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1 साल में 7 परीक्षा; सभी में नकल, पेपर लीक और डमी अभ्यर्थी पकड़े, सिर्फ जेईएन भर्ती का पेपर लीक माना

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1 साल में 7 परीक्षा; सभी में नकल, पेपर लीक और डमी अभ्यर्थी पकड़े, सिर्फ जेईएन भर्ती का पेपर लीक माना
@HelloBanswara - Rajasthan -
 7 परीक्षाओं में 62 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे, इन एग्जाम में 150 से ज्यादा लोग पकड़े गए थे

पहले रीट...अब पटवार भर्ती...राजस्थान में नकल और धोखेबाजी अब राज्य समस्या बनती जा रही है। हर परीक्षा में धांधली का ग्राफ ऊंचा ही उठता जा रहा है। दैनिक भास्कर ने आरपीएससी के बाद कर्मचारी चयन बोर्ड और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सिस्टम में घूस चुके इस नकल गिरोह पर पड़ताल की। साल 2011 के बाद से राजस्थान में नकल व पेपर लीक गिरोह ने अपनी जड़े जमाना शुरू किया। उसके बाद से एक भी भर्ती ऐसी नहीं रही, जो बिना किसी विवाद के पूरी हो पाई। हालात यह है कि नकल और पेपर लीक गिरोह का नेटवर्क इतना ताकतवर हो चुका है कि रीट जैसी बड़ी परीक्षाओं के पेपर शिक्षा संकुल जयपुर से लीक कर दिए जाते हैं। पिछले साल सात परीक्षाएं हुई। इनमें से छह में पेपर लीक हुए या फिर डमी अभ्यर्थी बड़ी संख्या में पकड़े गए। गिरफ्तारियों की बात करें तो 150 से ज्यादा पकड़े गए। वीडीओ भर्ती, रीट, पुलिस एसआई, कृषि पर्यवेक्षक, पटवारी, नीट और जेईएन परीक्षा में 62 लाख अभ्यर्थी थे। चिंताजनक यह है कि नकल व पेपर लीक गिरोह जड़ें बांसवाड़ा और डूंगरपुर तक पहुंच चुकी है। रीट व पटवार भर्ती में टीएसपी एरिया के अभ्यर्थियों से 5-5 लाख रुपए लेकर डमी अभ्यर्थी बैठाए गए थे। बाड़मेर, जालाैर, पाली जैसे जिलाें के डमी अभ्यर्थी जयपुर, जाेधपुर, काेटा जैसे बड़े शहराें में रहते हुए प्रतियाेगी परीक्षा की तैयारी करते हैं और टीएसपी एरिया के अभ्यर्थियों की जगह परीक्षा दे देते हैं। पटवार भर्ती में डूंगरपुर में इसका पूरा नेटवर्क पकड़ा गया था। धंबाेला पुलिस की तरफ से पकड़े हिस्ट्रीशीटर शिक्षक भंवरलाल जाट के पास भी 8 आधार कार्ड मिले थे। इसमें अधिकांश डूंगरपुर जिले के अभ्यर्थियाें के थे। बाद में पटवार भर्ती में भी यह खेल पकड़ा गया।

नकल के वे आविष्कार, जिसमें राजस्थान देश में नंबर 1

{नकल वाले जूते

2014 में हुई जेल प्रहरी भर्ती परीक्षा में कई जिलाें में अभ्यर्थी नकल के लिए पर्चियां अपनी जूताें की साॅल में ही छिपाकर पहुंचे थे। इसके बाद से ही सभी परीक्षाआें में सरकार ने ड्रेस काेड की अनिवार्यता सख्ती से लागू कराना शुरू कर दिया। केवल चप्पल पहने ही केंद्र के अंदर प्रवेश की अनुमति दी जाने लगी।


{ माइक्राेफाेन से पेपर

2018 में आयाेजित कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में ताे परीक्षार्थी अपने कपड़ाें में ही माइक्राेफाेन छिपाकर पहुंचे थे। इसकी मदद से वाे अपने साथियाें से जाे केंद्र के बाहर जीप और बस में बैठे से उन्हें प्रश्न बनाकर उनसे जवाब पूछ रहे थे। इसके उजागर हाेने के बाद परीक्षा काे ही रद्द कर दिया गया।


