खेल मैदान में दशहरा मेला आयोजन परिषद ने याचिकाकर्ता को के खिलाफ जनहित याचिका दायर अवैध निर्माण का नोटिस दिया
मैदान के व्यावसायिक गतिविधियों के उपयोग पर एतराज, 27 सितंबर को सुनवाई के बाद स्थिति होगी स्पष्ट
बांसवाड़ा शहर में 26 सितंबर से खेल मैदान में पहली बार दशहरा मेले के आयोजन को लेकर मामला उलझ गया है। मैदान में मेला नहीं लगाने को लेकर जनहित याचिका दायर को गई। कोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर 27 सितंबर को पेश होने के लिए कहा है।
दरअसल, जब नगर निवासी नरेश तलदार वाडिया कॉलोनी निवासी प्रेमकांत मेहता ने कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर खेल मैदान में आयोजित होने वाले दशहरा मेले पर आपत्ति जताई है। याचिका में हाईकोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि किसी भी खेल मैदान का उपयोग व्यावसायिक गतिविधियों के लिए नहीं किया जा सकता। प्रार्थी का कहना है कि नगर परिषद ने बिना स्वीकृति के राजनीतिक प्रभाव का उपयोग करते हुए गैरकानूनी तरीके से पारंपरिक दशहरे मेले को कुशलबाग मैदान से स्थान परिवर्तित कर खेल मैदान में शिफ्ट कर दिया। खेल मैदान में मेले के आयोजन से शहर के आमजन व खिलाड़ियों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। याचिका पर कोर्ट ने जिला क्रीडा परिषद अध्यक्ष एवं कलेक्टर, नगर परिषद आयुक्त, गोविंद गुरु कॉलेज प्राचार्य, जिला क्रीडा परिषद सचिव खेल विभाग व अंबिका टेंट हाउस के प्रवीण कंसारा को नोटिस जारी कर 27 सितंबर को पेश होने के लिए कहा है। ऐसे में अब दशहरा मेले को लेकर सुनवाई के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।
कोर्ट ने कलेक्टर, आयुक्त सहित 5 को जारी किया नोटिस
० कुशलबाग मैदान में जगह कम, ट्रैफिक और पाकिंज की समस्या, इसलिए इस बार रावण दहन कुशलबाज मैदान की बजाय खेल मैदान में होना प्रस्तावित है।
48 साल बाद यह बदलाव है।
झूलों के लिए 100 और स्टॉल के लिए 75 रुपये प्रति वर्ग फ़ीट तय किया है।
157 स्टॉल मेले में इस बार लगाई जाएंगी ।
याचिकाकर्ता बोला-मेंने नियमन कर परिषद में कंपाउंड राशि जमा करा दी इधर, जनहित याचिका दायर होने व कोर्ट से नोटिस मिलने के कुछ देर बाद ही नगर परिषद ने याचिकाकर्ता नरेश तलदार को भी एक नोटिस जारी किया।
नोटिस में परिषद ने नरेश तलदार के कॉलेज रोड स्थित भवन पर स्वीकृत उंचाई से ज्यादा निर्माण को अवैध मानते हुए उसे 3 दिन में हटाने को कहा है।
तीन दिन में अवैध निर्माण नहीं हटाने पर परिषद ने भवन गिराने की कार्रवाई करने की बात कही है। नगर परिषद के नोटिस के पर नरेश तलदार ने कहा कि स्वीकृत निर्माण के अलाबा निर्माण पर लोक अदालत की भावना से नियमन कर नगर परिषद में कंपाउंड राशि जमा कर दी है।