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9 बजे 9 मिनट दीये जलाने का महत्व, क्या सोच है प्रधानमंत्री मोदी की जाने यहाँ पर

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9 बजे 9 मिनट दीये जलाने का महत्व, क्या सोच है प्रधानमंत्री मोदी की जाने यहाँ पर
@HelloBanswara - National -

रविवार रात 9 बजे 9 मिनट सभी इलेक्ट्रिक लाइट बंद कर दीपक और कैंडल जलाने का महत्व पूरी तरह से प्रमाणित तो नहीं हुवा है पर इसका कहीं न कहीं लॉजिक तो अवश्य ही है, क्यूँकि हमारे प्रधानमंत्री ने शोधकर्ताओं के द्वारा ही ऐसा करने के लिए कहाँ होगा । थोड़ी रिसर्च और ज्योतिषाचार्य से बातचीत से कुछ लॉजिक जरूर सामने आये है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब कोई व्यक्ति पैदा होता है तो उसका स्वाभाव चन्द्र जिस स्थिति में होता है उस पर आधारित होता है और 5 अप्रैल, 2020 सिंह राशी का चन्द्रमा है और उस दिन उसका प्रभाव सिंह जैसा होगा और जब चन्द्रमाँ समुद्र में ज्वार भाटा चंद्रमा के आकर्षण के कारण होता है  अतः इस बात को नहीं नकारा जा सकता कि समुद्र के जल को चंद्रमा ज्वारभाटा ला सकता है तो चंद्रमा मानव के भीतर पानी को भी हिला सकता है। 

 

5 अप्रैल, 2020 द्वादशी है और वो पूर्णिमा की और बढ़ रहा है और चन्द्रमाँ पूर्णिमा की और बढ़ते समय अपनी पूरी तरह से शक्ति में रहता है तो 5 तारीख को जब सभी लोग इलेक्ट्रिसिटी लाइट बंद करेंगे तो चन्द्रमाँ अपनी रौशनी धरती पर भेजेगा और तो कहीं हद तक संक्रमण को कमजोर करेगा यह माना जा सकता है और उसी दौरान सभी लोग दिए कैंडल जलाएंगे तो उससे निकलने वाला प्रकाश और ऊष्मा भी संक्रमण को कमजोर करने में सहायक होना माना जा सकता है। वैसे अगर सरसों के तेल का दीपक अगर जलाते है तो वातावरण से संक्रमण को खत्म करने में सहायक जरूर होता है।

इन तथ्यों से हम यह अनुमान लगा सकते है कि इससे संक्रमण कम हो सकता है पर इन तथ्यों को कहीं हद तक सहीं भी माना जा सकता क्यूंकि इनसे यह नहीं पूरी तरह से संक्रमण खत्म हो जाएगा पर वायरस कमजोर पढने की आशंका जरूर मान सकते है और वातावरण में सकारात्मक उर्जा आएगी है। वैसे इसे इस प्रकार से भी सोच सकते है कि हमारे भारत की संस्कृति पूरी तरह से वैज्ञानिक तरीके से बनी है और उस आधार पर हमारे देश में संक्रमण को खत्म करने और उससे लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता अधिक है।  क्यूंकि होली के समय बदलते समय के आधार पर हम होली दहन करते है जिससे वातावरण के बदलाव होने के कारण नए संक्रमण को खत्म करने में सहायक होता है, हर वर्ष दिवाली के पहले नवरात्री में भी वातावरण बदलता है और इससे में अष्टमी में पुरे देश में हवन होता है और उस दौरान हवन में डाली जाने वाली सामग्री में संक्रमण को खत्म कर वातावरण को शुद्ध करती है और उसमे से निकलने वाला ताप और धुवा भी हमारे शरीर को स्वस्थ करने में सहायक होता है। ऐसे हमारे देश में मनाये जाने वाले सभी त्यौहार के जो वास्तविक पुराने नियम है वो कहीं न कहीं वैज्ञानिक शोध के आधार पर जिन्हें धर्म के साथ जोड़ दिया गया है।

इसी को देखते हुवे भारत के प्रधान मंत्री ने पुरे देश में सभी को ऐसा करने के लिए कहाँ है और मोदी की ये अपील देश के सभी लोग मान रहे है जो एक सन्देश भी जा रहा है की सभी लोग एक साथ इस लड़ाई को लड़े और यह एक यज्ञ है 9 मिनट का जो एक जुटता का सन्देश भी है । तो आओ इस एक जुटता में शामिल होकर इस यज्ञ को करते है क्यूंकि अगर इससे थोड़ी भी सकारत्मक उर्जा मिलती है तो कहीं न कहीं ये हमारे और हमारे देश के लिए फायदेमंद ही है।

हर वर्ष 5 अप्रैल को नेवी के जवान कैंडल जलाते है।

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