डंपिंग यार्ड से 97 हजार टन कचरा हटेगा, नगर परिषद काे मिलेगी 7 एकड़ जमीन

पुराने शहर काे अप्रैल 2021 तक मिल जाएगी डंपिंग यार्ड से उठते धुएं से मुक्ति, अगले माह से डंपिंग यार्ड से बायाे माइनिंग का काम शुरू हाे जाएगा
शहरवासी हर साल भंडारिया क्षेत्र में स्थित डंपिंग यार्ड से निकलते दूषित धुएं से परेशान हाेते हैं। उन्हें अब अप्रैल 2021 तक इस पूरी समस्या से छुटकारा मिल जाएगा। इससे न सिर्फ लाेग स्वस्थ्य रहेंगे, बल्कि नगर परिषद काे भी इससे दाे तरह से फायदे हाेंगे। एक ताे अगले साल की स्वच्छता रैंकिंग में नंबर बढ़ेंगे वही शहर में 7 एकड़ बेशकीमती जमीन कचरे के ढेर से मुक्त हाे जाएगी। एेसा अब जल्द ही हाेने वाला है। अगले माह से डंपिंग यार्ड से बायाे माइनिंग का काम शुरू हाे जाएगा। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की अाेर से 31 जनवरी 2020 काे जारी अादेश में देशभर में अप्रैल 2021 तक कचरे काे वैज्ञानिक तरीके से साफ करने के लिए कहा था। इसके बाद ही नगर परिषद की अाेर से फरवरी में डंपिंग यार्ड का ड्राेन से सर्वे कराया गया था। भंडारिया स्थित डंिपंग यार्ड में 29104 मीटर स्कवेयर यानी 7.189 एकड़ जमीन पर 96803.3 क्यूबिक मीटर यानि 96803.3 टन कचरा हटाना है।
1. बायाे रेमिडिएशन- नगर परिषद के एसबीएम एईएन अजय गहलाेत ने बताया कि इस प्रक्रिया के तहत सबसे पहले डंपिंग यार्ड में 2-2 मीटर ऊचाई के कचरे के ढेर बनाए जाएंगे, जिसे विन्ड्राे कहते हैं। उसके बाद उन ढेरांे पर बायाे कल्चर का छिड़काव किया जाएगा ताकि कचरे की दुर्गंध शहर में नहीं फैले और उस ढेर का ज्यादातर भाग डिकंपाेज किया जा सके। इस प्रक्रिया में जेसीबी के माध्यम से हर 5 दिन बाद ढेर का टर्निंग प्रासेज किया जाएगा, ताकि अाॅक्सीजन प्रवाहित हाेती रहे। इस प्रक्रिया के 2 से 3 सप्ताह बाद जब पूरा वेस्ट फ्री फ्लाॅविंग फाॅर्म में अाएगा तब उसे वेस्ट काे Eगे बायाे माइनिंग प्राेसेज के लिए ट्राेमेल्स मशीन में भेजा जाएगा।
2. बायाे माइनिंग- अायुक्त विजेश मंत्री ने बताया कि ट्राेमेल मशीन में जाने के बाद जाे पाउडर के रूप में मटेरियल प्राप्त हाेगा जिसे साइंटिफिक भाषा में बायाे अर्थ कहते हैं, उसे अाॅर्गेनिक खाद के रूप में उपयाेग में लिया जाएगा। दूसरे भाग में ग्रेवल अाैर पत्थर काॅर्स फेक्शन के रूप में प्राप्त हाेंगे उसे राेड निर्माण अाैर भराव, समतलीकरण अादि कार्याें में उपयाेग में लिया जा सकता है। तीसरा अाैर अंतिम मटेरियल अाॅर्गेनिक काेर्स मटेरियल के रूप में प्राप्त हाेगा, जाे जलने लायक हाेता है, उसे बेलिंग मशीन से बेल बनाकर सीमेंट प्लांट में भेजा जाएगा।