सड़क व सार्वजनिक उपयोग की जगह के भूखंड बनाकर बेचे, रोड 30 से 18 फीट की

शहर की मुस्लिम कॉलोनी के नजदीक बसाई जा रही एक कॉलोनी बुरहानी सोसायटी में स्वीकृत नक्शे के विपरीत नया नक्शा बनाकर प्लॉट बेचने का मामला सामने आया है। इस संबंध में नगर परिषद ने जांच कराई थी। जिसमें ले-आउट के विपरित भूखंड़ों को बेचना पाया गया। परिषद की ओर से निर्माणकर्ता मुस्लिम कॉलोनी के जेनुद्दीन मगर और मोईज बाड़ीगामा को नोटिस जारी कर दस्तावेजों के साथ 3 दिन में स्पष्टीकरण मांगा है।
नोटिस में बताया कि जांच में 3 सितंबर, 1992 राजस्व ग्राम बांसवाड़ा में भूखंड अनुमोदित ले-आउट प्लान के विपरित बेचे गए हैं जो रुपांतरण आदेश के बिंदु संख्या 5 का उल्लंघन है। दरसल, शहर की राज राजेश्वर कॉलोनी के मोहम्मद शौकीन कुजड़ा ने नगर परिषद में शिकायत की थी। मोहम्मद शौकीन ने इसमें संबंधित जगह पर सार्वजनिक भूमि और सड़कों पर अवैध निर्माण होने और डिविजन कार्यालय द्वारा स्वीकृत नक्शे की अनदेखी कर फर्जी नक्शा बनाकर भूखंड बेचने का दावा किया।
शौकीन ने समिति के नक्शे की जांच और मौके पर भूमि का सीमांकन करने की मांग की थी। जिसके बाद नगर परिषद के एटीपी, पटवारी और कार्मिकों की टीम ने मौके पर जांच की। बांसवाड़ा पटवारी जगदीश ने बताया किया पुराना नक्शा उदयपुर से जारी हुआ था, पुराने नक्शे में सील और दस्तखत है। जबकि नया नक्शा पूरी तरह अलग है। ^शिकायत के बाद मौके की जांच कराई थी। जिसमें अनुमोदित ले-आउट के विपरित भूखंडों का बेचान किया जाना पाया गया। नगरीय विकास कर और तकनीकी रूप से भी निर्माण कार्य की जांच कराई जा रही है। निर्माणकर्ताओं को नोटिस भेज निर्माण संबंधी दस्तावेज पेश करने करने को कहा है। -सुहैल शेख, आयुक्त, नगर परिषद {कृषि भूमि की खरीद और कंवर्जन: 61 व्यक्तियों ने संयुक्त रूप से 7.08 बीघा जमीन (आराजी-495-522) खरीदी और बाद में समिति के नाम से कंवर्ट किया गया। कंवर्जन लिस्ट में 61 व्यक्तियों के नाम दर्ज हैं। { डिवीजन व समिति के नक्शे अलग : डिवीजन कार्यालय ने शहरीकरण के लिए एक आधिकारिक नक्शा स्वीकृत किया था, जिसमें सड़कों, सार्वजनिक उपयोग की जगहों और व्यक्तिगत प्लॉट्स की स्पष्ट सीमाएं निर्धारित थी।
समिति ने अपने नक्शे में सड़कों और सार्वजनिक भूमि की जगह पर प्लॉट्स बना दिए। इसका उपयोग करके अवैध निर्माण किए जा रहे हैं। { 30 फीट की रोड को 18 फीट कर दिया गया। रोड पर 10 फीट की बाउंड्री करके अवैध तरीके से गेट भी लगा दिया। जानकारों को कहना है कि इस कॉलोनी में फायदा लेने के साथ-साथ पीछे की कॉलोनियों को भी बेनिफिट दिया गया। असली ले-आउट - 30 फीट की सड़कें, सार्वजनिक उपयोग की जगह बताई है। नकली ले-आउट - 18-20 फीट की सड़कें और ज्यादा प्लॉट बताए हैं।