Home News Business

सफाई के फीडबैक में अव्वल आने की तैयारी, मशीन से होगी सड़कों की सफाई, डिवाइडरों की धुलाई भी

Banswara
सफाई के फीडबैक में अव्वल आने की तैयारी, मशीन से होगी सड़कों की सफाई, डिवाइडरों की धुलाई भी
@HelloBanswara - Banswara -

नई व्यवस्था| एक ही फर्म संभालेगी घर-घर कचरा संग्रहण से लेकर सेग्रीगेशन और कंपोस्ट तैयार करने का काम

स्वच्छता सर्वेक्षण-2020 कुल 6000 अंक का है। इसमें सिटीजन फीडबैक के लिए 1500 अंक निर्धारित किए गए हैं। पिछली बार बांसवाड़ा शहर का स्वच्छता रैंकिंग में बहुत पीछे था। इस बार नगर परिषद सिटीजन फीडबैक वाले पार्ट में अच्छे प्रदर्शन पर जोर दे रही है। इस बार सबसे ज्यादा फीडबैक भरवाने वालों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाएगा। इसी को ध्यान में रखते हुए शहर में साफ सफाई, नगर परिषद की ओर से शहर की साफ सफाई की व्यवस्था में बदलाव किया जाएगा। अब एक ही फर्म घर-घर कचरा संग्रहण से लेकर सेग्रीगेशन और उससे कंपोस्ट तैयार करने तक का काम संभालेगी। मैकेनिकल स्वीपिंग मशीन से मुख्य मार्ग, बाजार और गलियों की सफाई हाेगी। इसके अलावा इन मशीनों से सड़क, प्रतिमाओं और डिवाइडर आदि की धुलाई भी हाेगी। मॉनिटरिंग के लिए इंस्पेक्टर नियुक्त किए जाएंगे। इस व्यवस्था के शुरू होने से शहर के लोगों को जगह-जगह बने डंपिंग यार्ड की गंदगी से पूरी तरह निजाद मिलने की बात कही जा रही है। नई व्यवस्था शुरू होने में अब भी एक से डेढ़ माह की देरी हो सकती हैं। क्योंकि जिन दो फर्मों के पास डोर टू डोर कचरा संग्रहण का ठेका हैं उनका करार मार्च में समाप्त हो रहा है। एक फर्म ने लगातार सफाई के बढ़ते दबाव के कारण आगामी 30 जनवरी से ही काम नहीं करने पर नगर परिषद में सहमति दे दी है। ऐसे में नई टेंडर प्रक्रिया फरवरी मध्य या मार्च में हाेगी। फिलहाल इस नए प्रोजेक्ट पर डीपीआर बनाने का काम तेजी से चल रहा है। एईएन स्वच्छ भारत मिशन अजय कुमार ने बताया कि अभी देश के कई प्रमुख शहरों में काम कर रहे कंसलटेंट से बातचीत चल रही हैं। नई डीपीआर में प्रारंभिक कचरा संग्रहण से लेकर निस्तारण तक का काम होगा। जिस फर्म को यह काम मिलेगा पूरी जिम्मेदारी उसकी ही रहेगी, वही घरों में गीला सूखा कचरा उठाएगी, साथ ही लोगों को भी जागरूक करने के लिए आईईसी करने का काम भी करेगी। कचरे का सेग्रीगेशन कर गीले कचरे का कंपोस्ट तैयार होगा, वहीं सूखे कचरे का भी अलग से निस्तारण होगा। नई व्यवस्था से सफाई कर्मचारियों कर्मचारियों पर कोई असर नहीं पड़ेेगा, उन्हें उनके वार्डों में नियमित सफाई करनी ही होगी। बल्कि अब उन्हें भी साफ-सफाई करने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा।

सफाई में अभी हर माह हो रहे 1.20 करोड़ रुपए खर्च : वर्तमान में नगर परिषद में 389 सफाई कर्मचारी कार्यरत हैं। जिनके लिए हर माह नगर परिषद द्वारा 1.15 से 1.17 करोड़ रुपए वेतन के खर्च किए जा रहे हैं। वहीं डोर टू डोर कलेक्शन में दो फर्म से दो साल पहले करार किया था। जिन्हें हर महीने 7 लाख के करीब भुगतान किया जा रहा है। लेकिन इसके बाद भी नियमित मॉनिटरिंग के अभाव में स्वच्छता रैंकिंग में सुधार नहीं हो पा रहा है। वहीं जिन दो फर्मों से कचरा संग्रहण का करार किया था, उनके द्वारा भी फर्जी तरीके से भुगतान उठाया जा रहा था। जहां करार के मुताबिक 60 टिपर लगाए जाने थे, वहां 12 टिपर से काम लिया जा रहा था। दो साल में करीब 1.70 करोड़ रुपए का भुगतान दोनों फर्मों को किया जा चुका है।

पर्यावरण स्वीकृति के लिए भेजी फाइल
पिछले बोर्ड में ही सेग्रीगेशन प्लांट बन चुका था, लेकिन शुरू नहीं हो पाया। यहां तक की उसकी एन्वायरनमेंट क्लियरेंस ही नहीं ली गई है। जबकि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से ईसी के स्पष्ट निर्देश दिए जा चुके हैं। यहां से प्लांट की ईसी फाइल तैयार हो चुकी हैं, क्लियरेंस मिलते ही प्लांट शुरू होगा। जैनेंद्र त्रिवेदी, सभापति

 

ऐसे भरें सिटीजन फीडबैक : जहां पर 7 सवालों के जवाब देने है, अभी शहर ओडीएफ प्लस प्लस घोषित व प्रमाणित है और शहर की 2-स्टार रेटिंग है।
 

1.गूगल प्ले स्टोर से स्वच्छता ऐप डाउनलोड करें व फीडबैक दें।
2.1969 पर काॅल करें व 1 दबाएं। पुन: कॉल आने पर अपना पिनकोड दबाएं और फीडबैक दें।
3. www.wachhsurvekshan2020.org पर ऑनलाइन फीडबैक भरें।
फीडबैक के नंबर सबसे ज्यादा हैं और इसी में हमेशा जयपुर की रेटिंग गिर जाती है। इसलिए व्यापार मंडलों, विकास समितियों, कोचिंग संस्थानों को इससे जोड़ने की की यह स्कीम है।
 

यह पात्र होंगे : संबंधित क्षेत्र के 1000 लोगों का सिटीजन फीडबैक भरवाना अनिवार्य रखा गया है। विजेताओं का निर्धारण संख्या को आधार बनाकर होगा। पुरस्कार के लिए आवेदन करने वाले संस्थान या समिति सहित अन्य को मोबाइल नंबर मय नाम एवं स्क्रीनशॉट प्रस्तुत करना अनिवार्य है।
 

शेयर करे

More news

Search
×