जीजीटीयू के 12 बीएड काॅलेजों ने पीएआर नहीं भरी, जीराे सेशन संभव
प्रदेश में संचालित 300 से अधिक शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान पर शिक्षा सत्र 2022-23 में जीराे सेशन की आशंका है। क्योंकि इन काॅलेजाें ने राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के आदेश के बावजूद परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट (PAR) समय पर नहीं भरी। इसके चलते इन काॅलेजाें में आगामी सत्र में प्रवेश पर संशय है। इस सूची में जीजीटीयू से सम्बद्धता प्राप्त बांसवाड़ा, डूंगरपुर व प्रतापगढ़ में संचालित करीब 12 काॅलेज शामिल हैं। प्रत्येक कॉलेज में 100 सीटें हैं, जिसके अनुसार तीनों ही जिलों में करीब 1200 सीटें कम हो सकती है। वहीं यह संख्या प्रदेश में तीन हजार से अधिक है। इसका सीधा असर स्टूडेंट पर पड़ेगा, जो पीटीईटी देकर बीएड में प्रवेश के इच्छुक हैं। दरअसल, एनसीटीई ने 3 मई को एक सार्वजनिक सूचना प्रकाशित की थी, जिसमें पीएआर नहीं भरने वाले बीएड कॉलेजों को सत्र 2022-23 में विद्यार्थी आवंटित नहीं किए जाने और शून्य सत्र कहने की बात कही थी। इसके बाद भी सुधार नहीं होने पर बीएड महाविद्यालयों की मान्यता समाप्त करने तक की कार्रवाई के लिए चेताया था। इधर, काॅलेज संचालकों का तर्क है कि न ताे एनसीटीई से कोई मेल आया न ही आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा के द्वारा कोई सूचना दी गई। एनसीटीई वेबसाइट पर भी पीएआर के संबंध में काई जानकारी नहीं मिली। रिपोर्ट तैयार है, तारीख बढ़ते ही तीन से चार दिन में सूचनाएं अपलोड कर देंगे। कॉलेज संचालकों ने न्यायालय में याचिका लगाकर पीएआर भरने के लिए तिथि बढ़ाने की मांग की है।
पीएआर भरा उनकी होगी जांच : एनसीटीई पीएआर भरने वाले महाविद्यालयों की भी जांच करेगी। इसके लिए टीम गठित की जाएगी, जो संबंधित काॅलेज का निरीक्षण करेगी। निरीक्षण के दौरान पीएआर में भरी गई सूचनाओं को मौके पर वस्तु-स्थिति के तहत जांचा जाएगा। इसमें गड़बड़ी पाई जाने पर संबंधित कॉलेज पर कार्रवाई होगी।
यह है पीएआर : एनसीटीई के पोर्टल पर परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट ऑनलाइन भरनी थी। पीएआर बीएड कॉलेजों की पूरी कुंडली है। इस रिपोर्ट में कॉलेज को स्टूडेंट्स की संख्या, कॉलेज की जमीन की जानकारी, क्षेत्रफल, शिक्षकों की जानकारी व इंफ्रास्ट्रक्चर आदि जीआईएस पोर्टल पर अपलोड करना था।
प्रदेश में डीएलएड की 1550 सीटें होंगी प्रभावित
प्रदेश के सभी जिलों की डाइट में संचालित 33 में से 31 डीएलएड कॉलेज में नवीन सत्र पर तलवार लटक रही है। बीएसटीसी कॉलेजों का 2022-23 सत्र जीरो रहने की आशंका है, क्योंकि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की ओर से जारी सूची में इन कॉलेजों का नाम नहीं है। अगर ऐसा है तो करीब 1,550 सीटों पर गाज गिर सकती हैं। एनसीईटी की ओर से अप्रेजल रिपोर्ट को भरने की तारीख को कई बार बढ़ाया गया था। फिर अंतिम तारीख 2 अप्रैल रखी गई थी। 31 कॉलेजों में जीरो सत्र के होने की आशंका है। हर कॉलेज में 50 सीटें हैं। ऐसे में 31 कॉलेज के हिसाब से 1,550 सीटों पर प्रवेश नहीं हो पाएगा।