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दर्ज केसों की सुनवाई में प्रदेश में दूसरे नंबर पर बांसवाड़ा 

Banswara
दर्ज केसों की सुनवाई में प्रदेश में दूसरे नंबर पर बांसवाड़ा 
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बांसवाड़ा और बारां में 5% पेंडेंसी, जिले में सबसे कम केस भुंगड़ा-खमेरा में पेंडिंग

बांसवाड़ा जिले में चोरी और लूट की वारदातें और अन्य प्रकरण भले ही आए दिन दर्ज होते हो, लेकिन इन्हीं घटनाओं और अपराधों के निस्तारण में भी बाँसवाड़ा प्रदेश के बड़े जिलों और थानों से कम नहीं है जिले की पुलिस ने न केवल राजधानी जयपुर, बल्कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर को भी प्रकरणों के निस्तारण में पीछे छोड़ दिया है।  जबकि मुख्यमंत्री के साथ उनके पास गृह मंत्रालय का भी जिम्मा है। जहां जिले के अंदर थानों की बात करें तो भूंगड़ा थाने ने मिसाल कायम की है जहां पेंडेंसी का आईडी प्रूफ एड्रेस प्रूफ प्रतिशत मात्र 1 फीसदी ही बचा है। नए थाने कसारवाड़ी, घाटोल और राजतालाब को छोड़ दिया जाए तो जिले के एक भी थाने में 7 फीसदी से अधिक पेंडेंसी बची नहीं है। बांसबाड़ा जिले से आगे कोटा रूरल की पेंडेंसी 4 प्रतिशत है, जो पुलिस मुख्यालय की और से निर्धारित पेंडेंसी 4 प्रतिशत से एक प्रतिशत कम है और सभी जिलों से श्रेष्ट भी है वहीँ जयपुर पूर्व, पश्चिम एवं ग्रामीण सहित 15 जिलों का पेंडेंसी प्रतिशत 20 से अधिक है

प्रदेश भी उदयपुर रेंज की परफॉरमेंस सबसे बेहतर

प्रदेश मुख्यालय की ओर से जारी किए गए पेंडिंग को लेकर परफॉर्मेंस के मुताबिक उदयपुर रेंज का काम अच्छा रहा है। उदयपुर रेंज में 17% है, जबकि सबसे खराब परफॉरमेंस जयपुर की 21 % है। कोटा 11%, बीकानेर 14, जोधपूर 16, भरतपुर 17, अजमेर 19 % है। जीआरपी का पेंडिंग 12% है। बीकानेर रेंज का के 8% के साथ बेहतर स्थिति में है। दूसरे नंबर पर श्रीगंगानगर 9 % और हनुमानगढ़ का 16 % है।

संभाग के जिलों की स्थिति
बांसवाड़ा 5 %
राजसमंद 8 %
चित्तौड़गढ़ 12 %
डूंगरपुर 9 %
उदयपुर 14 %
प्रतापगढ़ 6 %

हमने मॉनिटरिंग सिस्टम को सबसे अधिक मजबूत किया : एसपी
एसपी राजेश मीणा ने भास्कर से बातचीत में बताया कि बांसबाड़ा में पेंडेंसी निस्तारण में सबसे अहम रहा हमारा मॉनिटरिंग सिस्टम। लगातार क्राइम मीटिंग के माध्यम से इसी पर ही फोकस रखा गया कि थानों में कोई भी प्रकरण ज्यादा देर लंबित नहीं रहे। जितनी जल्द हो चालान पेश हो या एफआर लगे। इसके अलावा भी जितने भी जांच अधिकारी लय - रहे उनसे भी लगातार संवाद स्थापित करना फायदे मंद रहा। एसपी से धर लेकर सीओ स्तर के अधिकारी लगातार थानों में बिजिट कर रिकॉर्ड की जांच करते रहे और नतीजा यह रहा कि हम आज इस स्थिति में हैं।

खराब परफॉरमेंस पर फटकार भी
पेंडिंग मुकदमों के निस्तारण में ओवरऑल बीकानेर रेंज का काम बेहतर है। रेंज का प्रतिशत 14 है। रेंज के चूरू जिले में श्रेष्ठ काम हुआ है, लेकिन बीकानेर जिले में पेंडेंसी 23 प्रतिशत है, जो खराब है। रेंज के सभी पुलिस अधीक्षकों को सख्त हिदायत देकर पेंडेंसी को कम करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश के जिन थानों में 17 प्रतिशत से अधिक पेंडेंसी प्रतिशत है, उन्हें पुलिस मुख्यालय की ओर से भी फटकार लगाई गई है।

जिले के टॉप 5 थाने
भूंगड़ा 1%
खमेरा 1%
सज्जनगढ़ 2%
मोटागांव. 2%
लोहारिया 2%
महिला बाल विकास में एनटीटी के पद खत्म पूर्व प्राथमिक शिक्षकों (एनटीटी) को शिक्षा विभाग में मर्ज किए जाने के बाद महिला बाल विकास विभाग में एनटीटी के पद समाप्त कर दिए हैं। मंगलवार को महिला बाल किकास विभाग ने आदेश जारी कर दिया। इसमें कहा है कि विभाग में एनटीटी शिक्षकों के 2500 स्वीकृत थे। इनको शिक्षा विभाग में मर्ज करने के कारण महिला बाल विकास विभाग में इनको खत्म कर दिया है। शिक्षा विभाग में केवल 1835 एनटीटी शिक्षकों को ही मर्ज किया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि अभी तो एनटीटी भर्ती-2018 प्रक्रियाधीन है। इस भर्ती में 511 पद खाली हैं। कई अभ्यर्थी इन पर्दों पर प्रतीक्षा सूची का इंतजार कर रहे थे। अब इन पदों को खत्म किए जाने से खाली पदों के भरने पर संकट खड़ा हो गया है।

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