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जम्मू-कश्मीर / पुलवामा के आत्मघाती हमलावरों का सहयोगी गिरफ्तार; जैश के आतंकियों को घर में शरण दी थी, विस्फोटक भी मुहैया कराया

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जम्मू-कश्मीर / पुलवामा के आत्मघाती हमलावरों का सहयोगी गिरफ्तार; जैश के आतंकियों को घर में शरण दी थी, विस्फोटक भी मुहैया कराया
@HelloBanswara - National -

श्रीनगर. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शुक्रवार को पुलवामा हमले में शामिल आत्मघाती आतंकियों के अहम सहयोगी को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों के मुताबिक, शाकिर बशीर मगरे नाम का यह आतंकी पुलवामा हमले में आरोपी है। जैश-ए-मोहम्मद के इस ओवरग्राउंड आतंकी ने पुलवामा के आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार को अपने घर में शरण दी थी। उसे हमले का सामान भी मुहैया कराया था। 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आंतकी हमले में 44 जवान शहीद हुए थे।

एनआईए ने कहा, “पूछताछ में शाकिर ने कबूल किया है कि उसने 2018 के आखिर से लेकर 2019 में पुलवामा हमले की तारीख तक आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार और पाकिस्तानी आतंकवादी मोहम्मद उमर फारूक को अपने घर में शरण दी थी। उसने दोनों ही आतंकियों की आईईडी विस्फोटक तैयार करने में मदद भी की थी।” शाकिर को 15 दिन के लिए एनआईए की हिरासत में भेजा गया है।

आतंकियों ने 350 किलो आईईडी का इस्तेमाल किया था

14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर में पुलवामा के अवन्तीपुरा इलाके में सीआरपीएफ के काफिले पर फिदायीन हमला हुआ था। गोरीपुरा गांव के पास हुए इस हमले में 44 जवान शहीद हो गए थे। आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटक से लदी गाड़ी सीआरपीएफ जवानों को ले जा रही बस से टकरा दी थी। हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। पुलवामा हमला कश्मीर में 30 साल का सबसे बड़ा आतंकी हमला था। हमले को आदिल डार ने अंजाम दिया था, जो जैश-ए-मोहम्मद का आतंकी था। जांच में पता चला था कि आतंकियों ने हमले के लिए 350 किलो IED का इस्तेमाल किया था।

हमले के बाद भारत ने एयर स्ट्राइक की

14 फरवरी 2019 को पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 44 जवानों की मौत के बाद भारत ने 26 फरवरी 2019 को बालाकोट में एयर स्ट्राइक की थी। 27 फरवरी 2019 को पाकिस्तान ने भारतीय वायुसीमा का उल्लंघन किया था। इसका जवाब देते हुए विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान का विमान पाकिस्तानी सीमा में क्रैश हो गया था और कमांडर अभिनंदन पाकिस्तानी सेना की गिरफ्त में आ गए थे। भारत के दवाब के बाद 1 मार्च 2019 को उन्हें रिहा किया गया था।

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