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अंबेडकर सर्कल से वीरांगना टॉकिज तक फ्लाईओवर

Banswara
अंबेडकर सर्कल से वीरांगना टॉकिज तक फ्लाईओवर
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बांसवाड़ा राज्य सरकार ने हाल ही में राजस्थान शहरी आधारभूत विकास परियोजना के पांचवें चरण में प्रदेश की 40 नगरीय निकायों में सौंदर्यीकरण के लिए 18 हजार 500 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है। यह बजट एशियन बैंक व विश्व बैंक की तरफ से शहरों के विकास के नाम से आवंटित किया गया है। 40 नगरीय निकायों में बांसवाड़ा नगर परिषद का भी चयन हुआ है। इस बजट से नगर परिषद की प्लानिंग में चल रहे कई बड़े विकास कार्य शुरू हो सकेंगे। इस राशि का खर्च शहरी क्षेत्र में 24 घंटे पेयजल सप्लाई, सीवरेज, जीरो वेस्ट, मॉडल, विरासत संरक्षण, मनोरंजन सुविधाएं, सौंदर्यीकरण, ईवी चार्जिंग स्टेशन, सड़कों की री-मॉडलिंग, पार्किंग निर्माण और ट्रैफिक कंट्रोल को लेकर काम किए जाएंगे। अब निकायों से उनके प्लान मंगाए जाएंगे। मंजूरी के बाद राशि वितरण होगी।

बांसवाड़ा नगर परिषद ने शहर सौंदर्यीकरण को लेकर करीब 15 प्लान तैयार किए हैं। इनकी अनुमानित लागत 75 से 80 करोड़ रुपए हैं। शहर कुशलबाग मैदान में 600 गाड़ियों (दो पहिया व चार पहिया) की क्षमता की अंडरग्राउंड पार्किंग निर्माण का प्लान है। अनुमानित लागत 5.5 करोड़ रुपए हैं। शहर के बीच में सबसे पार्किंग होगी। अभी खरीदारी के लिए आने वाले लोगों द्वारा अपने वाहन दुकानों के सामने या फिर सड़क किनारे पार्क करने से हर समय जाम की स्थिति बनती रहती है।

 शहर से रतलाम, गुजरात का दाहोद, उदयपुर, डूंगरपुर तथा जयपुर जाने वाले वाहन गुजरते हैं। शहर के चारों ओर 15 किमी लंबी रिंग रोड निर्माण का प्लान है। अनुमानित लागत 15 करोड़ रुपए हैं। इसका बड़ा फायदा यह होगा कि अभी जो पड़ौसी जिलों के वाहन शहर के बीच से होकर गुजर रहे हैं। उनको रिंग रोड से शहर में प्रवेश करने की कनेक्टिविटी दी जाएगी। जिससे अंदर आने वाले वाहन ही आ सकेंगे। अन्य वाहन शहर प्रवेश के बिना ही सीधे ही निकल जाएंगे। शहर के हेवी व्हीकल ट्रक, बसें आदि के लिए ट्रांसपोर्ट नगर का निर्माण किया है लेकिन ट्रांसपोर्ट्स को सड़क, बिजली, पानी की मूलभूत सुविधाएं न होने से सिर्फ नाम का होकर रह गया है। ऐसे में हेवी व्हीकल के गैराज व गोदाम शहर के अंदर ही चल रहे हैं। इससे शहर में हेवी व्हीकलों का आना-जाना रहता है। 

ट्रांसपोर्ट नगर के जीर्णोद्धार पर करीब 2 करोड़ रुपए का अनुमानित खर्चा है। इसमें सड़कें, लाइट व्यवस्था, शैड आदि सभी सुविधाएं पूरी हो जाएगी। 7 करोड़ से कागदी नदी पर तालाब ब्रिज से लेकर जवाहर पुल तक 700 फल-सब्जी विक्रेता लॉरियों का वेंडर जोन बनाना है। कागदी नदी पर दोनों ओर 700 मीटर लंबाई में वेंडर जोन बनने के बाद शहर की सड़क किनारे पर यहां-वहां खड़ी होने वाली लॉरियों को यहां शिफ्ट करना है। सड़कें लॉरी मुक्त हो जाएगी। 

कागदी श्मशान घाट पर पुराने पुल का 4 करोड़ से जीर्णोद्धार का प्लान है। पुल के जीर्णोद्धार के बाद शहर का अधिकांश ट्रैफिक यहां से होकर गुजरेगा। इससे अन्य प्रमुख सड़कों से भार कम हो जाएगा। शहरवासियों को आवागमन का नया रास्ता मिलेगा।


अंबेडकर सर्कल से वीरांगना टॉकिज तक ए​लिवेटेट फ्लाईओवर बनाएंगे। करीब 2.5-3 किलोमीटर लंबा, 5 मीटर चौड़ा और जमीन से 20 फीट ऊंचा फ्लाईओवर बनना है। एमजी हॉस्पीटल, कलेक्ट्रेट कार्यालय व पुराना बस स्टैंड पर इसकी कनेक्टिविटी देंगे। इसके बनने के बाद शहर में आए दिन लगने वाले जाम से स्थाई निजात मिलेगी।

परिषद ने 15 प्लान तैयार किए हैं, जिन पर 75-80 करोड़ रुपए खर्च होने हैं। 6 बड़े प्लान तो सरकार को भेजे जा चुके हैं। राशि में करीब 15-20 प्रतिशत निकाय की शेयरिंग, 30 प्रतिशत राज्य सरकार और 50 प्रतिशत केन्द्र सरकार देगी। - जैनेन्द्र त्रिवेदी, सभापति


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