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7 हजार कृषि पर्यवेक्षक पहुंचे धरना स्थल पर:प्रदेश के सभी उपनिदेशक कार्यालयों के बाहर नारेबाजी की, 16 अगस्त के बाद से छोड़ देंगे ऑनलाइन काम

Banswara
7 हजार कृषि पर्यवेक्षक पहुंचे धरना स्थल पर:प्रदेश के सभी उपनिदेशक कार्यालयों के बाहर नारेबाजी की, 16 अगस्त के बाद से छोड़ देंगे ऑनलाइन काम
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अपनी मांगों को लेकर मंगलवार को 7 हजार कृषि पर्यवेक्षकों ने मंगलवार को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर उपनिदेशक कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन किया। बांसवाड़ा में ठीकरिया स्थित उप निदेशक कार्यालय (आत्मा) परिसर में बागीदौरा और बांसवाड़ा सहायक निदेशक (कृषि विस्तार) से जुड़े करीब 186 कृषि पर्यवेक्षकों ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया। कई घंटों तक कार्यालय के बाहर जमा पर्यवेक्षकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। पर्यवेक्षकों ने स्पष्ट किया कि अगर, उनकी मांगों पर गौर नहीं होता है तो वह 16 अगस्त से विभाग के सभी ऑनलाइन कामों का बहिष्कार करेंगे। वहीं ऑफलाइन कामों के साथ ड्यूटी बजाते रहेंगे। पर्यवेक्षकों की नाराजगी से किसी भी किसान का अहित होता है तो इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। पर्यवेक्षकों की मांग पर डिप्टी डायरेक्टर केसी मीणा को कार्यालय के बाहर धरना स्थल पर पहुंचकर आंदोलन संबंधित नोटिस लेना पड़ा। मौके पर संगठन के स्थानीय जिलाध्यक्ष महेंद्र कुमार दवेतरा, जिला संरक्षक ध्रुवशंकर पाटीदार, कलस्टर अध्यक्ष प्रभुलाल निनामा, बागीदौरा कलस्टर अध्यक्ष सुरेशचंद्र पाटीदार, महामंत्री हरीश मईड़ा मौजूद थे। गौरतलब है कि 10 अगस्त को कृषि पर्यवेक्षक संयुक्त समन्वय समिति, राजस्थान की ओर से मुख्यमंत्री, विभागीय कमीश्नर, राज्यपाल, मुख्य शासन सचिव सहित अन्य लोगों को ज्ञापन देकर इस विरोध की जानकारी दी गई थी। इसके बाद सभी कृषि पर्यवेक्षकों ने विभाग की ओर से बनाए हुए ऑफिसियल व्हाट्सएप ग्रुप छोड़ दिए थे।

सरकार के खिलाफ नारेबाजी।
सरकार के खिलाफ नारेबाजी।

कृषि पर्यवेक्षकों की यह हैं मांगें

  • कृषि पर्यवेक्षकों की ग्रेड पे 3600 की जाए।
  • 2013 के बाद नियुक्त पर्यवेक्षक की वेतन कटौती को वापस लेकर प्रारंभिक मूल वेतन 9840 के अनुसार सातवें वेतन आयोग में स्थरीकरण किया जाए।
  • 7,14, 21 व 28 वर्ष की सेवा अवधि पर चयनित वेतनमान दिया जाए।
  • 48 से 54 सौ तक ग्रेड पे प्राप्त पर्यवेक्षकों को पद सहित अपग्रेड कर सहायक कृषि अधिकारी बनाया जाए।
  • कृषि स्नातक पर्यवेक्षक को 18 वर्ष पर चयनित वेतनमान श्रंखला का लाभ दिया जाए।
  • सहायक कृषि अधिकारी पदोन्नति का कोटा 60 प्रतिशत किया जाए।
  • कृषि पर्यवेक्षक व सहायक कृषि अधिकारी का अनुपात 4:.1 होना चाहिए।
  • प्रत्येक ग्राम पंचायत में कृषि पर्यवेक्षक होना चाहिए।
  • उद्यान विभाग व भू संरक्षण विभाग में सहायक कृषि अधिकारी एवं कृषि पर्यवेक्षक का पद सृजित किए जाए।
  • आरपीएससी से होने वाली अधिकारी भर्ती में पर्यवेक्षकों के लिए 15 प्रतिशत कोटा तय किया जाए।
  • किसान सेवा केंद्र का मासिक किराया 15 सौ रुपए किया जाए।
  • अतिरिक्त कार्य भत्ता के तौर पर 25 सौ रुपए दिया जाए।
  • अन्य नौकरियों की तरह पर्यवेक्षक को भी हार्ड ड्यूटी अलाउंस मिलना चाहिए।
प्रदर्शन को संबोधित करते वक्ता।
प्रदर्शन को संबोधित करते वक्ता।

ये काम होंगे प्रभावित
विभाग के व्हाट्सग्रुप से अलग होने के बाद पर्यवेक्षकों को ऑनलाइन मिलने वाली सूचना बंद हो गई है। किसानों की तत्काल समस्या के निस्तारण को लेकर अब मोबाइल फोन ही माध्यम रह गया है। ऑनलाइन काम बंद करने पर किसान परिवार कृषि यंत्रों की खरीदारी और सरकारी योजना का लाभ नहीं ले पाएंगे। इसी तरह खेत तलाई यानी खेत में तालाब बनाने के लिए किसानों को चक्कर काटने होंगे। इसी तरह अनुदान फार्म जैसी करीब 14 सरकारी योजनाएं अटक जाएंगी। इनमें से अधिकांश आवेदन ऑनलाइन ही मिलते हैं। ऐसे में किसानों को नुकसान होगा।

ठीकरिया स्थित विभागीय कार्यालय।
ठीकरिया स्थित विभागीय कार्यालय।

पहले ही चेता चुके हैं
मामले में समन्वय समिति के प्रदेशाध्यक्ष आनंदसिंह राठौड़ ने बताया कि उनकी ओर से सरकार और सभी जिम्मेदारों को पहले ही चेतावनी दी जा चुकी है। अब 16 अगस्त से सभी ऑनलाइन काम बंद कर देंगे। कार्यालय और फिल्ड के काम बदस्तुर जारी रहेंगे।

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