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युवाओं के स्वर्णिम भविष्य का ब्ल्यू प्रिंट है विकसित भारत 2047: कुलपति

Banswara
युवाओं के स्वर्णिम भविष्य का ब्ल्यू प्रिंट है विकसित भारत 2047: कुलपति
@HelloBanswara - Banswara -

बांसवाड़ा युवाओं को सशक्त करने के लिए शिक्षा एक महत्वपूर्ण माध्यम है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह आह्वान है और युवाओं के सामने एक लक्ष्य भी रखा है कि हमें 2047 तक भारत को विकसित बनाना है। साथ ही पूरे विश्व में एक अलग प्रेरक मुकाम हासिल करना है। इस के लिए जिन चार मुख्य बातों पर ध्यान केंद्रित किया जाना है, वे हैं शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा एवं एंपावरमेंट।

आज भारत की सबसे बड़ी संपत्ति विश्व के सर्वाधिक करोड़ों भारतीय करोड़ युवा हैं, जिनके परिश्रम, पुरुषार्थ और दृढ़ संकल्प से भी हमारा देश अपने उच्च लक्ष्यों को अर्जित कर सकेगा। उक्त विचार जीजीटीयू कुलपति प्रो. केशव सिंह ठाकुर ने विश्वविद्यालय द्वारा विकसित भारत 2047, समृद्ध युवा-सशक्त भारत विषयक वेबिनार में बतौर अध्यक्षीय उद्बोधन में व्यक्त किए। प्रो ठाकुर ने कहा कि भारत उच्च शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर विकास पर आगे बढ़ा है और तीव्र गति से अपने लक्ष्य की ओर उन्मुख हो रहा है।

भारत के अनेक ऐसे शिक्षा संस्थान है जो विश्व में अग्रणी हैं। भारत में और अधिक विश्व स्तरीय शिक्षा संस्थानों की आवश्यकता है, जिससे विदेश में जा रहे शिक्षा प्राप्त करने के लिए विद्यार्थियों को भारत में ही अपने लक्ष्यों की उपलब्धि हो सके एवं देश की प्रतिभा का सर्वाधिक उपयोग देश के सर्वांगीण विकास में हो सके। विकसित भारत की संकल्पना को साकार करने के लिए हम सब मिलकर कार्य करेंगे, तो इस लक्ष्य को निश्चित रूप से 2047 तक जरूर पूरा कर लेंगे।

इस अवसर पर कुलसचिव प्रभार प्रो. लक्ष्मण परमार ने जनजातीय क्षेत्र के सभी युवाओं से आह्वान किया कि वह उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए शोध के क्षेत्र में अपनी रुचि बनाएं। अकादमिक अनुभाग प्रभारी डॉ. राकेश डामोर ने संबोधित करते हुए कहा कि विकसित भारत 2047 की संकल्प को साकार करने के लिए हम सभी को तन, मन, धन से सहयोग करना होगा। हम रोजगार देने वाले बनें ना कि रोजगार लेने के लिए ही रहें।

वेबिनार में आयोजन संयोजक अकादमिक परामर्शदाता डॉ. एमपी सिंह ने विकसित भारत 2047 की संकल्पना, उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। संवाद में विधि पाठ्यक्रम विद्यार्थी गोपाल पंड्या ने विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को स्किल डेवलपमेंट के लिए स्थानीय उद्योग-धंधों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया। वेबिनार में विश्वविद्यालय के निदेशक शोध प्रो. अलका रस्तौगी, परीक्षा नियंत्रक प्रो. मनोज पंड्या, प्रभारी संबद्धता डॉ. नरेंद्र पानेरी आदि ने भाग लिया और सुझाव दिए। बांंसवाड़ा. जीजीटीयू में आयोजित ऑनलाइन वेबिनार में शामिल कुलपति और अन्य शिक्षाविद्।

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