेन अध्यक्ष (स्वच्छ) को निर्देश करते हुए संयुक्त निदेशक(कृषि) अनुराग भटनागर से अतिरिक्त चार्ज से हटाकर सन 1996 में लगे कंप्यूटर प्रोग्रामर की पोस्ट पर नियुक्त राजेश जैन को प्रबंधक नियुक्त करने के आदेश जारी करने के लिए कहा था।

टेंडर में उद्योग विभाग का प्रतिनिधि होना जरूरी, नहीं लिया, राज्यपाल के आदेश पर भी कार्रवाई नहीं
टीएडी विभाग द्वारा स्वच्छ परियोजना को कार्यकारी एजेंसी नियुक्त कर फर्नीचर खरीदने के निर्देश दिए। स्वच्छ परियोजना की ओर से फर्नीचर का टेंडर जारी किया गया। इसके लिए स्वच्छ निदेशक ने क्रय समिति का गठन किया। जिसमें टीएडी विभाग से वित्तीय. सलाहकार आलोक सैनी, अधीक्षण अभियंता हरीश कुमावत, उपनिदेशक शिक्षा राधेश्याम शर्मा, राजेश जैन परियोजना प्रबंधक, निदेशालय के सहायक लेखाधिकारी भरत व्यास, निदेशालय से सहायक परियोजना अधिकारी त्रिभुवन सिंह चावड़ा को शामिल किया। जबकि नियमानुसार इस निविदा की क्रय कमेटी में उद्योग विभाग के प्रतिनिधि को नहीं लिया। सरकार की अधिसूचना के अनुसार सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग के लिए आरक्षित निविदा में उद्योग विभाग के प्रतिनिधि को शामिल को किया जाना अनिवार्य है। कहीं क्रय कमेटी के लिए जारी आदेश में यह भी स्पष्ट नहीं किया कि क्रय कमेटी की अध्यक्षता कौन करेगा। वहीं अगर टीएडी विभाग के अधिकारियों को ही टेंडर करना था तो फिर स्वच्छ परियोजना को कार्यकारी एजेंसी बनाकर 38 लाख रुपए का भुगतान क्‍यों किया। इसे लेकर ऑडिट रिपोर्ट में भी सवाल खड़े किए जा चुके हैं।

सीधी बात

नियम तोड़कर तो लगाया नहीं, जांच हो रही है, दोषियों पर कार्रवाई तो होगी - अर्जनसिंह बामनिया, टीएडी मंत्री
Q. टीएडी में फर्नीचर घोटाले में अधिकारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही?
A. जो दोषी होगा सब पर कार्रवाई होगी, कोई नहीं बचेगा। कार्रवाई हो भी रही है।
Q. आरोप है कि आपकी सिफारिश पर जैन लगा, इसलिए कार्रवाई नहीं हो रही? 
A. ऐसा कुछ नहीं है, हमने कोई नियम तोड़कर थोड़ी लगाया है। नियमों से लगा है। आरोप लगाने से क्‍या है, आरोप तो कुछ भी लगाते रहो।
Q. राज्यपाल ने भी आदेश दिए, क्या कार्रवाई होगी?
A. कमेटी बनी हुई है, जांच कर रही है। कार्रवाई भी हो रही है।

निविदा से जुड़े कार्यों की क्रय समिति कमेटी की जिम्मेदारी
“टेंडर प्रक्रिया को लेकर बनाई 6 सदस्यीय कमेटी की ही पूरी जिम्मेदारी थी। इसमें टेंडर के नियम तय करना, तय मापदंडों से टेंडर आमंत्रित करना, प्राप्त निविदाओं की जांच करना, फर्म द्वारा सप्लाई किए माल की कमेटी द्वारा जांच करवाना और फर्म को भुगतान करवाना समेत निविदा से जुडे सभी कार्य क्रय कमेटी के जिम्मे होते हैं, विभाग को जून-2022 में प्राप्त शिकायतों में क्रय कमेटी पर लगाए आरोपों पर भी निर्णय नहीं ले पाया है।

पहले भी मंत्री की सिफारिश पर लगे अधिकारी पर एसीबी ने की कार्रवाई

मंत्री बामनिया द्वारा यह निर्देश दिए कि संयुक्त निदेशक (कृषि) एवं स्वच्छ परियोजना के दोनों पदों का पूर्व की तरह ही अलग-अलग रखा जाना उचित होगा। दोनों पदों को अलग-अलग किया। इसके बाद इस पद पर सेवानिवृत्त संयुक्त निदेशक (कृषि) पंकज मिश्रा को संबिदा पर लगाने के लिए मंत्री बामनिया ने ही सिफारिश की गई। दिसंबर 2020 में एसीबी द्वारा स्वच्छ परियोजना में कार्रवाई कर 5 करोड़ सहित गड़बडिय़ों का खुलासा किया। पंकज मिश्रा, भरत व्यास व अन्य कर्मचारियों पर केस दर्ज किया।


By Bhaskar

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