खेत की बिजली खेत में ही बनेगी:25 जीएसएस पर लगेंगे सौर ऊर्जा संयंत्र, घटेगा कृषि कनेक्शनों का खपत का भार
कृषि उपभोक्ताओं को मुफ्त बिजली आपूर्ति के चलते बढ़ते वाणिज्यिक घाटे के मद्देनजर अजमेर डिस्कॉम नई रणनीति पर काम रहा है। इसके तहत बांसवाड़ा वृत्त के 25 जीएसएस से जुड़े 39 फीडर का सेग्रिगेशन कर सोलर पावर प्लांट लगाए जाएंगे। इससे कृषि उपभोक्ताओं को दिन में बिजली की निर्बाद्ध सप्लाई मिलेगी। केंद्र सरकार की पुनरोद्धार वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) और हाईब्रिड एन्युटी मॉडल (हेम) के तहत पीएम कुसुम सी योजना के समन्वित बजट से करीब तीन सौ करोड़ रुपए की लागत के इस कदम में डिस्कॉम जिन फीडर पर लोड ज्यादा है, उनसे कृषि कनेक्शन अलग कर बड़े सौर ऊर्जा संयंत्र लगाएगा। इससे वहीं बिजली बनेगी और उसी क्षेत्र में खपत से आर्थिक भार में कमी आएगी।
2-2 मेगावाट के लगेंगे सोलर पावर प्लांट
निगम आरडीएसएस के तहत 24 लाख रुपए खर्च कर फीडर सेग्रिगेशन करेगा। इसके साथ ही 25 जीएसएस पर करीब 3.6 करोड़ रुपए प्रति मेगावाट कीमत के दो-दो मेगावाट के सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। सोलर प्लांट्स पर अनुमानित 277 करोड़ रुपए का खर्चा आएगा।
ये जीएसएस किए चिह्नित
डिस्कॉम ने बांसवाड़ा वृत के करजी, आंजना, बोरी, गोपीनाथ का गढ़ा, कोटड़ा, रैयाणा, खेड़ा खोडन, रोहिड़ा, सरेड़ी बड़ी, बदरेल, खेड़ावड़लीपाड़ा, सुरवानिया, वीरपुर, छोटी सरवन, जहांपुरा, नापला, देवदा, खमेरा, मोहकमपुरा, नाथपुरा, पाटन, रामगढ़, टिमेड़ा और हेजामाल जीएसएस को इसके लिए चिह्नित किया है। इनके न्यूनतम एक और अधिकतम तीन फीडर शामिल किए गए हैं, जिनके लोड के हिसाब से कृषि कनेक्शन अलग किए जाएंगे।
इनका कहना है...
आरडीएसएस और हेम मॉडल में कुसुम योजना के तहत बड़े बजट से 25 जीएसएस के कार्य के लक्ष्य अनुसार आगे बढ़ रहे हैं। इसके टेंडर प्रक्रियाधीन है।
जेआर गुप्ता, अधिशासी अभियंता प्रोजेक्ट अजमेर डिस्कॉम, बांसवाड़ा वृत