पहाड़ी के अवैध खनन की जांच में भी खानापूर्ति, रिपोर्ट में ब्लास्टिंग छिपाई

बांसवाड़ा शहर के रतलाम रोड पर निजी खातेदारी की जमीन पर पहाड़ की अवैध कटाई के मामले में खनिज विभाग की जांच संदेह के दायरे में है। विभाग की ओर से इस संबंध में कलेक्टर को जांच रिपोर्ट पेश की गई है। जिला खनि अधिकारी शांतिलाल अहारी द्वार बनाई गई जांच रिपोर्ट में केबल 2106 टन का ही अवैध निर्गमन माना है। ऑनलाइन रिकॉर्ड में केकल 565 टन खनिज मेसनरी स्टोन का निर्गमन बताया है। साथ ही मौके पर केवल 828 मेसनरी स्टोन पड़ा होना बताया गया है। खननकर्ता ने कोई प्रोजेक्ट अथवा निजी भवन की जानकारी भी जांच टीम को नहीं दी। साथ ही परिवहन में जीएसटी की भी बड़ी चोरी हुई है। रिपोर्ट में ब्लास्टिंग तक की बात छिपाई गई है, जबकि खननकर्ता खुद कैमरे पर इस बात को कबूल चुका है। अपनी ही रिपोर्ट से सबालों के घेरे में आ चुके खनिज अधिकारी अब इसे प्रारंभिक जांच बताते हुए दोबारा जांच करने की बात कर रहे हैं।
# तुरंत रिपोर्ट देने के लिए कहा इपलिए पहले दिन मौका देख उसी आधार फर रिपोर्ट दी थी। अब पूरी टीम के साथ दोबारा जांच छोगी। खननकर्ता के जबाब से संतुष्ट नहीं हैं। शांत्तिलाल अहारी; खनि अधिकारी
पहाड़ी से कितना पत्थर निकाला, जांच टीम नहीं कर पाई आकलन
खास बात यह है कि यहां पिछले दो साल से अवैध खनन हो रहा है, लेकिन खनिज विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की। इससे पहले भी कई बार इस मामले को लेकर शिकायतें भी हुई। दैनिक भास्कर के स्टिंग ऑपरेशन में खुद कैमरे पर खननकर्ता ने इस बात को स्वीकार रहा है कि बह डंपर से भी पत्थर पहुंचा रहा है। इसके बावजूद जांच रिपोर्ट में इसका कोई उल्लेख नहीं किया गया है। खननकर्ता ने रॉयल्टी के साथ ही जीएसटी भी जमा नहीं करवा कर सरकार को राजस्व हानि पहुंचाई है। वहीं, ब्लास्टिंग के साक्ष्य मिलने पर भी रिपोर्ट में इसका जिक्र नहीं किया गया है। जांच टीम ने मशीनें तक जब्त नहीं की।