Madareshwar Mandir
यह मंदिर अरावली शृंखलाओ की पहाड़ी पर प्राचीन काल से है. कई वर्षों पूर्व यहाँ पर एक संत ने कई वर्षों तक तपश्या करी, और उन्ही संत ने यहाँ पर शिव लिंग की प्रतिष्ठा (स्थापना) गुफा के अन्दर करी.
शिव लिंग के समीप एक बहुत ही बड़ा गड्डा था जिसे पहाड़ियों को काटकर इस गड्डे को भरा गया, ताकि दर्शनार्थियों को असुविधा न हो, और यहीं पर मदार साहब के नाम मज़ार (जिन्दावली) भी है. जिनकी व्यवस्था मंदिर के संस्थापक ही सँभालते है.
दन्त मदारेश्वर सेवा संस्थान के द्वारा इस स्थल की व्यवस्था की जाती है. इस संस्था के व्यवस्थापक श्री प्रेमकांत जी जोशी है. यहाँ पर गोऊ शाला, और बहुत ही पुराने बड , बिल, पीपल, कल्प वृक्ष , बगीचा, और प्राकृतिक झरना है. मदिर से से और ऊपर जाने के लिए कुछ दुरी तक सीडिया है और बाकि कच्चे रस्ते से ऊपर तक जाया जा सकता है. ऊपर ॐ व त्रिशूल की आकृति पत्थरों द्वारा बने गई है. जो की हमें इसे शहर के किसी भी जगह से देख सकते है. इन्ही आकृति से मदारेश्वर की पहचान होती है.
यह स्थल धार्मिक और प्राकृतिक स्थल है, जिस कारण यहाँ पर लोग पिकनिक मानाने भी आते है.
मुख्य कार्यक्रम :
* शिवरात्रि
* कवाड यात्रा
* श्रावन माह
* यहाँ पर श्रधालुओं द्वारा अभिषेक एवं अनुष्ठान होते है.