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वागड़ नेचर क्लब का श्यामपुरा वन क्षेत्र में नेचर वॉक

Banswara
वागड़ नेचर क्लब का श्यामपुरा वन क्षेत्र में नेचर वॉक
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दक्षिणी राजस्थान में पर्यावरण और पक्षियों के संरक्षण पर कार्य कर रहे वागड़ नेचर क्लब सदस्यों ने शनिवार को शहर के समीपस्थ श्यामपुरा वन क्षेत्र में नेचर वॉक का आयोजन किया। इस दौरान दल सदस्यों ने यहां पर बड़ी संख्या में पक्षियों व तितलियों की प्रजातियों के साथ ही हायना (लकड़बग्घे) के पदचिह्नों को देखकर वन्यजीवों की यहां उपस्थिति पर खुशी जताई है।  

क्लब के सदस्य व जनसंपर्क उपनिदेशक डॉ. कमलेश शर्मा, ख्यातनाम वाईल्ड लाईफ फोटोग्राफर भरत कंसारा और मास्टर जय शर्मा के नेतृत्व में हुई इस नेचर वॉक में क्लब सदस्यों ने वन क्षेत्र में लगभग दो किलोमीटर पैदल चलकर पक्षियों, तितलियों व वन्यजीवों के संबंध में डाटा संग्रहण किया। इस दौरान सदस्यों ने यहां पर मानसून के दौरान आने वाले पक्षी पाईड क्रस्टेड कुक्कू, स्केली ब्रेस्टेड मुनिया, ओरियन्टल व्हाईट आई, गोल्डन ऑरियल, आयोरा, परपल सनबर्ड, टेलर बर्ड, प्रिनिया, फेनटेल और बड़ी संख्या में मोरों को देखा। इसी प्रकार दल सदस्यों ने यहां पर टोनी कोस्टर, पायोनियर, ब्लू पेन्सी, ग्रे पेन्सी, मोटल्ड इमीग्रन्ट, ब्लू पन्सी, कॉमन जेजेबेल, कॉमन इमीग्रन्ट, व्हाईट ओरेन्ज टिप, डेनाइड एगफ्लाई, व्हाइट ओरेन्ज टिप आदि के फोटो क्लिक किए वहीं कई अन्य प्रजातियों को देखा व जानकारी संकलित की। इस दौरान सदस्यों ने यहां पर हायना (लकड़बग्घे) के जगह-जगह पर पदचिह्न देखें व इनको क्लिक किया।  

नेचुरल बटरफ्लाई पार्क है श्यामपुरा - इधर, राजस्थान में पाई जाने वाली तितलियों पर पिछले पन्द्रह वर्षों से शोध कर रहे बटरफ्लाई एक्सपर्ट व वागड़ नेचर क्लब के सदस्य मुकेश पंवार का मानना है कि श्यामपुरा वन क्षेत्र अपने-आप में एक नेचुरल बटरफ्लाई पार्क है और इसे अपने मूल स्वरूप में ही संरक्षित किए जाने पर यहां और भी अधिक तादाद में तितलियों की प्रजातियां आकर्षित की जा सकती हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017 में पंवार के नेतृत्व में वागड़ नेचर क्लब सदस्यों ने श्यामपुरा वन क्षेत्र में 38 प्रजातियों की तितलियों को देखा था। इस दौरान यहां पर कॉमन रोज, कॉमन जय, टेल्ड जय, लाईम, प्लेन टाईगर, ब्लू टाईगर, कॉमन टाईगर, ब्लू पेंसी, लेमन पेन्सी, यलो पेन्सी, टाउनी कॉस्टर, मोटल्ड एमीग्रांट, कॉमन एमीग्रांट, स्माल ओरेंज टीप, व्हाईट ओरेंज टीप, यलो ओरेंज टीप, स्माल ग्रास यलो, कॉमन ग्रास यलो, बरोनेट, इंडियन स्कीपर, इंडियन पाम बोब, फोरगेट मी नोट, ग्राम ब्लू, अफ्रीकन बबूल ब्लू, स्मोटेड स्माल फ्लेट, वेस्टर्न स्ट्रीप्ड अल्बाट्रोस, स्माल कुपीड, डार्क ग्रास ब्लू, टीनी ग्रास ब्लू, इंडियन रेड फ्लेश, राउडेड पीएरोट, कॉमन गल, पीओनिर, ग्रेट एग फ्लाई तथा डनाईड एग फ्लाई को देखा था और डाटा संग्रहित किया था। 

श्यामपुरा में ये वनस्पतियां है खास - वागड़ नेचर क्लब के सदस्यों द्वारा जुआई गई जानकारी अनुसार श्यामपुरा वन क्षेत्र में स्थानीय घास, झाडियां और पेड़-पौधे इन तितलियों और शलभ को बेहद पसंद आते हैं और इनके कारण ये यहां पर इतनी बड़ी तादाद में पाई गई हैं। यहां पर अकेसिया कटेचु, कपेरिस और ड्रेगिया वेजुबिलीयम वनस्पति के साथ बेर, इमली, रोंज, खेजड़ी, कड़ा व कड़ई के पेड़-पौधों की अधिकता है और तितलियों, हनी बी व शलभ के लिए यह बहुत ही उपयुक्त है। इसी प्रकार यहां पर लेंटाना व हिपटिस जैसी वनस्पतियों को वन क्षेत्र व तितलियों के लिए हानिकारक हैं और इनको फैलने से रोकने की आवश्यकता भी है। इसके साथ ही वन क्षेत्र में बाहरी प्रजातियों के पेड़-पौधों को लगाने की अपेक्षा स्थानीय प्रजातियों के पौधों को अधिकाधिक रोपा जाना चाहिए ताकि जैव विविधता की अनुकूलता बनी रहे।

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