माही बांध के पानी के उपयोग से होगा बिजली उत्पादन: रबी सीजन में बिजलीघर-2 से ज्यादा बिजली बनाने के लिए समानांतर नहर की जरूरत

अंतरराज्यीय महत्व के माही बांध के पानी का उपयोग रबी सिंचाई के बाद बिजली उत्पादन के लिए करने राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लि. के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आर के शर्मा ने पत्र भेजा।
इस संबंध में अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक द्वारा 23 मार्च 2023 को अतिरिक्त मुख्य शासन सचिव सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग राजस्थान सरकार जयपुर को भेजे गए पत्र में बताया कि माही पन बिजली उत्पादन गृह प्रथम और द्वितीय से माही बांध में संग्रहित पानी से पूर्ण क्षमता से विद्युत उत्पादन करवाया जाए।
उन्होंने बताया कि मुख्य अभियंता जल संसाधन विभाग राजस्थान जयपुर ने माही परियोजना बांसवाड़ा की बांयी मुख्य नहर के समानांतर नहर निर्माण को लेकर डीपीआर तैयार करवाने 5 लाख रुपए के बजट की मांग की है।
उन्होंने बताया कि जहां तक समानांतर नहर प्रकल्प की बात है तो माही बांध में उपलब्ध अधिशेष वर्षा जल के व्यावसायिक दोहन के लिए वर्ष 1992 में तत्कालीन आरएसईबी द्वारा डीपीआर तैयार की गई थी और माही विभाग के मुख्य अभियंता से विचार विमर्श कर संयुक्त निरीक्षण कर समानांतर नहर के निर्माण की आधारभूत व्यवस्था प्रतिपादित कर आरएसईबी द्वारा 49 करोड़ राशि की स्वीकृति जारी कर दी गई थी।
तब मामला ठंडे बस्ते में जाने के बाद 1998 में फिर से माही और आरएसईबी द्वारा संयुक्त रूप से विचार कर 90 करोड़ की लागत से परियोजना के निर्माण का आंकलन किया था। तब आरएसईबी के विभाजन के कारण कार्रवाई नहीं हो पाई थी। इस मामले में महत्वपूर्ण बात ये है कि माही बजाज सागर परियोजना में माही बांध में संग्रहित पानी का उपयोग नहीं कर उसे संग्रहित रख कर और मानसून में पानी कैरीओवर करने का प्रावधान नहीं है।
लेकिन बांध के पानी का पूरा उपयोग नहीं होने से हर साल कम दिनों में हुई बारिश से बांध पानी से पूरा भर जाता है और अधिशेष पानी का उपयोग नहीं कर पाने से बांध के 16गेट खोल कर पानी छोड़ने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचता है।
जलसंसाधन विभाग और राजस्थान माही नदी बेसिन प्राधिकरण के पूर्व मुख्य अभियंता और विशेष विशेषज्ञ सदस्य दीपक दोसी ने बताया कि रबी सिंचाई सीजन के बाद माही बांध में संग्रहित पानी के लाइव स्टोरेज का 260 से 261 मीटर तक बिजली उत्पादन के लिए उपयोग में लाया जाना चाहिए। इससे कि राज्य को सस्ती और ग्रीन बिजली उपलब्ध करवाई जा सके। वहीं बिजली उपलब्धता के मामले में राजकोष को लगातार होने वाली क्षति को रोका जा सके।
अभी माही बांध में 34.57 टीएमसी पानी है : उल्लेखनीय है कि माही बांध की कुल जलभराव क्षमता 281.50 मीटर की तुलना में 270.40 मीटर जलस्तर होने से बांध में 34.57 थाउजैंड मिलियन क्यूबिक पानी है। उल्लेखनीय है कि एक टीएमसी पानी से 75 लाख यूनिट बिजली उत्पादित की जा सकती है।
वहीं माही बांध के 77 टीएमसी पानी में से 42.43 टीएमसी पानी बिजली उत्पादन और रबी फसल सिंचाई के लिए छोड़ा जा चुका है। अभी बांध का 20 टीएमसी पानी उपयोग में लाया जा सकता है।