जिले में अतिवृष्टि से फसलें बर्बाद
मूसलाधार बारिश से फसलों को व्यापक नुकसान, किसानों ने की मुआवजा देने की मांग
जिले में भारी बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ तो वो है किसानों का। कही भारी बारिश से किसानों की खड़ी फसल चौपट हो गई तो कही मक्का में लगे फंगस से पौधे के पत्ते पूरी तरह किट पतंगे खा गए।
कही तो ये स्तिथि है कि लोगो के केवल बारिश के सीजन से पैदावार उनके 12 माह के लिए खाने की व्यवस्था हो जाती है। लेकिन फसल खराबा होने से अब परिवार का भरण पोषण तक नही हो पायेगा।
बारिश का खराबा माने तो आंबापुरा क्षेत्र के गांव में महेशपुराए रामगढ़ए वीरपुरए झरनियाए बोरियाए पालशवानीए छापरिया नल्दाए व छोटी सरवन क्षेत्र के दानपुर क्षेत्र के हरनाथपुराए छायन बड़ीए जहांपुरा, मकनपुरा, कुंडल, घोड़ी तेजपुर आदि गांवों के सैकड़ों किसानों की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई।
यहां नॉन कमांड क्षेत्र होने से किसानों के साल में केवल एक बार बारिश के समय मे खेती की गई फसल होती है। पहाड़ी क्षेत्र होने पानी के अभाव के कारण यहां रबी की फसल नही हो पाती है।
कटुम्बी के हरदू व आडीभित के अनिल कुमार बताते है कि खेत में 5 से 7 हजार खाद बीज एवं दवाई का खर्चा करने के बाद अब फसल कीट लगने से पूरी फसक्ल खत्म होने की हो गई है। घाटोल| क्षेत्र में अतिवृष्टि से फसलें बर्बाद हो चुकी है।
ऐसे में कोरोना संकट को लेकर पहले से परेशानियों का सामना कर रहे किसानों के सामने अतिवृष्टि के कारण और समस्या खड़ी हो गई है। किसानों को समस्या को देखते हुए भाजपा ओबीसी प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद पंचाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र भेज किसानों को मुआवजा देने की मांग की है।
पत्र में पंचाल ने बताया कि सहकारिता संबंधित एवं राष्ट्रीयकृत बैंकों से जिन-जिन किसानों ने किसान क्रेडिट-कार्ड से ऋण ले रखा है उनकी वर्तमान में सोयाबीन, मक्का, दलहनी, तिलहनी फसलें अतिवृष्टि से नष्ट हो गई है।
उनको फसल बीमा योजना अन्तर्गत ऐसे किसानों की क्षति की पूर्ति के लिए मुआवजा दिया जाए। साथ ही अतिवृष्टि से फसलें नष्ट हो गई है उनकी तत्काल गिरदावरी करवाकर राजस्थान लागू संशोधित 33 प्रतिशत खराबे को आधार मानकर आम किसान को आपदा-अनुदान का भुगतान करने की मांग की।
पिछले वर्ष का भी किसानों को आदान-अनुदान का भुगतान नही किया हैं। क्षेत्र में अतिवृष्टि से सड़कें, पुलिया क्षतिग्रस्त हो गई है। तो कई राजकीय भवन, स्कूलें तो कही गरीबों के आशियाने गिर गए है।
पंचाल ने अभियान चलाकर आपदा राहत देने की मांग की। साथ ही रबी फसल के लिए नहरों में जल प्रवाह करने से पहले क्षतिग्रस्त माही की नहरों व माइनरों के रखरखाव की मांग की है।