अजमेर डिस्कॉम में अब 17 जिले चीफ इंजीनियर बांसवाड़ा बैठेंगे सर्कल बढ़ने से बिजली उपभोक्ताओं को मिलेगी राहत

बांसवाड़ा नए जिलों की घोषणा के साथ ही डिस्कॉम के स्ट्रक्चर में बदलाव भी तय हो गया है। अजमेर डिस्कॉम में अब 11 की बजाय 17 जिले होंगे। इससे सर्कल की संख्या बढ़कर भी 18 हो जाएगी। कहीं बांसवाड़ा के संभाग बनने से यहां चीफ इंजीनियर का पद होगा भी सर्जित होगा। जिससे मॉनिटरिंग भी प्रभावी तरीके से हो सकेगी। इस बदलाव का सीधा फायदा उपभोक्ताओं को भी मिलेगा। इससे अपनी छोटी-छोटी समस्याएं लेकर दूर दराज स्थित मुख्यालय पर आने बाले लोगों को राहत मिलेगी। अजमेर डिस्कॉम में घरेलु, कृषि, वाणिज्यिक, औद्योगिक सहित विभिन्न श्रेणियों के 55 लाख उपभोक्ता है। स्थानीय स्तर पर समाधान नहीं होने पर उपभोक्ताओं को संभाग मुख्यालय पर चीफ इंजीनियर स्तर तक दौड़भाग करनी पड़ रही थी। अब जब सर्कल का आकार घटेगा तो कम दूरी पर समस्या का समाधान हो जाएगा। सीएम गहलोत गहलोत की घोषणा फिलहाल जिलों के प्रशासनिक ढांचों के लिए प्रभावी है। ऐसे में राज्य सरकार के अधीन काम करने वाली कंपनियों के ढांचे में बदलाव के लिए राज्य सरकार अलग से नोटिफिकेशन जारी करेगी! इसमें डिस्कॉम स्तर से राज्य सरकार को पहले ही प्रस्ताव भेजे जा चुके है।
पहले ये जिले थे डिस्कॉम में शामिल्त अजमेर, नागौर, चित्तौड़गढ़, सीकर, उदयपुर, झुंझुनूं, भीलवाड़ा, राजसमंद , बांसवाड़ा, डूंगरपुर और प्रतापगढ़।
अब ये बनाए : अजमेर से ब्यावर और केकड़ी, नागौर से डीडवाना-कुचामनसिटी, सीकर से नीम का थाना, उदयपुर से सलूंबर, भीलवाड़ा से शाहपुरा।
ऐसे बदल जाएगा डिस्कॉम का प्रशासनिक ढांचा
डिस्कॉम में फिलहाल तीन चीफ इंजीनियर के पद है, जो अजमेर, उदयपुर व झुंझुनूं है। अब सीकर व बांसवाड़ा नया संभाग बनने से यहां भी चीफ इंजीनियर का पद सर्जित होगा। इसी तरह डिस्कॉम में 12 सर्कल है, जहां अधीक्षण अभियंता लेबल के अधिकारी बैठते है। 6 नए जिले बनने से यह सर्कल बढ़कर 18 हो जाएंगे। ऐसे में हर सर्कल पर नया एसई कार्यालय खोला जाएगा। इसी तरह अधिशाषी अभियंता व सहायक अभियंता कार्यालय की संख्या में भी बदलाव होगा।