कोरोना पीड़ित, मूक बधिर छात्रों को पासिंग नंबर पर प्रवेश

सरकार ने कॉलेज शिक्षा में प्रवेश को लेकर नीति जारी कर दो है। पहली बार कोरोना के कारण माता या पिता या पति को खो चुके विद्यार्थियों को प्रवेश में राहत दी है। गोविंद गुरु कॉलेज के कार्यवाहक प्राचार्य डॉ भूपेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि विगत दो सत्रों से कोरोना ने पूरे विश्व को बुरी तरह से प्रभावित किया है और अनेक विद्यार्थियों ने अपने माता पिता को खोया है।
कॉलेज शिक्षा ने ऐसे विद्यार्थियों के स्नातक प्रथम वर्ष और स्नातकोत्तर पूर्वार्ध में राजकीय महाविद्यालयों में नियमित प्रवेश प्रक्रिया में न्यूनतम उत्तीर्णांक पर प्रवेश देने का निश्चय किया है। ऐसे छात्रों को केवल उनके माता पिता या पति के कोरोना से मृत्यु होने का प्रमाण पत्र ऑनलाइन फॉर्म भरते समय अपलोड करना पड़ेगा। विद्यार्थियों को किसी भी प्रकार की मेरिट में आने के लिए जूझना नहीं पड़ेगा। विद्यार्थियों की सीटें कुल सीटों के अतिरिक्त होंगी। यानि बारहवीं परीक्षा केवल पास करने से ही ऐसे विद्यार्थियों का कॉलेज में प्रवेश हो जाएगा। नेत्रहीन, मूक बधिर और शहीदों के बच्चों को भी न्यूनतम अंक पर प्रवेश देने का प्रावधान लागू किया है। इसी प्रकार उभयलिंगी ट्रांस जेंडर श्रेणी के छात्रों का भी न्यूनतम उत्तीर्णांक पर प्रवेश दिया जाना है। ऐसे छात्रों को केवल अपने उभयलिंगी होने का स्व घोषणा पत्र अपलोड करना होगा।