{ ब्लू टूथ वाली बनियान
4 साल पहले आरपीएससी की सैकंड ग्रेड परीक्षा के दाैरान जाेधपुर में एक नकल करते युवक काे पकड़ा गया, जाे बनियान में ही एक छाेटा पाॅकेट सिलाकर उसमें ब्लू टूथ लगाकर परीक्षा देने पहुंचा था। परीक्षा के दाैरान बार-बार शर्ट के अंदर मूंह डालकर कुछ बाेलते रहने पर वीक्षक का शक बढ़ा और जांच करने पर ब्लू टूथ बरामद किया गया।

{ ब्लू टूथ वाला मास्क

12 सितंबर 2021 काे हुई नीट परीक्षा में भी लाेगाें ने काेराेना से बचाव के लिए कारगर मास्क का उपयाेग भी नकल करने में किया। सीकर के कुछ अभ्यर्थियाें ने अपने एन-95 मास्क में ब्लू टूथ चीप लगाकर छीपाई थी। इसे देखते हुए सरकार ने रीट 2021 में ताे मास्क ही अपने स्तर पर केंद्र पर उपलब्ध कराने का फैसला लिया था।


{ नकल की चप्पल

2021 के ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में भारत 132 देशों में 46वें नंबर पर है। इनोवेशन का मतलब होता है किसी नई चीज की खोज। भारत इस रैंकिंग में काफी पीछे है, लेकिन नकल के मामले में राजस्थान के लोग नई-नई खोज कर रहे हैं। रीट में नकल के लिए नया आविष्कार ब्लूटूथ चप्पल का किया गया था। एक चप्पल की कीमत थी 6 लाख रुपए। इसमें बैटरी, सिम स्लाॅट, वायरिंग, ब्लू टूथ, प्रिंटर सर्किट बोर्ड सब लगे थे।

2011 से राजस्थान में चल रहा है बड़े स्तर पर नकल और पेपर लीक उत्सव
एपीपी भर्ती-2011 : आरपीएससी ने 159 पदों के लिए 21 दिसंबर 2011 को परीक्षा कराई। प्रश्न पत्रों में गड़बड़ी के चलते परीक्षा रद्द हो गई।

आरएएस भर्ती-2013 : आरपीएससी की 978 पदों के लिए प्री-एग्जाम 26 अक्टूबर 2013 को हुआ। रिजल्ट 11 जून 2014 को जारी किया गया और 11 जुलाई 2014 को पेपर लीक के चलते परीक्षा रद्द कर दी गई।

आरपीएमटी-2014 : राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विवि द्वारा 28, 29, 30 मई 2014 को आरपीएमटी का आयोजन हुआ। परिणाम 6 जून को आया, लेकिन 86 सवालों में गड़बड़ी के चलते परीक्षा को रद्द कर दिया गया।

एलडीसी भर्ती-2013 : आरपीएससी की ओर से 7 हजार पदों के लिए 11 जनवरी 2014 को भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया, लेकिन दिसंबर 2015 में इस परीक्षा को रद्द कर दिया।

कांस्टेबल भर्ती-2018 : पुलिस विभाग की ओर से 15 हजार पदों के लिए 7 मार्च 2018 से कांस्टेबल भर्ती के लिए ऑनलाइन परीक्षा शुरू हुई। पुलिस को 11 मार्च को प्रश्न पत्र के लीक होने की जानकारी मिली। इसके बाद 17 मार्च को परीक्षा रद्द कर दी गई।

लाइब्रेरियन भर्ती-2018 : राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से 7000 पदों के लिए यह भर्ती 29 दिसंबर 2019 को आयोजित हुई। लेकिन पेपर लीक होने के चलते इस परीक्षा को रद्द कर दिया गया।

