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चिकित्सा विभाग: 12 से 14 साल के 77216 बच्चे, वैक्सीनेशन 63.24% vs शिक्षा विभाग: 11 ब्लाॅक में 1.3 लाख स्टूडेंट्‌स, वैक्सीनेशन 30%का हुआ

Banswara
चिकित्सा विभाग: 12 से 14 साल के 77216 बच्चे, वैक्सीनेशन 63.24% vs शिक्षा विभाग: 11 ब्लाॅक में 1.3 लाख स्टूडेंट्‌स, वैक्सीनेशन 30%का हुआ
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जिले में 12 से 14 आयु वर्ष के बच्चों को कोरोना वैक्सीनेशन में सरकार को झूठ परोसा जा रहा है। चिकित्सा एवं शिक्षा दोनों विभागों के दावे और आंकड़ों की भास्कर ने पड़ताल की तो बच्चों की संख्या और टीकाकरण दोनों में बड़ा अंतर सामने आया है। ऐसे में चिकित्सा और शिक्षा विभाग आमने-सामने हैं।


चिकित्सा विभाग 12 से 14 साल के बच्चाें को टीकाकरण का कुल लक्ष्य 77216 बता रहा है तो वहीं शिक्षा विभाग के अनुसार यह संख्या 1 लाख 3 हजार 253 है। दोनों के आंकड़ों को देखें तो 26037 बच्चों का यह अंतर झूठ और सच के बीच झूल रहा है। वैक्सीनेशन की स्टेट रिपाेर्ट में रविवार तक बांसवाड़ा चिकित्सा विभाग 58.8 प्रतिशत वैक्सीनेशन के साथ प्रदेश में चाैथे पायदान पर है, जो साेमवार को 63.73 प्रतिशत जा पहुंचा है। जबकि, शिक्षा विभाग लक्ष्य के अनुसार जिले में इस एज ग्रुप का वैक्सीनेशन 26-30 फीसदी तक ही हुआ है। इस कारण जिले में वास्तविक वैक्सीनेशन अस्पष्ट है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी काेराेना में संक्रमिताें और मृतकाें की माैत के आंकड़े झूठे आने के मामले सामने आ चुके हैं। टीकाकरण जैसे राष्ट्रीय अभियान में भी िवभाग संजीदा नहीं हैं।


स्कूलों में विद्यार्थियों की उपस्थिति कम
{चिकित्सा और शिक्षा विभाग के अधिकारियाें के अनुसार इन दिनाें स्कूलाें में बच्चे बहुत ही कम संख्या में पहुंच रहे हैं। इस कारण वैक्सीनेशन कम हाे रहा है। वहीं दूसरी वजह यह है कि वैक्सीन की एक वाइल में 10 डाेज हाेते हैं। एेसे में 10 से कम स्टूडेंट्स के पहुंचने पर वाइल नहीं खाेली जा रही है। हालांकि कुछ हद तक जिले के बांसवाड़ा, तलवाड़ा और सज्जनगढ़ ब्लाॅक में विभागीय अधिकारियाें और शिक्षकाें की प्रभावी माॅनिटरिंग नहीं हाेने के कारण इन तीन ब्लाॅक में वैक्सीनेशन कम हाेना माना जा रहा है।

विद्यार्थी तो दूर शिक्षक और स्टाफ का भी वैक्सीनेशन पूरा नहीं हो सका शिक्षा विभाग में बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू हुए कुछ ही समय बीता है, लेकिन शिक्षा विभाग के सभी कर्मचारी भी पूरा प्रिकाॅशन डाॅज नहीं लगा पाए हैं। कार्मिकों में 95.53 प्रतिशत को पहला डोज, 95.28 प्रतिशत को दूसरा डाॅज और मात्र 49.12 प्रतिशत कार्मिक ही प्रिकाॅशन डोज लगा सके हैं।


हमें आंकड़े शिक्षा विभाग ने दिए : सीएमएचओ
 हमने लक्ष्य तय नहीं किया, आंकड़े बच्चाें के हैं वाे हमें शिक्षा विभाग से ही मिले हैं। अगर बच्चाें की संख्या ज्यादा भी हाे ताे हमें फर्क नहीं पड़ता, हम ताे एक ही दिन में लक्ष्य पूरा कर सकते हैं। क्याेंकि पर्याप्त वैक्सीन है। -डाॅ. एचएल ताबियार, सीएमएचओ


हमने ब्लाॅक से जुटाई है स्टूडेंट की संख्या : सीडीईओ
 आंकड़ें हमनें ब्लाॅक स्तर पर सीबीईओ से मंगवाए हैं। इतना अंतर नहीं हाेना चाहिए। कार्यक्रम अधिकारी से बात करके बताता हूं। स्कूलाें में बच्चे नहीं आने से वैक्स्ीनेशन नहीं हाे रहा है। सीबीईओ काे निर्देश दिए हैं। -दिनेश पंड्या. सीडीईओ



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