20 साल देश सेवा कर 2 अगस्त को घर वापसी वागड़ के फौजी की

जगदीश पाटीदार 2002 में सैना में भर्ती हुए थे, श्रीनगर व छत्तीसगढ़ के नक्सल एरिए में भी दी सेवाएं
20 साल तक देश सेवा करने के बाद सुरवानिया के फौजी जगदीश पाटीदार पुत्र मेंगजी पाटीदार की 2 अगस्त को घर वापसी है। पाटीदार की 19 अप्रैल 2002 को सीआरपीएफ मंे नियुक्ति हुई थी। 2004 तक असम में सेवाएं दी। 2004 से 2007 तक श्रीनगर, 2007 से 2010 तक मेघालय, 2010 से 2015 तक नक्सल प्रभाावित छत्तीसगढ़ में काेबरा बटालियन में साहस का परिचय दिया। 2012 में बीजापुर छत्तीसगढ़ में नक्सली मुठभेड़ मंे कई नक्सली मारे गए, उस अभियान में पाटीदार भी शामिल रहे। 2015 से 2018 तक दिल्ली और 2018 से 2019 तक लेह में तैनात रहे। इसके बाद 2020 से अब तक कश्मीर के अनंतनाग में सेवाएं दी। इसी साल अप्रैल में अनंतनागर में राष्ट्रीय राइफल व सीआरपीएफ के संयुक्त अभियान में एक आतंकवादी का मारने वाली टीम में भी पाटीदार शामिल रहे। जगदीश पाटीदार की मां का जब निधन हुआ, तब वह सीमा पर तैनात थे। सूचना मिली, लेकिन वह मां के अंतिम दर्शन करने इसलिए नहीं पहुंच सके क्योंकि उन दिनों सीमा पर युद्ध जैसे हालात बने हुए थे। जगदीश पाटीदार ने मातृभूमि की रक्षा को प्राथमिकता दी। अपनी मां से हमेशा के लिए दूर होना जीवन की वेदना रही। सुरवानिया के कमलेश पाटीदार ने बताया कि जगदीश के परिवार में अभी पिता मंेंगजी पाटीदार, पत्नी संगीता, बेटी जाह्नवी, बेटा दिव्य पाटीदार, छोटा भाई व बहन हैं।
20 साल की देश सेवा के बाद जगदीश पाटीदार सेवानिवृत्त होकर 2 अगस्त को बांसवाड़ा आएंगे। उनके सम्मान में मंगलवार सुबह 10 बजे नया बसस्टैंड से सम्मान रैली निकाली जाएगी, जो मोहन कॉलोनी चौराहा, कलेक्ट्रेट चौराहा, गांधी मूर्ति, पाटीदार हॉस्टल दाहोद रोड, ठीकरिया, बोरवट, सागड़ौद, बड़ोदिया होती हुई उनके पैतृक गांव सुरवानिया पहुंचेगी। जहां जगदीश पाटीदार का अभिनंदन समारोह होगा। इससे पहले मंगलवार सुबह 9 बजे सभी लोग पाटीदार हॉस्टल एकत्रित होंगे, वहां से नया बस्टैंड जाकर फौजी की अगवानी करेंगे।
