रोज 40 किमी का साइकिल का सफर, ताकि बैंक में दे सके ड्यूटी
कोरोना के संक्रमण के कारण लॉकडाउन का आम आदमी की दिनचर्या पर काफी प्रभाव पड़ा है। जरूरी सेवाओं को छोड़कर हर कोई घरों में ही रहा रहा है, लेकिन चिकित्साकर्मी, पुलिस, बैंक कर्मी, किराणा, फल-सब्जी विक्रेता और दूध डेयरी वाले बराबर सेवा दे रहे हैं ताकि आमजन को लॉकडाउन में किसी भी चीज के लिए परेशान ना होना पड़ा। 25 मार्च से लॉकडाउन मंे बड़ोदिया निवासी बैंककर्मी 57 वर्षीय अमरेंग खराड़ी सरकारी सेवा और 90 वर्षीय मां श्यामू बाई की सेवा का ऐसा ही धर्म निभा रहे हैं। लॉकडाउन में वाहनों की आवाजाही बंद होने के कारण अमरेंग खराड़ी रोज सुबह बड़ोदिया से 7.45 बजे साइकिल चलाकर बांसवाड़ा पीपली चौक स्थित एसबीआई बैंक शाखा 9 बजे पहुंचते हैं। बैंक में चतुर्थ श्रेणी सफाई कर्मचारी पद पर कार्यरत अमरेंग 9 से शाम 6 बजे तक नौकरी करने के बाद शाम 6 बजे से वापस बड़ोदिया के लिए साइकिल पर निकलकर रात 7.30 पहुंचते हैं। अमरेंग बताते हैं कि घर में बुजुर्ग मां की देखभाल के लिए आना जाना करना पड़ता है। लॉकडाउन में आमजन की सेवा भी जरूरी है और मां की भी। अमरेंग के पास बाइक नहीं है। इसलिए इस समय वाहनों की आवाजाही बंद होने के कारण रोज साइकिल से आने जाने की मजबूरी है।