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भरत के दो दोस्तों की गिरफ्तारी‎ दिखाई, हत्या या हादसा छिपाया‎

Banswara
भरत के दो दोस्तों की गिरफ्तारी‎ दिखाई, हत्या या हादसा छिपाया‎
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    दिन में लोगों का प्रदर्शन देख रात 11:36 बजे जारी किया ‎प्रेसनोट‎

    चिड़ियावासा‎ पाड़ीकला में गाेली लगने से भरत की माैत पर सदर‎ पुलिस ने शनिवार रात 11:36 बजे प्रेसनाेट जारी‎ ‎ किया। पुलिस ने‎ ‎ मुख्य आराेपी‎ ‎ मुजफ्फर उर्फ मजु‎ ‎ पठान और इज्जतखां‎ ‎ उर्फ मुन्नालाला की‎ ‎ गिरफ्तारी बताई,‎ ‎ लेकिन भरत की‎ ‎ माैत हादसे में हुई या‎ ‎ उसकी हत्या कर दी‎ गई, इसका जवाब अभी भी पुलिस के पास नहीं है।‎ सदर थानाधिकारी रमेशचंद्र से जब इस संबंध में पूछा‎ गया ताे उन्हाेंने सिर्फ इतना ही कहा कि मामले की‎ जांच चल रही है। पूछताछ के बाद आगे की स्थिति‎ साफ हाेगी। एेसे में गाेली किसने चलाई? गलती से‎ चली या जानबूझकर चलाई गई? बंदूक किसकी थी?‎ यह तमाम सवाल अभी अनसुलझे है।‎ इस संबंध में भरत के पिता ने नाना पटेल की आेर‎ से पुलिस काे दी गई रिपाेर्ट में बताया कि घटना के‎ दिन मजु उनके घर आया था और भरत काे बिनाैले में‎ घाेड़ा ले जाने के लिए साथ ले जाने की बात कही।‎ जिस पर उसे इनकार करने पर वज जबरन भरत काे‎ बाइक पर बिठाकर अपने साथ ले गया। एक घंटे बाद‎ पाडीकला सब सेंटर के पास भरत मृत मिला। रिपाेर्ट‎ में बताया कि मलमास में काेई विवाह समाराेह नहीं‎ हाेते, फिर भी मजू बिनाैले में जाने की बात कहकर‎ भरत काे ले गया। पिता ने आशंका जताई कि मजु‎ और मुन्नालाला ने षडयंत्र करके भरत की हत्या कर‎ दी। रिपाेर्ट पर पुलिस ने हत्या के आराेप में केस दर्ज‎ कर जांच शुरू कर दी है।‎ ‎

    सर्व समाज एकजुट : पीड़ित परिवार काे‎ आर्थिक मदद, सरकारी नाैकरी की मांग‎
    भरत की माैत के मामले में आक्रोशित‎ सर्व समाजजन शनिवार काे‎ रातीतलाई खेल मैदान पर इकट्ठा हुए।‎ जहां पूर्व राज्यमंत्री भवानी जोशी,‎ उपजिला प्रमुख डॉ. विकास‎ बामनिया, हकरू मईड़ा, करणी सेना‎ प्रदेश अध्यक्ष भंवरसिंह सलाड़िया‎ सहित लक्ष्मीपुरा और अन्य कई गांवों‎ के पटेल समाज के लोग शामिल हुए।‎ ग्रामीणों ने राज्य मंत्री अर्जुन सिंह‎ बामनिया, कलेक्टर, एसपी के नाम‎ उपखंड अधिकारी पर्वत सिंह चूंडावत‎ और डीएसपी सूर्यवीर सिंह को ज्ञापन‎ दिया। उन्हाेंने सरकार और प्रशासन से‎ इस मामले में दोषियों के विरुद्ध‎ तत्काल कानूनी कार्रवाई कर‎ फास्टट्रैक काेर्ट में मुकदमा चलाने,‎ दाेषियाें काे फांसी की सजा दिलाए‎ जाने, मृतक परिवारजनों को 20‎ ‎ लाख रुपयाें की आर्थिक मदद देने‎ और मृतक परिवार में से किसी एक‎ सदस्य को सरकारी नौकरी दिलाने की‎ मांग की गई। लाेग जब तक मृतक के‎ परिजनों को सरकार की ओर से‎ आर्थिक सहायता और उसे मारने‎ वाले की ओर से धन राशि नहीं दी‎ जाती और मृतक के परिजन को‎ सरकारी नौकरी नहीं दी जाती तब तक‎ पोस्ट मार्टम नहीं करने की मांग पर‎ ग्रामीण अड़ गए। इसी बीच सीआई‎ रतन सिंह और सीआई महिपाल सिंह‎ ने समझाइश की और पोस्टमार्टम‎ करवाने में सहयोग की बात कही।‎ बाद में सीआई पुलिस की जीप में‎ कुछ ग्रामीणों को उच्चाधिकारियों से‎ वार्ता के लिए ले गए फिर पोस्टमार्टम‎ करवाने और अंतिम संस्कार करवाने‎ पर सहमति बनी।‎

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