धामनिया में डंपिंग यार्ड से दुर्गंध, हैंडपंपों में बदबूदारपानी आने से गुस्साए ग्रामीणों ने कचरे के वाहन राेके

शहर से सटे धामनिया में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और कचरा संग्रहण केंद्र से फैल रही बदबू से परेशान लाेगाें का गुस्सा शनिवार काे फूटा। आक्राेशित ग्रामीण डंपिंग यार्ड पहुंचे और विराेध जताया। लाेगाें ने शहर में घर-घर कचरा इकट्ठा करने आ रहे हूपर टीपर वाहनाें काे राेक दिया। इससे शनिवार काे घराें से कचरा संग्रहित करने वाले वाहनाें का इंतजार करते रह गए। हंगामा बढ़ा ताे माैके पर पुलिस पहुंची और लाेगाें काे समझाया। विरोध कर रहे लाेगाें का कहना है कि उन्हाेंने इस समस्या काे लेकर कलेक्टर और एसडीएम काे लिखित में जानकारी दी थी। इसके बाद 20 दिनाें तक ताे कचरा नहीं डाला लेकिन फिर हालात जैसे ही हाे गए हैं। अब बारिश में कचरे की बदबू काफी दूर तक पहुंच रही है। हालत यह है कि यार्ड से सटे दुर्गंध से आदर्श नगर, बालाजी नगर, जानावारी और धामनिया गांव के लाेगाें का सांस लेना भी मुहाल हाे चुका है। ग्रामीणाें ने स्कूल, स्वास्थ्य विभाग कार्यालय और आबादी बस्तियां हाेने से कचरा संग्रहण केंद्र अन्यंत्र शिफ्ट करने की मांग की। इस दाैरान सेवना सरपंच हुकी देवी, अर्जुन मकवाना राजू डिंडोर, सरपंच सेवना हुकी देवी, प्रतीक पंड्या सहित अन्य ने नगरपरिषद से समस्या का जल्द समाधान करने की मांग की।
ग्रामीणों की मांग-यार्ड दूसरी जगह शिफ्ट किया जाए, सभापति के भराेसे के बाद लाैटे
ग्रामीणाें का प्रतिनिधि दल नगर परिषद सभापति जैनेंद्र त्रिवेदी से भी मिला। सभापति ने भराेसा दिया कि संबंधित ठेकेदार काे डंपिंग यार्ड पर कचरा और गंदगी नहीं रखने और सफाई का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए हैं, जिससे कि दुर्गंध की स्थिति न हाे। वहीं सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट काे लेकर बताया कि एचटीपी सिस्टम नहीं लगने से समस्या आ रही है। इसे भी जल्द ही लगवाकर स्थानीय लाेगाें की परेशानी खत्म की जाएगी। इसके बाद ग्रामीण लाैट गए। गौरतलब है कि इससे पहले भी शहर से सटे भंडारिया क्षेत्र में डंपिंग यार्ड होने के कारण अक्सर बदबू की शिकायत क्षेत्रवासियों को रही है। वहीं कचरा जलाने पर लोगों को चर्म रोग की समस्या होने लगी थी।
कचरा उठाने वाले वाहनों की रोकने की सूचना पर पहुंची पुलिस।
डंपिंग यार्ड पर 5 मवेशियाें की हाे चुकी माैत
ग्रामीणाें का कहना है कि कचरा संग्रहण पर मवेशियाें का जमघट लगा रहता है। यहां डंपिंग यार्ड में करंट की चपेट में आने से दाे मवेशियाें की माैत हाे चुकी है। वहीं कई बार कचरे में प्लास्टिक की थैलियां खा लेने से मवेशी बीमार पड़ जाते हैं। गंदगी से जंगली जानवराें काे कुत्ताें का जमावड़ा लगा रहता है। पूर्व में दाे स्कूली बालिकाआें काे कुत्ताें ने हमलाकर नाेंच डाला।
भूमिगत जल पर भी असर
ग्रामीणाें ने कहना है कि हजाराें टन कचरा और सीवरेज का गंदा पानी जमा करने का असर भूमिगत जल पर भी हाे रहा है। जानावारी में तीन हैंडपंपाें का पानी बदबूदार आने लगा है।