विस्थापितों के मुआवजा विवाद के बाद परमाण ऊर्जा आयोग अध्यक्ष आए, पूछा-सभी विवाद निपटे या नहीं
छोटी सरवन क्षेत्र में 50 हजार करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले 2800 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता के बांसवाड़ा न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट का काम अगले माह शुरू हो जाएगा। राजस्थान के सबसे बड़े इस प्रोजेक्ट के काम का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुभारंभ करेंगे।
रविवार को भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष एवं परमाणु ऊर्जा विभाग के सचिव डॉ. अजीत कुमार मोहंती व प्रोजेक्ट के डायरेक्टर सहित अन्य अधिकारियों ने छोटी सरवन क्षेत्र में जमीन अधिग्रहण, विस्थापितों को मुआवजा देने की जानकारी लेने के बाद साइट के चारों ओर बनाई बाउंड्री वॉल का निरीक्षण किया। कार्यालय परिसर में नवनिर्मित अतिरिक्त तकनीकी भवन का लोकार्पण व पौधरोपण भी किया। डॉ. मोहंती ने कहा कि पीएम मोदी कार्यक्रम की तिथि फाइनल नहीं हैं, लेकिन उनके आगमन का कार्यक्रम फाइनल है। जल्द ही पीएमओ से तारीख फाइनल कर अवगत कराया जाएगा। निरीक्षण के दौरान आयोग अध्यक्ष डॉ. मोहंती के साथ एनपीसीआईएल के डायरेक्टर ( प्रोजेक्ट) रंजन सरन, न्यूक्लियर एनटीपीसी लि. के ईडी प्रसन्नजीत पाल, एनटीपीसी लि. के डायरेक्टर (प्रोजेक्ट) शनमुघा सुदंरम, कलेक्टर डॉ. इंद्रजीत यादव, एसपी हर्षवर्धन अगरवाला आदि मौजूद रहे। बता दें कि साल 2018 से चल रही प्री-प्रोजेक्ट गतिविधियां जैसे भवन, रिएक्टर प्लांट निर्माण, खुदाई आदि के जिओ टेक्नीकल वर्क, वन विभाग क्लीयरेंस, रियेक्टरों को ठंडा करने के लिए सालभर 4 टीएमसी पानी की उपलब्धता और सबसे जरूरी पर्यावरण स्वीकृति मिल चुकी है।
अक्टूबर में फिजिकल वर्क शुरू करेंगे। डॉ. मोहंती ने भास्कर से बातचीत के दौरान बताया कि यहां की बिजली उत्पादन का 50% राजस्थान को मिलेगा। इससे राजस्थान में बिजली की कुल खपत की 20 प्रतिशत पूर्ति हो सकेगी। पावर प्लांट का फिजिकल वर्क अक्टूबर से शुरू हो जाएगा। पीएम नरेंद्र मोदी शुभारंभ कार्यक्रम में शामिल होंगे। वर्ष 2030 में 700 मेगावाट की पहली और 6-6 माह के अंतराल से 700-700-700 मेगावाट की तीन यूनिटें और चालू होंगी। कुल 2800 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता का राजस्थान का सबसे बड़ा प्लांट बनेगा। एक रिएक्टर से 1 दिन में 19 करोड़ यूनिट बिजली बनेगी।