ईडी खोडनिया और उसके समधि से 16 घंटे पृछताछ की कटारा को आरपीएससी सदस्य बनाने में की थी सिफारिश
पेपर लीक प्रकरण « 129 दिन बाद ईडी की डूंगरपुर में फिर एंट्री, 25 दिन पहले ही बाबूलाल कटारा को गिरफ्तार किया था
सागवाड़ा/डूंगरपुर पेपरलीक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम 129 दिन बाद फिर जिले में पहुंची। पिछली बार वह डगरपुर में बाबूलाल कटारा के घर पहुंची थी इस बार उनका लक्ष्य सागवाड़ा था। शुक्ला सुबह करीब सात बजे ईडी की टीम सीएम अशोक गहलोत के करीबी कांग्रेस नेता दिनेश खोड़निया और उनके समधि अशोक जैन के घरों में पहुंची। फिलहाल कोई भी अधिकारी जांच को लेकर किसी तरह का कोई अधिकारिक बयान नहीं दे रहे हैं।
जब ईडी ने छापेमारी की, उस समय खोड़निया घर पर मौजूद नहीं थे। वह दोपहर करीब 12.30 बजे घर पहुँचे अशोक जैन पंचायत समिति सागवाड़ा में कई सालों तक एकाउंटेंट के पद पर रहे हैं। कुछ महीनों पहले जैन ने बीआरएस ले लिया था। खोड़निया की बेटी की शादी अशोक जैन के बेटे से हुई है। खोड़निया वर्तमान में एआईसीसी सदस्य है। अभी उदयपुर विधानसभा सीट से संभावित उम्मीदवार के रूप में इनका नाम चर्चा में चल रहा है। खोड़निया के घर पर रात 11 बजे तक ईडी की टीम जांच में जी रही। जबकि बाहर सुरक्षा जवान तैनात थे। कटारा को आरपीएससी सदस्य बनाने में खोड़निया ने सिफारिश की थी।
नियुक्ति को लेकर लेन-देन के भी आरोप लगे थे, पुराने मोबाइल के चर्चे
रात को ईडी की एक टीम जो पुनर्वास कॉलोनी में जांच कर रही थी वह अशोक जैन के घर से निकली। टीम के साथ नीले रंग का एक फोल्डर और एक प्रिंटर था। माना जा रहा है कि फोल्डर में जैन के वहां से लिए कोई दस्तावेज या मौका पर्चा हो सकता है। कॉलोनी से निकलकर कह टीम पुराने शहर में खोड़निया के निवास पर पहुंची। जानकारी के अनुसार टीम अशोक जैन केघर से दो मोबाइल भी लेकर गई है। अफुट अनुसार जांच कार्रवाई में देरी का कारण दिनेश खोड़निया के पास पहले जो मोबाइल था जह उनके पास नही है, उस मोबाइल के बारे में अधिकारियों को कोई जानकारी भी नही मिल रही है। हालांकि इस बात की ईडी के अधिकारियों द्वारा अभी तक आधिकारिक कोई जानकारी नही दी गई।जानकारी के अनुसार आरपीएससी के फेपर लीक मामले में आरोपियों से पुछताछ में सामने आया कि खोड़निया सिफारिश पर ही बाबूलाल कंटारा को आरपीएससी सदस्य के रूप में नियुक्ति मिली थी। नियुक्ति को लेकर लेन-देन के भी आरोप लगे थे। आरपीएससी सदस्य बनने के बाद कटारा ने वीआरएस लिया था। कटारा साल 2013 से उदयपुर के माणिक्य लाल वर्मा आदिम जाति शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान टीआरआई में निदेशक थे। पेपर लीक प्रकरण में मुख्य आरोपी आरपीएससी सदस्य माबुलाल कटारा को 18 अप्रेल को एसओजी ने गिरफ्तार किया। इस मामले में कटारा का भांजा भी फकड़ा गया है। इससे पहले 5 जून को ईडी की टीम डूंगरपुर आई थी और करीब 10 घंटे तक परिवारजनों के करीबी एक पीटीआई से पूछताछ की थी।
कटारा कई पंचायत समितियों में बीडीओ रह चुका
पेपर लीक मामले में ईडी ने 25 दिन पहले आरपीएससी के सदस्य बाबूलाल कटारा को जयपुर से गिरफ्तार किया था। ईडी ने दोनों को कोर्ट मे पेश कर तीन दिन की रिमांड पर लिया था। ईडी ने कई बार जयपुर सेंट्रल जेल में जाकर बाबलाल कटारा से पेपर लीक में पूछताछ की थी। इससे पहले जून में ईडी की टीम जांच के लिए डूंगरपुर पहुंची थी। यहां पर विस्तृत जांच की थी। कटारा की घर की तलाशी के दौरान 51 लाख 20 हजार रुपए नकद मिले थी। वहीं 541 ग्राम सोने के गहने मिले थे।बाबुलाल कटारा डूंगरपुर जिले के भाटपुर ग्राम पंचायत के मालपुर गांव निवासी है। थर्ड ग्रेड टीचर से राजकीय सेवा की शुरुआत की। अर्थशास्त्र के व्याख्याता के रूप में बांसवाड़ा जिले में सेवा दी। 1991 में जिला सांख्यिकी अधिकारी के रुप में दो वर्ष बाड़मेर जिले में सेवाएं दी। जिला सांख्यिकी अधिकारी डूंगरपुर के रूप में सेवाएं दी। इसके बाद 1994 से लेकर 2005 तक विकास अधिकारी के रूप में खेरवाड़ा, सागवाड़ा, साबला, सीमलवाड़ा, राजसमंद के भीम, पाली जिले के सुमेरपुर, मे सेवाये दे चुके है, वगड़ के की कद्दावर नेताओं ने भी इनकी बढ़ चढ़ कर पैरवी की थी।
रिश्वत प्रकरण में खोड़निया की मध्यस्थता का जिक्र 6 सितंबर को रिश्वत मामले में पकड़े गए पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन जितेंद्र कुमार जैन मामले में एसीबी की तरफ से दर्ज किए गए प्रकरण में खोड़निया के नाम का भी जिक्र है। एक्सईएन जैन की पत्नी इस मामले को खोड़निया से काम करवाने का जिक्र करती है। इससे यह स्पष्ट है कि खोड़निया मध्यस्थता के तौर पर चर्चा में रहते है।