प्रोजेक्ट समय पर पूरा करने के लिए बनाई समिति की बैठक में निर्णय, रेलवे अकेले ही काम कराएगा
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बांसवाड़ा राज्य सरकार और रेलवे के बीच इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े प्रोजेक्ट्स को समय से पूरा करने के लिए बनाई गई समिति की गुरुवार को बैठक जयपुर में हुई। इसकी अध्यक्षता सीएम भजनलाल शर्मा ने की। बैठक में रेलवे की ओर से राज्य सरकार को विभिन्न प्रोजेक्ट्स की प्रेजेंटेशन दी गई। इस दौरान राज्य सरकार ने जानकारी दी कि आदिवासी क्षेत्र बांसवाड़ा में अब पावर प्लांट नहीं लगाया जा रहा है। ऐसे में राज्य सरकार द्वारा डूंगरपुर-रतलाम वाया बांसवाड़ा प्रोजेक्ट में कोई भागीदारी नहीं होगी।
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अब इस प्रोजेक्ट को रेलवे अकेले ही विकसित कर सकता है। हालांकि अभी इस पर अंतिम निर्णय रेल मंत्रालय द्वारा लिया जाएगा। दरअसल, 189 किमी लंबी इस लाइन के निर्माण का कार्य 2014 से पहले तत्कालीन सरकार द्वारा राज्य सरकार के साथ 50-50 प्रतिशत की सहभागिता के साथ करना था। लेकिन परियोजना का अपेक्षित काम नहीं हो पाया।
रेलवे अभी बांसवाड़ा के पास भूमि समतलीकरण का काम कर रहा है। इस प्रोजेक्ट को वर्ष 2011-12 में स्वीकृत किया था। उस समय इसकी लागत करीब 3500 करोड़ रुपए थी। इसमें से 50 फीसदी रेलवे व 50 फीसदी राज्य सरकार को खर्च वहन करना था। जमीन अधिग्रहित कर मुआवजा राशि भी राज्य सरकार को ही देनी थी। राज्य सरकार ने दो बार में 200 करोड़ रुपए भी दिए और करीब 50 करोड़ का काम भी हुआ, लेकिन वर्ष 2016 से राज्य सरकार का सहयोग बंद हो गया।