Forty Two Feet Hanuman Temple

यह जिले की सबसे भव्य मूर्ति है. जो कि पिछले 20 से 25 वर्ष पूर्व से है.
एक महंत कई वर्षों पूर्व इस स्थल पर आये और इन्होने इस स्थल को यहाँ के गावं वालो से ख़रीदा और यहीं पर उन्होंने अपना जीवन यापन किया, और अंत में इन्होने अपनी समाधि यहीं पर ली. इन महंत को यहाँ के स्थानीय लोग इनके परिचय से अनभिज्ञ है. इनको यहाँ के लोग सिर्फ महाराज के नाम से ही जानते थे. महंत जी ने एक प्रण लिया था की वो हनुमानजी की बहुत भव्य मूर्ति की स्थापना इस स्थल पर करेंगे. तो उन्होंने धरती पर मूर्ति का निर्माण किया जो की तकनीकी कमियों के कारण स्थापित करते हुवे मूर्ति खण्डित हो गई. उसके पश्च्यात उन्होंने स्थापित स्थल पर ही खड़ी मूर्ति का निर्माण किया.
यहाँ पर हनुमान जी 42 फीट की मूर्ति के अलावा कई शिवलिंग, साईं और इन महंत की समाधि है. और यहाँ के स्थानीय लोग ही इस मंदिर की पूजा , अर्चना करते है. और इस स्थल का रखरखाव यहाँ के स्थानीय लोग अपनी अपनी श्रधा से करते है.
