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बांसवाड़ा-बागीदौरा केंद्र पर किसानों का गेहूं राजफेड ने खरीदा, 15 दिन बाद भी भुगतान नहीं

Banswara
बांसवाड़ा-बागीदौरा केंद्र पर किसानों का गेहूं राजफेड ने खरीदा, 15 दिन बाद भी भुगतान नहीं
@HelloBanswara - Banswara -

जिले के 11 खरीद केंद्र 1 अप्रैल से शुरू हो गए है, लेकिन किसानों का पंजीयन देरी से होने के कारण न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी 6 अप्रैल से शुरू हो पाई। जिले की कृषि उपज मंडी और बागीदौरा का केंद्र बांसला नर्सरी के पास राजफेड और अन्य 9 केंद्रों पर एफसीआई की ओर से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी जा रही है। सबसे बड़ी बात यह है कि बांसवाड़ा मंडी और बागीदौरा में जो राजफेड किसानों का गेहूं खरीद रहा है, उसका भुगतान 20 अप्रैल तक नहीं हुआ है, जिससे किसान आर्थिक परेशानी से जूझ रहे हैं, वहीं कुशलगढ़, बड़ोदिया, आनंदपुरी, परतापुर-गढ़ी, अरथूना, तलवाड़ा, घाटोल और गनोड़ा खरीद केंद्रों पर किसानों का गेहूं तौलते ही दो दिन में उनके खातों में रुपए जमा किए जा रहे हैं। जनजाति बहुल बांसवाड़ा जिले में अधिकांश किसान कृषि पर ही अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं, ऐसे में उनकी फसल का भुगतान समय पर नहीं होने से किन परेशानियों का सामना करना पड़ता है, वह अधिकारी नहीं समझ सकते हैं। राजफेड द्वारा भुगतान में देरी से किसानों को केसीसी लोन अधिक ब्याज मय भरना पड़ेगा। राजस्थान सरकार ने एक अप्रैल से गेहूं की खरीदी के लिए केंद्र खोलने के आदेश दिए थे, लेकिन राजफेड प्रबंधन ने 6 अप्रैल से गेहूं की खरीदी शुरू कर पहले तो राजस्थान सरकार के आदेश की ही धज्जियां उड़ा दीं। वहीं दूसरी ओर अब गरीब आदिवासी किसानों को गेहूं खरीदने के कई दिन बीतने के बावजूद भुगतान नहीं कर बदतर हालात में उनकी हालत का मखौल उड़ाया जा रहा है। खास बात तो ये है कि जहां किसानों को राजफेड प्रबंधन द्वारा भुगतान नहीं किया जा रहा है लेकिन इस मामले में जिले का कोई भी जिम्मेदार जनप्रतिनिधि या जिला अधिकारी गरीब आदिवासी किसानों के हित में बोलने को तैयार नहीं है। इधर जिले के किसानों को गेहूं बेचने के एवज में समर्थन मूल्य की राशि नहीं मिलने पर राजफेड के आरओ वीएन सिंह से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जयपुर से राशि एक करोड़ 67 लाख स्वीकृत हुई है। लेकिन जब उनसे तारीख पूछी गई तो उन्होंने इससे अनभिज्ञता जताई। उन्होंने कहा कि जाे अांकड़े मेरे पास हैं उनके अनुसार बांसवाड़ा में 75 किसानाें से 6189 क्विंटल गेहूं खरीदी के एवज में 49 किसानाें के बैंक खाताें में 69 लाख रुपए अाैर बागीदाैरा केंद्र पर 79 किसानाें से खरीदे गए 7337 क्विंटल गेहूं के एवज में 49 किसानाें के बैंक खाताें में 78 लाख रुपए जमा करवाने की कार्यवाही की गई है। ये राशि उनके बैंक खातों में आ जाएगी। इन आंकड़ों पर भरोसा करें तो फिर भी दोनों खरीद केंद्रों के काफी किसान भुगतान से आज भी वंचित हैं।


इन केंद्राें के किसानाें ने बेचा

गेहूं केंद्र - किसान - गेहूं क्विंटल में

बांसवाड़ा 75 6189

बागीदाैरा - 88 8900

घाटाेल - 68 6720.5

गनाेड़ा - 153 3087

तलवाड़ा - 121 14500

परतापुर-गढ़ी- 104 7826.5

बड़ाेदिया - 190 21716.5

छींच - 200 28, 000

कुशलगढ़ - 37 2481.5

अानंदपुरी - 15 1123.5

अरथूना 70 5134.5


इधर भारतीय किसान संघ के संभागीय अध्यक्ष रणछाेड़ पाटीदार ने बताया कि किसानों का गेहूं काफी देरी से खरीदा गया और उसके बाद अब भुगतान में भी देरी कर रहा है। पाटीदार ने किसानाें के गेहूं का भुगतान जल्द करने की मांग की है। इधर बांसवाड़ा शहर से सटे ठीकरिया गांव के किसान अमरेंग पटेल ने बताया कि उसने 6 अप्रैल को बांसवाड़ा खरीद केंद्र पर 280 क्विंटल गेहूं बेचा था, लेेकिन अभी तक उनके बैंक खाते में एक भी रुपया जमा नहीं हुअा है। एेसी ही हालत जिले के सैकड़ाें किसानाें की है।

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