स्टार्ट-अप के लिए अच्छी खबर
सरकार स्टार्ट-अप कंपनियों को नियम पालन में लगने वाला समय घटाने के प्रति गंभीर है। अगर सब तय योजना के अनुरूप रहा, तो जल्द स्टार्ट-अप कंपनियों को हर महीना नियम पालन में महज एक घंटे का वक्त देना पड़ेगा। उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआइआइटी) ने जिस स्टार्ट-अप इंडिया विजन 2024 की योजना तैयार की है, उसके बहुत से प्रस्तावों में एक यह भी है कि उभरती स्टार्ट-अप कंपनियों को नियम-कानून के पालन में लगने वाला वक्त घटाया जाए। इसका सीधा मतलब यह है कि किसी स्टार्ट-अप कंपनी से एक महीने की उतनी ही जानकारी मांगी जाएगी, जितनी वे एक घंटे में भरकर जमा कर सकें।
विभाग के विजन दस्तावेज के मुताबिक अन्य प्रस्तावों में कर्ज मुहैया कराने का प्रावधान भी है। इसके अलावा विभाग इन कंपनियों के लिए 500 नए इनक्यूबेटर्स और एक्सीलरेटर्स (जहां छोटी स्टार्ट-अप कंपनियों को बड़ा बनने के गुर सिखाए जाते हैं और अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं) और शहरी स्थानीय निकायों (नगरपालिका और नगर निगम) में इनोवेशन जोन स्थापित करने के प्रस्ताव पर भी काम कर रहा है। विभाग ने यह विजन दस्तावेज विभिन्न मंत्रालयों के पास भेजा है और उस पर उनके राय मांगे हैं।
एक अधिकारी का कहना था कि वर्तमान में स्टार्ट-अप कंपनियों को जीएसटी फाइलिंग, टैक्स रिटर्न और इस तरह के कई अनुपालनों में हर महीने लंबा वक्त देना पड़ता है। इनमें इन कंपनियों को खर्च भी ज्यादा होता है। प्रस्ताव में स्टार्ट-अप कंपनियों के लिए देश में एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम भी आयोजित करना शामिल है। गौरतलब है कि स्टार्ट-अप इंडिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का एक प्रमुख कदम है। इसे जनवरी, 2016 में लांच किया गया था। इसका मकसद देश में स्टार्ट-अप इकोसिस्टम तैयार करना है। इससे देश में विकास को गति मिलेगी और रोजगार में खासा इजाफा होगा। विभाग ने अब तक 24,000 स्टार्ट-अप कंपनियों को मान्यता दी है। मान्यताप्राप्त स्टार्ट-अप कंपनियों को सरकार एंजल टैक्स समेत कई अन्य मदों में छूट भी दे रही है।