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फूलों का ये जाल तालाब को रखेगा प्रदूषण से दूर

Banswara
फूलों का ये जाल तालाब को रखेगा प्रदूषण से दूर
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क्योंकि...गंदगी पानी में जमने नहीं देती सिंघाड़े की बेल, इसकी जड़े पानी को करती है फिल्टर

बांसवाड़ा| गर्मी के सीजन में जिले के तालाबाें में बड़े स्तर पर सिंघाड़े की खेती हाेती है। कई जगह तालाबाें में इनकी बेलाें में फूल खिल उठे हैं। इससे किसान उत्साहित हैं, लेकिन उन्हें गर्मी का भी डर सता रहा है। क्याेंकि, इस बार गर्मी का असर बेहद ज्यादा है। तापमान ने 33 सालाें का रिकाॅर्ड ताेड़ दिया है। एेसे में किसानाें काे डर है कि जल्द ही तापमान में गिरावट नहीं आई ताे सिंघाड़े की बेलाें में सुरैली या कटाव नाम के कीड़े लग सकते हैं। ये कीड़े इतने खतरनाक हैं कि महज 10 दिन में ही 2 बीघा तक में फैली बेल काे चट कर देते हैं। शहर के बाईतालाब के अलावा ग्रामीण क्षेत्राें में भी बड़े स्तर पर सिंघाड़ा उगाया जा रहा है। किसान सुनील केवट ने बताया कि सिंगाड़े की बेल प्राकृतिक रूप से तालाबाें के लिए अच्छी हाेती है। यह तालाब के पानी में सीधे ताैर पर गिरने वाली गंदी चीजाें काे राेक देती है। इसके अलावा फूलों के स्पंज प्राकृतिक रूप से पानी फिल्टर का काम करते हैं। राेपने के लिए इसकी बेल 30 हजार रुपए में मध्यप्रदेश से लाए हैं।

खतरा : तापमान बढ़ने पर लग जाते हैं कीड़े
किसान मंगल बाथम बताते हैं कि करीब सात माह तक इसका ध्यान रखना होता है। गर्मी बढ़ते ही इसकी बैल में सुरैली और कटाव नाम का कीड़ा लगने का खतरा रहता है।

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