सरकारी भेदभाव:5वीं बोर्ड में निजी स्कूल के स्टूडेंट की 40 रुपए फीस लगेगी

- सरकारी में निशुल्क है मूल्यांकन परीक्षा, 8वीं बाेर्ड में किसी भी स्टूडेंट ने नहीं लिया परीक्षा शुल्क
प्रदेश के राजकीय एवं निजी स्कूलों में अध्ययनरत स्टूडेंट्स से प्रारंभिक शिक्षा एवं पंचायती राज विभाग भेदभाव कर रहा है। निशुल्क शिक्षा के दावे के बीच निजी स्कूल में पढ़ने वाले 5वीं बाेर्ड प्राथमिक शिक्षा अधिगम स्तर मूल्यांकन परीक्षा शुल्क के नाम पर वसूली का फरमान जारी किया गया है। इसके तहत प्रति परीक्षार्थी 40 रुपए शुल्क तय किया गया है, जो शुल्क निजी स्कूल को अपनी जेब से ही देना होगा। आश्चर्य यह है कि 8वीं बाेर्ड परीक्षा के हाल ही में लिए गए आवेदन में किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया गया है।
फिर 5वीं बोर्ड के परीक्षार्थियों से शुल्क क्यों ? स्थानीय अधिकारी पूर्व में भी शुल्क लिए जाने तथा उच्च स्तर से जारी आदेश का हवाला देकर पल्ला झाड़ रहे हैं। ऐसे में इस आदेश से निजी स्कूल संचालकों ने विरोध शुरू कर दिया है। पांचवीं बोर्ड में सरकारी एवं निजी विद्यालयों में कुल परीक्षार्थियों की संख्या करीब 36 हजार एवं 8वीं बोर्ड में करीब 46 हजार है। सूत्रों का कहना है कि सीधे तौर पर नहीं तो अन्य तरीके से इस शुल्क का भार स्टूडेंट्स पर ही पड़ेगा।
दोहरे नामांकन की आशंका, स्कूलों पर पोर्टल से नाम हटाने के लिए दवाब
निजी स्कूलों में ऐसे कई विद्यार्थी हैं, जिनके नाम दर्ज हैं और वह आवेदन के लिए नहीं पहुंच रहे हैं। इससे पोर्टल पर आवेदन से वंचित स्टूडेंट्स की सूची लम्बी है और दोहरे नामांकन की भी आशंका है। इधर, विभागीय अधिकारी निजी स्कूलों पर आवेदन से वंचित स्टूडेंट्स के नाम हटाने के लिए मौखिक दबाव बना रहे हैं।
स्कूल संचालकों का कहना है कि विभाग ने बिन टीसी प्रवेश की अनुमति जारी कर दी, जिससे कई स्टूडेंट्स ने स्कूलों से टीसी लिए बगैर दूसरे स्कूलों में प्रवेश की संभावना है। अधिकारियों को बिन टीसी लिए प्रवेश देने वाले विद्यालयों से मामले की जानकारी करनी चाहिए और स्कूलों से विधिवत टीसी लेकर ही स्कूलों में प्रवेश होना चाहिए।
पहले जिक्र नहीं, अब गाइडलाइन में किया जारी
आदेश पर सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं कि 5वीं बोर्ड परीक्षा के आवेदन प्रारंभ होने तक कोई आदेश-निर्देश जारी नहीं किए। न ही निजी स्कूलों को पहले किसी प्रकार की कोई जानकारी दी गई। अब विभाग की ओर से परीक्षा आयोजन संबंधित 9 मार्च को जारी गाइडलाइन में शुल्क लेना बताया है। सवाल यह है भी है कि यदि शुल्क लिया जाना था तो परीक्षा आवेदन के साथ ही सूचना जारी होनी चाहिए थी। आवेदन प्रारंभ होने के करीब 20 दिन बाद शुल्क वसूली सवालों के घेरे में है। अमूमन नियमानुसार परीक्षा आवेदन के साथ ही फीस की जानकारी दी जाती है। पर, 5वीं बोर्ड के मामले में इसके उलट प्रक्रिया अपनाई गई।
