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मुंबई के लॉकडाउन ने बढ़ाया काेराेना का खतरा, रोज 400-500 लोग आ रहे

Banswara
मुंबई के लॉकडाउन ने बढ़ाया काेराेना का खतरा, रोज 400-500 लोग आ रहे
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अब महाराष्ट्र अाैर केरल से अाने वालाें काे 72 घंटे पहले कराना हाेगा अारटीपीसीअार टेस्ट


काेराेना संक्रमण के मरीज बढ़ते देखाकर एक बार फिर मुंबई सहित पूरे महाराष्ट्र में सरकार ने लॉकडाउन लगा दिया। मुंबई में फैले इस खतरे की अाहट बांसवाड़ा तक देखने काे मिल रही है। प्रदेश सरकार ने इसे देखते हुए मुंबई अाैर केरल से अाने वाले हर यात्री के लिए 72 घंटे पहले अारटीपीसीअार टेस्ट की अनिवार्यता कर दी है। इसके बाद ही उन्हें प्रदेश में प्रवेश मिलेगा। इसके लिए सरकार द्वारा सभी जिला कलेक्टरों काे निर्देश दिए जा चुके हैं। एक अाेर जहां पहले जिले में पिछले कुछ दिनाें से हर राेज 7 से 8 केस अाैसत अाने लगे है। उसमें भी खासतौर पर शहर में नई आबादी में संक्रमितों की संख्या में दिनाें दिन बढ़ोतरी हाे रही है। अब मुंबई के कारण यह समस्या बढ़ गई है। क्योंकि मुंबई समेत पूरे महाराष्ट्र में वागड़ के लोग काम करते हैं, जो रोज आना जाना करते हैं। बांसवाड़ा ही नहीं बल्कि वागड़ के कई गरीब परिवार अाैर मध्यमवर्गीय परिवार के लाेग रोजगार अाैर अपने छाेटे बड़े व्यापार से जुड़े हैं। साथ ही कई विद्यार्थी अाैर नौकरीपेशा लाेग भी वहां पर रह रहे हैं। बीते दाे हफ्तों में वहां पर 3 गुना मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी काे देखते हुए सरकार ने अमरावती काे 7 दिन के लिए लाॅक कर दिया है अाैर पूणे सहित अन्य कुछ शहरों में नाइट कर्फ्यू लगा दिया है। प्रदेश में बड़े कार्यक्रमों पर भी राेक लगाने से वागड़वासियाें की चिंताएं बढ़ गई हैं। रोज निजी ट्रेवल्स की 3 बसें नियमित शहर से हाेकर गुजरती हैं। हरिअाेम ट्रेवल्स के राहुल बताते हैं कि दोपहर 2 बजे, शाम 5 बजे अाैर साढ़े 5 बजे बसें रवाना हाेती हैं। यह बसें सागवाड़ा, परतापुर अाैर बांसवाड़ा शहर से हाेकर गुजरती हैं। सागवाड़ा से मुंबई जाने वाले यात्रियों की संख्या अधिक हैं। एक अाैसत माने ताे हर राेज 400-500 लाेगाें का मुंबई अाैर बांसवाड़ा के बीच अाना जाना हाेता है। वहीं जानकारी के अनुसार जिले के कुशलगढ़ क्षेत्र से भी कुछ वाहन मुंबई अाैर अन्य शहरों के लिए जाते हैं।
निजी वाहनों से आ रहे शहरवासी...
प्रशासन के लिए महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों से अाने वालों की पहचान करना चुनौती बनी
इधर, महाराष्ट्र अाैर केरल में काेराेना पॉजिटिव लाेगाें व इस बीमारी से ग्रसित लाेगाें की माैत के बढ़ते मामलों ने जिला प्रशासन की चिंताएं बढ़ा दी है। यहां परेशानी यह अा रही है कि बांसवाड़ा जिले की काेई भी सीमा सीधे महाराष्ट्र से नहीं जुड़ी है। गुजरात बॉर्डर से सटे बांसवाड़ा जिले में भी रोजाना सैंकड़ाें लाेग महाराष्ट्र के विभिन्न शहरों से अाते हैं। लेकिन, वहां से अाने वाले मध्यप्रदेश या गुजरात राज्य की सीमा से बांसवाड़ा जिले में प्रवेश करते हैं। एेसे में काराें, जीपों सहित अन्य निजी वाहनों से अाने वालों की यह पहचान करना मुश्किल है कि वे महाराष्ट्र से अा रहे हैं या गुजरात-एमपी से। जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह ने बताया कि इस संबंध में अभी योजना तैयार की जा रही है। बसों से अाने वाले लाेगाें की जांच के लिए ट्रैवल्स एजेंसियों के जरिए जांच व निगरानी करना तय किया है। मुंबई, पूना सहित महाराष्ट्र के अन्य स्थानों से जाे बसें जिले में अाती है। उन्हें बांसवाड़ा जिले की गुजरात अाैर एमपी बॉर्डर पर ही रुकवा ली जाए। उसमें सवार यात्रियों के काेराेना जांच संबंधी रिपोर्ट जांच ली जाए। आवश्यकता हाेने पर उनकी दोबारा काेराेना जांच भी कराई जा सकती है।
11 महीने पहले भी मुंबई से ही पहुंचा था काेराेना
मुंबई का वागड़ से सीधा संबंध रहा है। वागड़ के कई लाेग वहां पर चाय का केंटीन चलाते हैं और होटलों पर काम करते हैं। यही नहीं, 11 महीने पहले कुशलगढ़ में काेराेना का पहला केस सामने अाया था वाे भी मुंबई से ही पहुंचा था। इसके बाद ताे कुशलगढ़ में लगातार एक के बाद एक 66 संक्रमितों के केस सामने अाया अाैर कम समय में कुशलगढ़ काेराेना का सेंटर बन गया।

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