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ग्रामीण परिवहन सेवा की बसें बिना चले रोडवेज डिपो में ही कंडम हाे गई

Banswara
ग्रामीण परिवहन सेवा की बसें बिना चले रोडवेज डिपो में ही कंडम हाे गई
@HelloBanswara - Banswara -

ग्रामीण क्षेत्रों से जिला मुख्यालय तक पहुंचने के लिए आेवरलाेड वाहन ही सहारा


करीब छह साल पहले शुरू हुई रोडवेज की ग्रामीण बस सेवा धीरे-धीरे पूरी तरह बंद हाे गई। हाल ही संपन्न जिला परिषद की बैठक में इन बसाें काे मुद्दा उठा ताे बताया कि इनमें से कई बसें नीलाम हाे चुकी हैं।


यहां डिपो में जाे बसें खड़ी हैं, वे नकारा घोषित की जा चुकी हैं। इन बसाें के बंद हाेने से बांसवाड़ा जिले में ग्रामीणों काे जिला मुख्यालय व अन्य बड़े कस्बों तक पहुंचने के लिए अब जीप, टेंपाे आदि ही प्रमुख सहारा है, जाे क्षमता से अधिक सवारियां भरकर चलते हैं। हालांकि इन मार्गों पर कुछ परमिटशुदा निजी बसें भी हैं, लेकिन वे अपर्याप्त हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2014 में बांसवाड़ा रोडवेज डिपो काे ग्रामीण परिवहन सेवा के लिए 30 से अधिक बसें मिली थी। आने के बाद से ही पहले ताे अलग-अलग कंपनियों की हाेने से बदला गया। जाे कि घटते-घटते 15 रह गई।


ग्रामीण परिवहन सेवा का आधा खर्च सरकार देती थी
ग्रामीण परिवहन सेवा में यात्रियों के लिए किराया तय था। ग्रामीण रूटों पर पर्याप्त मात्रा में यात्रीभार नहीं मिलने से इन गाड़ियाें के संचालन में बाधा थी। इन बसाें काे शुरू करने से पूर्व ही राज्य सरकार व रोडवेज में एक करार हुआ था। जिसके अनुसार इन गाड़ियाें के संचालन में आने वाला आधा खर्च सरकार अनुदान के रूप में रोडवेज काे देती थी। सरकार ने चार साल पहले यह खर्च देना बंद कर दिया ताे धीरे-धीरे इन गाड़ियों का संचालन भी बंद हाे गया।

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