सीबीएसई: कॉलेजों की तर्ज पर छठी, 9वीं, 11वीं में क्रेडिट सिस्टम, ट्रायल सफल हुआ तो सभी कक्षाओं में अपनाएंगे
कॉलेजों की तर्ज पर अब स्कूलों में भी नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क के अंतर्गत क्रेडिट सिस्टम से पढ़ाई की तैयारी की जा रही है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने इस सिस्टम को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शैक्षणिक सत्र 2024-25 से छठी, 9वीं और 11वीं कक्षा में लागू करने की तैयारी की है। सीबीएसई ने इस सिस्टम का हिस्सा बनने के लिए स्कूलों को आमंत्रित किया है। इस संबंध में बोर्ड की ओर से सीबीएसई से संबद्ध सभी स्कूल प्रमुखों को दिशा-निर्देशों की जानकारी भेजी गई है।
इस सिस्टम के तहत 9वीं में साल भर में 210 घंटे की पढ़ाई करने पर छात्रों को 40-54 क्रेडिट अंक मिलेंगे। यह क्रेडिट सभी विषयों में परीक्षा पास करने पर ही मिलेंगे। इसके लिए साल भर में एक कक्षा में 75 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य होगी। पहले फेज के सफल होने के बाद में सभी कक्षाओं में क्रेडिट सिस्टम लागू करने पर विचार किया जाएगा। इस स्कीम में नौवीं के विद्यार्थियों को 5 विषयों (दो लैंग्वेज और 3 मुख्य विषयों) में पास होना अनिवार्य है। इसमें प्रत्येक विषय के लिए 210 घंटे प्रति विषय के लिए अलॉट किए गए हैं। इस तरह से 1050 घंटे पांच विषयों के लिए अलॉट किए गए हैं। इसके अलावा 150 घंटे इंटरनल असेसमेंट के लिए निर्धारित किए गए हैं। इसमें हर सब्जेक्ट के लिए 7-7 क्रेडिट होंगे। यह प्रमुख पांच विषय होंगे। इस तरह से अन्य विषयों को शामिल करने के बाद यह 40-54 क्रेडिट का होगा। इधर, 11वीं में छात्र 40-47 क्रेडिट अर्जित कर सकेंगे। पायलट प्रोजेक्ट के बाद में अन्य कक्षाओं को भी क्रेडिट सिस्टम में लाया जाएगा।
सीबीएसई की नई व्यवस्था के तहत छठी, नौवीं और 11वीं में असेसमेंट स्कूल स्तर पर होगा। उसमें छात्र प्रति वर्ष 40-40 क्रेडिट अर्जित कर सकेंगे। इसके लिए यह अनिवार्य किया गया है कि छात्र की उपस्थिति कम से कम 75 फीसदी होनी चाहिए। इसके लिए हर विषय का कॅरिकुलम घंटों के हिसाब से निर्धारित किया गया है। इसके लिए छात्र की अपार आईडी में भी सेव किया जाएगा।