माही बांध 11.1 मीटर खाली:गर्मी में माही व कडाणा बांध का जलस्तर कम हाेने से उभरने लगे टापू, किसानाें ने की जायद फसल की बुवाई
लगातार पश्चिमी विक्षाेभ के चलते इस बार रबी फसल सीजन में 13646 हैक्टेयर क्षेत्र में फसलों का खराबा हो गया। वहीं अब किसानों को जायद की फसल पैदावार से फायदे की आस है। किसानों ने अब माही बांध और गुजरात के कडाणा बांध के बैकवाटर वाले क्षेत्र में बांध का जलस्तर कम होते ही जायद फसल की बुवाई शुरू कर दी है। वहीं कृषि विभाग भी कृषि पर्यवेक्षकाें के जरिये जायद की फसल पैदावार बढ़ाने पर विशेष फाेकस कर रहा है।
जिसके तहत मूंग, उड़द, ज्वार, बाजरा, हरा चारा, सब्जी आदि की बुवाई 536 हैक्टेयर क्षेत्र में की जा रही है। इसमें सर्वाधिक बुवाई का क्षेत्र मूंग का 245 हैक्टेयर है। गर्मियाें में माही बांध और कडाणा बांध का जलस्तर कम हाे जाता है। इससे कई नए टापू निकल आते है वहीं पानी सूखने से बैक वाटर का सूखा इलाका बड़ा हाे जाता है। इससे आनंदपुरी पंचायत समिति के वंडा, डोकर, डाेकर, छाजा, राेहनिया, काेटड़ा, दवेला, कांगलिया आदि क्षेत्रों में ताे माही बैक वाटर के काकनसेजा, रामगढ़, चाचा कोटा, बोरखेड़ी, खांदू, कुंडला खुर्द, बदरेल, पाडला, आला पृथ्वीगढ़ आदि गांवों में किसान जायद की फसल बुवाई कर फसल पैदावार लेते हैं।
माही बांध का जलस्तर अभी 270.40 मीटर
रबी फसल सिंचाई और विद्युत उत्पादन के लिए माही बांध से 42.43 टीएमसी पानी छोड़े जाने से अब माही बांध में 34.57 टीएमसी पानी रह गया है। वहीं गुजरात के कडाणा बांध का पानी बिजली उत्पादन और फसल सिंचाई के लिए छोड़े जाने के बाद अब कडाणा बांध का जलस्तर 119.86 मीटर रह गया है। बांध में 20462 एमसीएफटी पानी संग्रहित है और माही, अनास, चाप, सोम, जाखम के पानी से 250 क्यूसेक पानी की आवक अभी भी जारी है।