माही की नहरों में कल से पानी छोड़ेंगे, रेलनी के लिए 34 दिन तक लगातार पानी मिलेगा
बांसवाड़ा| िजले में रबी के िलए 6 नवंबर से माही की नहरों में पानी छोड़ा जाएगा। िकसानों ने फसल के लिए खेत तैयार कर दिए हैं। माही परियोजना विभाग की बायीं, दायीं, भूंगड़ा और भीखाभाई सागवाड़ा कैनाल में 6 नवंबर से पानी छोड़ेंगे। इन चारों नहरों पर करीब 4 लाख से अधिक किसान निर्भर हैं, जो 80 हजार हैक्टेयर भूमि सिंचित करेंेगे। शुरुआत के 34 दिन तक रेलनी यानी बुवाई से पू्र्व मिट्टी में नमी लाने के लिए पानी दिया जाएगा। इसके बाद तीन अलग-अलग शेड्यूल में सिंचाई के लिए पानी देंगे। जिला कृषि विस्तार विभाग की माने तो जिले में इस साल रबी फसल का लक्ष्य 1 लाख 63 हजार हैक्टेयर है। माही की नहरों से 80 हजार हैक्टेयर जमीन की सिंचाई होगी। नोन कमांड एरिया सज्जनगढ़, कुशलगढ़ और छोटी सरवन (करीब 40 हजार किसान) में किसान तालाब, नदी व अन्य बांधों से सिंचाई करेंगे। बांधों से सिंचाई करेंगे। इस साल 2024-25 में रबी फसल की बुवाई कुल 1.63 हजार हैक्टेयर में की जाएगी।
सबसे ज्यादा गेहूं का 1.15 हजार हैक्टेयर में उत्पादन होगा। 2 हजार हैक्टेयर में जौ, 1600 हैक्टेयर में चना, सबसे कम रबी सीजन की मक्का, हरा चारा, सब्जियां और गन्ना कुल 3 हजार हैक्टेयर में बुवाई का लक्ष्य है। रबी फसल की बुवाई का सीजन अक्टूबर से शुरू हो जाता है। अभी तक 3 हजार 851 हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी है। लाभ पंचमी से खेतों में बुवाई जोर पकड़ेगी। रेलनी/कोरपाण: 6 नवंबर से 9 दिसंबर तक 34 दिन प्रथम पाण: 10 दिसंबर से 21 जनवरी तक, 28 दिन द्वितीय पाण: 30 जनवरी से 26 फरवरी तक, 28 दिन तृतीय पाण: 26 फरवरी से 25 मार्च तक, 28 दिन सबसे ज्यादा गेहूं का 1.15 हजार हैक्टेयर रकबा