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केस 4: भाई की मौत 7 दिसंबर को हुई, मृत्यु प्रमाण-पत्र में 24 दिसंबर दर्शाई

Banswara
केस 4: भाई की मौत 7 दिसंबर को हुई, मृत्यु प्रमाण-पत्र में 24 दिसंबर दर्शाई
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जिले में फर्जी तरीके से बीमा क्लेम करने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। जिसमें मृत व्यक्ति की पॉलिसी बनाकर उसका क्लेम दलाल उठा रहे हैं। हाल ही में ताजा मामला सामने आया है। जिसमें इंडिया फर्स्ट लाइफ इंश्योरेंस कंपनी ने बदमाशों के खिलाफ कोतवाली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। कंपनी के एसोसि‍एट वाइट प्रेसिडेंट अजय मुसले की ओर से पुलिस को सौंपी रिपोर्ट में बताया कि कंपनी बांसवाड़ा की कई शाखाओं में प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के माध्यम से और व्यक्तिगत पॉलिसियों की पेशकश के माध्यम से बैंक ऑफ बड़ौदा के खाताधारकों के जीवन को कवर कर रही है। हाल ही में कंपनी की आंतरिक जांच के दौरान सामने आया कि कुछ स्थानीय दलालों/बदमाशों ने पहले से ही मृत व्यक्ति की मृत्यु के संबंध में विभिन्न फर्जी दावे दर्ज करके बीमा कंपनी को धोखा दिया और नामांकित व्यक्ति के खाते में भुगतान प्राप्त करने के बाद सभी धनराशि निकाल ली। कुछ मामलों में नामांकित व्यक्ति, नॉमिनी को दावा राशि से कम राशि बांटी गई, जबकि अधिकांश राशि खुद हड़प कर गए। कंपनी ने 4 फर्जी बीमा क्लेम के की डिटेल जानकारी पुलिस को सौंपी है। जिसके आधार पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पड़ौली गोरधन निवासी नारू ने दावा किया कि उसके भाई कालूराम की 7 दिसंबर 2021 को हुई, जबकि पड़ौली गोरधन द्वारा जारी मृत्यु प्रमाण पत्र में तिथि 24 दिसंबर दर्शाई है। वहीं जांच में सामने आया कि घर में लगी तस्वीर में मृत्यु 7 अक्टूबर 2021 को दर्शाई है। ग्रामीणों ने भी इसी तारीख को मौत की पुष्टि की। साथ ही दावेदार ने बताया कि उन्हें कोई राशि प्राप्त नहीं हुई है, जबकि कंपनी ने नामांकित के खाते में 2 लाख रुपए का भुगतान कर चुकी है। उपली नाल के लक्ष्मण भगोरा ने अपने बेटे विकास की मृत्यु का दावा दर्ज कराया था। मृत्यु प्रमाण पत्र में उम्र 29 जुलाई 2022 अंकित है। जांच में सामने आया कि दस्तावेजों में आधार कार्ड में जो चेहरा है, वो विकास पुत्र नानका भगोरा का है। जांच में पता चला कि वह जीवित है और नाबालिग है। इस मामले में सरपंच ग्राम पंचायत के अधिकारी भी शामिल है, क्योंकि उन्होंने अपने बयान में प्रमाणित किया था कि उन्होंने मृतक के अंतिम संस्कार में जो प्रस्तुत किया था, वास्तव में नतो उसका जन्म हुआ और नहीं मृत्यु हुई। घाटोल के कंठाय निवासी गटूलाल बुज ने दावा पेशकर बताया कि उनकी पॉलिसी 13 जुलाई, 2022 को जारी की गई। उनके पिता सवजी की मृत्यु हो गई। दावा प्रपत्र के अनुसार 21 जून, 2022 को मृत्यु हो गई। कंठाव पंचायत द्वारा जारी मृत्यु प्रमाण पत्र में मृत्यु की तारीख 21 जून 2022 बताई गई, जबकि कंपनी की जांच में मृतक के घर पर मिली फोटो में मृत्यु की तिथि 16 जुलाई 2021 बताई गई है। व्यक्तिगत पॉलिसियों में नकली आधार कार्ड और उस पर किसी अन्य व्यक्ति की फोटो का उपयोग करके फैक व्यक्ति (जोकि अस्तित्व में नहीं है) के नाम पर पॉलिसी लेते हैं। नामांकित व्यक्ति बनाते हैं, जिसका आधार कार्ड असली हो और उसका अस्तित्व उपलब्ध हो। बाद में स्थानीय सरपंच की मदद से पंचायत अधिकारी से मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त कर दावा दायर करते हैं। पलोदरा निवासी दलीचंद ने बेटी रीना की मृत्यु का दवा दर्ज कराया। जिसमें बेटी की मौत 15 अक्टूबर 2021 होना बताया। कंपनी की जांच में सामने आया कि दलीचंद की रीना की बेटी ही नहीं है। उनकी किसी भी बेटी की मृत्यु नहीं हुई। रीना के आधार कार्ड का सत्यापन कराने पर पता चला कि वह आधार कार्ड सवला डामोर पुत्री रीना को जारी किया हुआ है। उसका चेहरा भी अलग है और वह जीवित है। दलाल ऐसे व्यक्ति के परिवार से संपर्क करते हैं, जिनकी हाल ही मृत्यु हो गई हो। वह परिवार से परिचित होते हैं और उनसे मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं प्राप्त करने का अनुरोध करते हैं। वह परिवार को लालच देते हैं कि वह उन्हें कुछ राशि देंगे, अगर वह उनके कहे अनुसार ही करे। इसके बाद वह मृत व्यक्ति के खाते से प्रीमियम का भुगतान करने के बाद बीमा पॉलिसी खरीदते हैं। नामांकित व्यक्ति के नाम पर नया बैंक खाता खोलते हैं। नामांकित व्यक्ति की चेकबुक, एटीएम भी अपने पास रखते हैं। दावा प्रपत्र में उनके मोबाइल नंबर और नामांकित व्यक्ति का नया बैंक खाता, दो महीने के बाद वे वर्तमान यानि नवीनतम तिथि में मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करते हैं। इसके बाद वे मृतक और नामांकित व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र, केवाईसी दस्तावेज बैंक ऑफ बड़ौदा के विभिन्न शाखाओं में जमा करवाते हैं। जहां से कंपनी के ऑफिस में दस्तावेज पहुंचने के बाद क्लेम का प्रोसेस किया जाता है। दावे के निपटाने के बाद नॉमिनी के मोबाइल पर एसएमएस प्राप्त होता है, नामांकित व्यक्ति की जानकारी के बिना ये दलाल सभी धनराशि निकाल लेते हैं।

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