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वखतपुरा तत्कालीन सरपंच, विकास अधिकारी सहित 6 पर 29.43 लाख रु. के गबन का केस

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वखतपुरा तत्कालीन सरपंच, विकास अधिकारी सहित 6 पर 29.43 लाख रु. के गबन का केस
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अरथूना पंचायत समिति क्षेत्र की वखतपुरा ग्राम पंचायत में सड़क निर्माण, हैंडपंप लगाने और घाटा कटिंग जैसे कागजाें में काम दिखाकर 29.43 लाख रुपए का भुगतान उठा लिया। हैंडपंप खुदाई के कुछ कार्य ऐसे हैं जाे सार्वजनिक के बजाय निजी जमीन पर खाेद दिए। एक ही सड़क काे अलग-अलग दर्शा कर भुगतान उठा लिया।

इस कारस्तानी में तत्कालीन सरपंच विमला देवी, कनिष्ठ लिपिक मुकेशचंद्र, कनिष्ठ तकनीकी सहायक मयंक जोशी, कनिष्ठ तकनीकी अभियंता महीपाल कटारा, तत्कालीन विकास अधिकारी, मैसर्स पाटीदार के प्रोपराइटर पंकज पाटीदार, प्राेपराइटर कृष्णा एजेंसी अरथूना की मिलीभगत मिली है। जिस पर एसीबी ने इनके खिलाफ पद का दुरुपयाेग कर राजकाेष काे हानि पहुंचाने के आराेप में केस दर्ज किया है। पंचायत विकास कामाें में यह भ्रष्टाचार साल 2019 में किए गए। जिला परिषद की जांच कमेटी के भाैतिक सत्यापन में भ्रष्टाचार परत दर परत उजागार हुआ। जिसके बाद भ्रष्टाचार निराेध ब्यूराे ने साल 2020 में एक परिवाद दर्ज कर जांच शुरू की। अब प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।

निर्माण कार्य की गुणवत्ता बिलकुल घटिया
शमशान घाट, गुर्जरवाड़ा से मनजी भाई के घर तक सीसी सड़क निर्माण के लिए 7 अगस्त, 2018 काे 6.22 लाख रुपए की वित्तीय स्वीकृति जारी की गई थी। सत्यापन में सड़क कार्य घटिया हाेना पाया गया। अत: व्यय की गई राशि वसूली याेग्य मानी गई। इसी प्रकार हैंडपंप स्थापना में भी 7 स्थानों पर प्रत्येक पर 36 हजार 642 रुपए व्यय किए गए। कुल 44 लाख 5 हजार रुपयों का अनियमित भुगतान उठाया गया जाेकि वसूली याेग्य माना गया।

सेनाला में घाटा कटिंग कराई नहीं और जेसीबी खर्च बताया ~64 हजार
सेनाला में माताजी मंदिर के पास घाटा कटिंग और भराव कार्य के लिए फरवरी, 2019 में एक लाख रुपए की स्वीकृति थी। खर्च 98 हजार 970 रुपए बताया। पंचायत द्वारा इसका मूल्यांकन नहीं करवाया, लेकिन 26 जून, 2020 काे जिला परिषद कमेटी द्वारा भाैतिक सत्यापन में भराव कार्य ही पाया, जबकि घाटा कटिंग का प्रावधान भी लिया था। तकनीकी सहायक ने बिना माैके का निरीक्षण किए तखमिना बनाया। पंचायत ने भी घाटा कटिंग का बिल लगाया था, जबकि माैके पर घाटा कटिंग हुई ही नहीं। कमेटी ने इस कार्य के पेटे जेसीबी पर किए गए 64 हजार 605 रुपए काे बिना कार्य के फर्जी भुगतान माना।

बिना कार्य किए 99 हजार का खर्च बताया
लेबाभगत के घर से गुर्जरवाड़ा तक घाटा कटिंग के लिए 19 फरवरी, 2019 काे 99 हजार 560 रुपए की स्वीकृति थी। कार्य पर श्रम राशि शून्य और सामग्री मद में 99 हजार 560 रुपए मिला। मूल्यांकन नहीं करवाया। जिला परिषद ने भाैतिक सत्यापन पर किसी प्रकार का काेई घाटा कटिंग नहीं होना सामने आया। शून्य मैसर्स पाटीदार बिल्डिंग एवं मटेरियल कृषि फर्म अरथूना का फर्जी बिल लगा भुगतान उठा लिया।

पंचायत अधिकृत नहीं, लगा दी हाईमास्ट
एसएफसी योजना के तहत 25 सितंबर, 2018 काे 1.55 लाख की एलईडी लाइट लगानी थी, 1.52 लाख व्यय मिला। मूल्यांकन सहायक अभियंता महीपाल कटारा ने किया। जिला परिषद कमेटी के सत्यापन में माैके पर 4 हाईमास्ट मिली। जबकि पंचायत हाईमास्ट लाइट लगाने के लिए अधिकृत नहीं थी। इधर, हाईमास्ट लाइट सौंदर्यीकरण के तहत 12 फरवरी 2019 काे 1.35 लाख की स्वीकृत जारी की गई। जबकि मौके पर पुरानी हाईमास्ट लगाई।

बिखर गई 10 लाख की सीसी सड़क
सीसी सड़क के लिए 29 नवंबर, 2017 काे 10 लाख स्वीकृत हुए। इसमें कुल व्यय 9 लाख 95 हजार 240 रुपए बताया। अरथूना पंचायत समिति के सहायक अभियंता द्वारा मूल्यांकन कर प्रमाणित किया गया। कमेटी ने पाया कि निर्माण कार्य की गुणवत्ता बिलकुल घटिया हाेने के कारण सडक की कंकरीट उखड़कर बिखर गई। कार्य घटिया हाेने के कारण अनुपयोगी है और राशि वसूली याेग्य है।

सड़क खुर्द-बुर्द हाेकर कंक्रीट में बदली
4.14 लाख से सीसी सड़क बनानी थी, यहां 3.98 लाख व्यय बताया गया। तकनीकी सहायक मयंक जाेशी द्वारा मूल्यांकन दर्ज है, जबकि वह यूसी, सीसी जारी करने के लिए अधिकृत नहीं है। माैके पर जांच के दाैरान सड़क पर कंक्रीट बिखरी पाई गई। सीसी सड़क का कार्य हाेना भी नहीं प्रतीत हुआ। घटिया कार्य हाेने से सड़क अनुपयोगी है इसलिए व्यय की गई राशि कमेटी ने वसूल याेग्य माना।

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