सिंचाई जितना बरस गया, गुजरात को भी दे देंगे हिस्से का पानी
- जिले में 80,000 हैक्टेयर क्षेत्र में होती है रबी सिंचाई और बिजली उत्पादन के लिए 36 टीएमसी पानी भी रिजर्व, जिले में अब तक औसत 742 एमएम बारिश, अभी मानसून का एक माह बाकी
- इस बार आया 247.851 मिलीयन क्यूमेक पानी, 166.80 क्यूमेक की आवक जारी
जुलाई खत्म हाेने के बाद भी जिले में औसत बारिश नहीं हाेने के कारण पेयजल अाैर सिंचाई के लिए जल संकट की चिंता अब खत्म हाे चुकी है। इस बार 23 अगस्त को माही बांध के पानी से लबालब हाे जाने से राजस्थान और गुजरात में एक साल तक प्यास बुझाने और सिंचाई जितना पानी आ चुका है। अब तक बांसवाड़ा जिले में औसत 742 मिलीमीटर बारिश हाे चुकी है और इससे अभी खरीफ फसल के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी बरस चुका है। इससे जिलेभर में पानी की उपलब्धता हो चुकी है और कहीं भी पानी के संकट जैसी स्थिति नहीं है। इधर जिले में कागदी पिकअप वियर से शहर में पानी की सप्लाई करने, सुरवानिया बांध से साढ़े तीन सौ गांवों को पानी देने के अलावा आबापुरा लिफ्ट सिंचाई योजना, पीपलखूंट पेयजल योजना, कुशलगढ़ पेयजल योजना के अलावा औद्योगिक क्षेत्रों के लिए भी पानी की जरूरत पूरी करने के लिए पर्याप्त पानी है। अब बांध 77 थाउजैंड मिलियन क्यूबिक फिट पानी से भर जाएगा। जिससे की आने वाले दस सालों के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध रहेगा। इन नदियों से बांध में आता है पानी माही बांध के जल ग्रहण क्षेत्र में मध्यप्रदेश के धार जिले से बहकर आने वाली माही के अलावा प्रतापगढ़ जिले के क्षेत्र से बहकर आने वाली एराव नदी के अलावा बूनान, खांदू, तेलनी आदि नदियों के पानी से बांध तेजी से भर रहा है। लगातार दो दिनों तक 185 मिलीमीटर बारिश हाेने के साथ बेकवाटर क्षेत्र की नदियों से अच्छी आवक होने से बांध दो दिनों में ही भर गया और बांध के 16 गेट खोलकर पानी छोड़ना पड़ा।
माही बांध में 3 दिन में आया 10.6 मीटर पानी
5 जुलाई को जलस्तर 270.00 मीटर, बांध में पानी 33.387 टीएमसी, बांध 43.36% भरा था। 6 जुलाई से बांध में 49 क्यूमेक की दर से पानी की आवक शुरू हुई। जलस्तर 270.05 मीटर हुआ। 23 अगस्त को माही बांध के 16 गेट खाेल कर पानी छाेड़ा, बिजली उत्पादन शुरू हुआ। (माही बांध का जलस्तर अब 280.60 मीटर है।
माही बांध में इस बार 6 जुलाई से लेकर 25 अगस्त के तक 40 टीएमसी पानी की अावक हाे चुकी है। माही परियोजना के अधीक्षण अभियंता निर्माण प्रहलाद राय खोईवाल ने बताया कि इससे पेयजल, उद्योग आदि के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध होगा। जिसके लिए 5 टीएमसी पानी सुरक्षित है। इसके अलावा गुजरात के हक का 40 टीएमसी, राजस्थान के हक का 16 टीएमसी, 12.50 मीटर डेड स्टोरेज के लिए पानी उपलब्ध है। वहीं 80 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में रबी फसल सिंचाई और 15 करोड़ यूनिट से अधिक बिजली उत्पादन के लिए करीब 35 टीएमसी पानी स्टोरेज हो गया है। जिसमें से करीब पांच टीएमसी पानी का वाष्पीकरण और सीपेज से लोस होता है। बांध में अभी भी 166.80 क्यूमेक पानी की आवक जारी है।
बांध की जरूरत... अनास के 19 टीएमसी पानी का उपयोग नहीं कर पाए
माही बांध बनने के साथ-साथ अनास नदी पर बांध बनाकर 19 टीएमसी पानी का उपयोग करने की योजना थी। जिसे पिछली सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अनास पर बांध निर्माण कर जलसंकट वाले क्षेत्रों के लोगों के लिए पेयजल और सिंचाई के लिए पानी मुहैया करवाने एक हजार करोड़ का बजट स्वीकृत किया था। लेकिन हर बार की तरह राजनीति के लिए विरोध की राजनीति के चलते बजट स्वीकृत होने के बावजूद अनास बांध की योजना एक बार फिर ठंडे बस्ते में चली गई।
वहीं पड़ौसी गुजरात राज्य के कडाणा बांध में अनास नदी का पूरा पानी आने से वह इसके पानी का पूरा उपयोग सिंचाई, बिजली उत्पादन, पेयजल के अलावा सुजलाम सुफलाम योजना के लिए कर रहा है, जिससे वहां के किसान खासे समृद्ध हाे रहे हैं।