मेडिकल हेल्थ वॉलिंटियर फोर्स गठित होगी, सीएम गहलोत ने ट्वीट कर संकेत दिए कि नौकरी से हटाए हेल्थवर्कर्स की समस्या का इसी महीने समाधान करेंगे
राजस्थान में संविदा से हटाए हजारों कोविड हेल्थवर्कर्स के लिए राहतभरी खबर है कि उनको जल्द ही फिर काम पर बुलाया जा सकता है। होमगार्ड की तरह ही अब हैल्थ वर्करों की सेवाएं भी बतौर वालंटियर्स ली जाएंगी। उनका मेडिकल एंड हैल्थ वॉलंटियर फोर्स के नाम से कैडर बनाकर जिला कलेक्टर के माध्यम से कमेटी बनाकर रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। किसी भी आपदा अथवा महामारी के समय इन्हें दैनिक मानदेय देकर ड्यूटी पर बुलाया जा सकेगा। प्रशिक्षित चिकित्सा कर्मी का परिचय-पत्र भी दिया जाएगा।
राज्य सरकार ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। इससे सरकार को फायदा यह होगा कि कांटेक्ट यानि संविदा पर अस्थाई रूप से रखे गए हैल्थ वर्कर आंदोलन और हड़ताल करके स्थाई करने का दबाव नहीं बना पाएंगे। इस संबंध में जल्दी ही नई गाइड लाइन जारी होने की संभावना है।
राज्य सरकार ने दो दिन पहले ही प्रदेशभर में 27000 से ज्यादा संविदा पर लगे हैल्थ वर्कर (सीएचए), नर्स ग्रेड -।। (प्रशिक्षित), स्वास्थ्य कंसलटेंट आदि को हटाया है। इधर, अचानक हटाए जाने को लेकर इन हैल्थ वर्करों ने सीएम अशोक गहलोत से मिलकर विरोध भी जताया। सीएम ने शनिवार को ट्वीट करके संकेत दिए कि इनकी समस्या का इसी महीने कोई समाधान किया जाएगा। उन्होंने सीएचए के बकाया वेतन भुगतान के लिए 103 करोड़ रुपए का बजट जारी करने की बाती भी कही है।
कैसे करेंगे: मेडिकल एंड हैल्थ वॉलंटियर फोर्स के नाम से कैडर बनाकर जिला कलेक्टर के माध्यम से कमेटी
ऐसा क्यों: अधिक हेल्थ वर्करों को काम मिलेगा, संविदा पर अस्थाई रूप से रखे हैल्थ वर्कर आंदोलन कर दबाव नहीं बना सकेेंगे।
इनको फायदा: राज्य सरकार ने हाल ही प्रदेशभर में 27000 से ज्यादा संविदा पर लगे हैल्थ वर्कर, नर्स ग्रेड, व स्वास्थ्य कंसलटेंट को हटाया है।