जेईएन सिविल डिग्रीधारी भर्ती : राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से जेईएन सिविल डिग्रीधारी के 533 पदों के लिए 6 दिसंबर 2020 को भर्ती परीक्षा का आयोजन हुआ। लेकिन पेपर लीक होने के चलते इसे रद्द कर दिया गया। इस मामले में बाेर्ड के चेयरमैन काे भी इस्तीफा देना पड़ा था।

शिक्षक भर्ती 2013 : तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-2013 में खामियों की भरमार रही थी। जिला परिषदों की ओर 5 से 20 हजार पदों के लिए जिला स्तर पर तृतीय श्रेणी शिक्षकों की भर्ती के लिए परीक्षा का आयोजन हुआ। कुछ जिलों में पेपर लीक होने और प्रश्न पत्रों में गड़बड़ी के चलते कई जगह परीक्षा रद्द की गई तो कुछ जिलों में परिणाम को रिवाइज करना पड़ा।

 

डॉ. किरोड़ीलाल बोले-पटवार भर्ती परीक्षा में बड़े लेवल पर हुई धांधली, चहेतों के लिए ऐसा किया
बीजेपी के राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने पटवारी परीक्षा में बड़े लेवल पर धांधली होने के आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि करवा चौथ से एक दिन पहले महिला अभ्यर्थियों की परीक्षा हुई थी। इसमें A, B, C नाम के पुरुष अभ्यर्थियों के बाद सीधे M नाम के अभ्यर्थियों को शामिल किया गया। शुक्रवार के अंक में ही भास्कर ने पटवार भर्ती में हुई गड़बड़ी एक्सपोज की थी। उन्होंने सवाल खड़े किए हैं कि क्या ऐसा अपने चहेतों का चयन करने के लिए किया। आपत्ति के बाद बोर्ड ने इसे नॉर्मलाइजेशन कमेटी के सामने विचार के लिए रखने का फैसला किया है। यानी बोर्ड ने बिना नॉर्मलाइजेशन कमेटी की हरी झंडी के परिणाम जारी किया है। ऐसा करने के पीछे बोर्ड का क्या मकसद रहा?

ये सरकार सभी परीक्षाओं में पेपर लीक, नक़ल जैसे लगे आरोपों से खुद को बाइज्जत बरी करती है!

जेईएन भर्ती : 6 दिसंबर 2020 को हुई परीक्षा के पेपर वाट्सएप पर वायरल हुए। भरतपुर में गिरोह पकड़ा गया। पेपर लीक मानना पड़ा।
ये सरकार सभी परीक्षाओं में पेपर लीक, नकल जैसे लगे आरोपों से खुद को बाइज्जत बरी करती है!

नीट : 12 सितंबर 2021 को हुई परीक्षा में पेपर आउट हुआ। पुलिस ने माना कि पेपर 35 लाख में बिका। लेकिन, पेपर लीक नहीं माना गया।

एसआई : 15 सितंबर 2021 को हुई परीक्षा में अलवर में ओएमआर शीट व बीकानेर में पेपर सोशल मीडिया पर आया। डूंगरपुर में पकड़े गए एक टीचर ने खुलासा किया था कि परीक्षा में डमी अभ्यर्थी को बैठाया गया था। सरकार ने कुछ नहीं किया।

कृषि पर्यवेक्षक : 18 सितंबर 2021 काे हुई परीक्षा में जयपुर में डमी अभ्यर्थी पकड़ा गया। हुआ कुछ नहीं।

रीट : रीट 2021 में तो साबित हो चुका है कि पेपर शिक्षा संकुल जयपुर से 1.50 करोड़ रुपए में लीक हुआ, लेकिन सरकार मानना ही नहीं चाहती।

पटवार भर्ती : 23 व 24 अक्टूबर 2021 को हुई परीक्षा में बांसवाड़ा-डूंगरपुर सहित पूरे प्रदेश में डमी अभ्यर्थी पकड़े गए। हुआ कुछ नहीं।

वीडीओ : 27 व 28 दिसंबर को हुई परीक्षा में कई िजलों में डमी अभ्यर्थी पकड़ में आए, लेकिन सरकार ने इस पर भी कुछ नहीं कहा।


 

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